दिल्ली के बारे में रोचक तथ्य – Interesting Facts On Delhi In Hindi
‘दिल्ली’ अथवा ‘दिल्लिका’ शब्द सर्वप्रथम उदयपुर से प्राप्त शिलालेखों पर पाया गया। इस शिलालेख को सन् 1170 का समझा जाता है। ऐसा आकलन है कि वर्तमान में हम जिसे दिल्ली कहते हैं वह पहले सात बार उजाड़ी व विभिन्न स्थानों पर बसायी जा चुकी है। वैसे मौर्यकाल (300 वर्ष ईसापूर्व) से इस क्षेत्र में एक नगर का विकास करना प्रारम्भ किया गया।
दिल्ली की जीवन-रेखा यमुनानदी दिल्ली के पूर्वी क्षेत्रों को विलग करती है, ये क्षेत्र यमुनापार कहलाते हैं जो कि नयी दिल्ली के अनेक सेतुओं द्वारा परस्पर जुड़े हुए हैं, दिल्ली मेट्रो भी दो सेतुओं द्वारा नदी पार कराती है। आइये अब दिल्ली से सम्बन्धित 41 रोचक तथ्यों को पढ़ते हैं..
1. दिल्ली का आधिकारिक नाम – राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली जो कि यमुना नदीतट पर बसी है।
2. दिल्ली का मूल नाम – इतिहासविदों का मानना है कि दिल्ली का मूल नाम योगिनीपुर (योगिनियों का नगर) था, यहाँ दुर्गादेवी के एक रूप ‘योगमाया देवी’ को समर्पित एक मंदिर हुआ करता था जो अब भी मेहरौली में कुतुब मीनार के पास स्थित है।
3. दिल्ली का भौगोलिक विवरण – दिल्ली समुद्रतल से 700-1000 फ़ीट्स ऊँचाई पर है जो कि हिमालय से 160 किलोमीटर्स दक्षिण में यमुनानदीतट पर है। उत्तर, पश्चिम व दक्षिण तीन ओर से हरियाणा से एवं पूर्व में उत्तरप्रदेश से घिरी दिल्ली लगभग पूर्णतः गांगेय क्षेत्र में स्थित है।
दिल्ली के भूगोल के दो प्रधान अंग हैं.. यमुना-सिंचित समतल व दिल्ली रिज (पहाड़ी)। दिल्ली के पूर्वी ओर अपेक्षाकृत निचले क्षेत्र की मैदानी उपत्यका (घाटी) में कृषि हेतु उपयुक्त भूमि है किन्तु ये बाढ़-संभावित क्षेत्र रहे हैं।
पश्चिमी ओर रिज क्षेत्र की अधिकतम ऊँचाई 1043 फ़ीट्स (318 मीटर्स) तक है, ये क्षेत्र दक्षिण में अरावली पर्वतमाला से आरम्भ होकर नगरी के पश्चिमी, पश्चमोत्तरी व पूर्वोत्तरी क्षेत्रों तक प्रसृत हैं। हिंडन नामक एक छोटी नदी पूर्वी दिल्ली को गाज़ियाबाद से अलग करती है।
4. भूकम्पसम्भावित क्षेत्र – दिल्ली सीजि़्मक क्षेत्र-4 में आती है जिससे बड़े भूकम्पों की आशंका बनी रहती है।
5. दिल्ली के संस्थापक – महाराज पृथ्वीराज चौहान (इन्हें दिल्ली का अन्तिम हिन्दू सम्राट कहा गया है) के दरबारी चंद बरदायी की हिन्दी रचना पृथ्वीराज रासो में तोमर राजा अनंगपाल को दिल्ली का संस्थापक कहा गया है। ऐसा समझा जाता है कि उसने ही ‘लाल-कोट’ का निर्माण करवाया था एवं महरौली के गुप्तकालीन लौहस्तम्भ को दिल्ली लाया गया। दिल्ली में तोमरों का शासनकाल सन् 900-1200 माना जाता है।
6. पाण्डवों की राजधानी – दिल्ली को/आसपास के क्षेत्र को महाभारत काल में इन्द्रप्रस्थ कहा जाता था जो कि पाण्डवों की राजधानी हुआ करती थी।
7. दिल्ली सल्तनत की राजधानी – सन् 1206 के बाद दिल्ली को दिल्ली सल्तनत की राजधानी बनाया गया। इस पर खिलजी वंश, तुगलक वंश, सैय्यद वंश एवं लोदी इत्यादि वंशो ने शासन किया।
8. मुगल साम्राज्य की राजधानी – एक अन्य विवरण के अनुसार मध्यकाल में दिल्ली सल्तनत के उत्थान के दौरान सन् 1639 में मुग़ल बादशाह शाहजहाँ ने दिल्ली में एक चारदीवारी से घिरे शहर का निर्माण करवाया, सन् 1679 से सन् 1857 तक यह शहर मुग़ल साम्राज्य की राजधानी रहा।
9. मुगल बादशाह अकबर द्वारा राजधानी परिवर्तन – मुगल बादशाह अकबर ने अपनी राजधानी को दिल्ली से आगरा स्थान्तरित कर दिया था।
10. अंग्रेज़ों द्वारा दो बार राजधानी-प्रतिस्थापन – अठारहवीं शताब्दी एवं उन्नीसवीं शताब्दी में ब्रिटिष ईस्ट इंडिया कम्पनी ने जब लगभग पूरे भारत को अपने नियन्त्रणाधीन कर लिया था उस समय अंग्रेज़ों ने कलकत्ता(आज का कोलकाता) को अपनी राजधानी बना लिया।
सन् 1857 के सैन्य-विद्रोह (प्रथम भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम) के उपरान्त दिल्ली ब्रिटिष शासनाधीन की जा चुकी थी। इस आँदोलन को पूर्णतया कुचल डालने के पश्चात् अंग्रेज़ों ने बहादुर शाह जफ़र को रंगून भेज दिया था एवं सन् 1857 में झाँसी की महारानी लक्ष्मीबाई के आत्मबलिदान के बाद बुँदेलखण्ड सहित शेष 25 प्रतिषत् भारत भी पूर्णतया अंग्रेज़ों के अधीन हो चला।
प्रारम्भ में अंग्रेज़ों ने कलकत्ता से शासन संचालित किया परन्तु ब्रिटिश शासन के अन्तिम दिनों में पीटर ग्रेट के नेतृत्व में सोवियत रूस का प्रभाव भारतीय उपमहाद्वीप में तीव्रता से बढ़ता देख अंग्रेज़ों को ऐसा लगने लगा कि भारत के सुदूर पूर्व में अवस्थित कलकत्ता से अफ़गानिस्तान व ईरान इत्यादि पर शासन दक्षतापूर्वक नहीं हो पा रहा जिससे बाद में सन् 1911 में उपनिवेश राजधानी को दिल्ली स्थानान्तरित किया गया।
सन् 1911 में ब्रिटिश सरकार ने निर्णय किया कि राजधानी वापस दिल्ली ले आयी जाये, इस हेतु पुरानी दिल्ली के दक्षिण में एक नवीन नगर के रूप में नयी दिल्ली का निर्माण आरम्भ किया गया। सन् 1947 में अंग्रेज़ों से राजकीय स्वतन्त्रताप्राप्ति के उपरान्त नयी दिल्ली भारत की राजधानी घोषित की गयी।
11. आधुनिक भारत की राजधानी – दिल्ली एक केन्द्रशासित प्रदेश है जिसमें नयी दिल्ली सम्मिलित है जो कि भारत की राजधानी है।
12. हुमायूँ से बहादुर शाह जफ़र तक का सफ़र – मुगल बादशाह हुमायूँ ने सरहिन्द के निकट युद्ध में अफ़गानों को परास्त किया एवं दिल्ली पर निर्विरोध अधिकार जमा लिया। हुमायूँ के मरणोपरान्त हेमू विक्रमादित्य के नेतृत्व में अफ़गानों ने मुगल सेना को पराजित कर आगरा एवं दिल्ली पर पुनः अधिकार कर लिया। मुगल बादशाह अकबर ने अपनी राजधानी को दिल्ली से आगरा स्थलान्तरित कर दिया।
अकबर के पोते शाहजहाँ (सन् 1628-1658) ने सत्रहवीं शताब्दी के मध्य में इसे सातवीं बार बसाया जिसे शाहजहाँनाबाद के नाम से जाना गया. शाहजहाँनाबाद को सामान्य बोलचाल में पुराना शहर अथवा पुरानी दिल्ली कहा जाता है।
13. अन्त करने वाली दिल्ली – महाराज पृथ्वीराज चौहान को दिल्ली का अन्तिम हिन्दू सम्राट कहा गया है। वहीं दूसरी ओर पुरानी दिल्ली सन् 1638 के बाद मुगल सम्राटों की राजधानी रही। दिल्ली के अन्तिम मुगल बादशाह बहादुर शाह जफ़र की मृत्यु निर्वासन के ही दौरान रंगून में हो गयी।
14. दिल्ली का इतिहास – हरियाणा के समीपवर्ती क्षेत्रों में की गयी खुदाइयों के दौरान ऐसे प्रमाण मिले हैं कि दिल्ली का सम्बन्ध सिंधु नदी घाटी सभ्यता से है तथा महाभारत काल में इसका/आसपास का नाम इन्द्रप्रस्थ था। 730 वर्ष ईसापूर्व मालवा के शासक राजा धन्ना भील के एक उत्तराधिकारी ने दिल्ली के सम्राट को चुनौती दी थी।
15. दिल्ली की दर्शनीयता – पुराना किला (सोलहवीं शताब्दी का किला), जंतर-मंतर (अठारहवीं शताब्दी की खगोलषास्त्रीय वेधशाला), लौहस्तम्भ (ईसा की चौथी शताब्दी में नईदिल्ली में महरौली में गुप्तकाल में निर्मित इस लौहस्तम्भ में आज तक जंग नहीं लगी), बंग्ला साहब गुरुद्वारा, बहाई मंदिर, जामा मस्जिद, गार्डन आफ़ फ़ाइव सेन्सेज़, चिड़ियाघर।
16. सर्वाधिक धरोहर स्थल – भारतीय पुरातात्त्विक सर्वेक्षण विभाग द्वारा दिल्ली शहर में लगभग 1200 धरोहर स्थल घोषित किये गये हैं जो कि विश्व में किसी भी शहर से अधिक हैं, इनमें से 175 स्थल राष्ट्रीय धरोहल स्थल हैं। दिल्ली में तीन विश्व धरोहर स्थल हैं.. लाल किला, कुतुब मीनार एवं हुमायूँ का मकबरा।
17. कुल नौ जिले – राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली कुल नौ जिलों (प्रत्येक जिले में तीन उपजिले) में विभक्त है. पूर्वी दिल्ली जिला (गाँधीनगर, दिल्ली सहित विवेक विहार, प्रीत विहार एवं वसुंधरा एनक्लेव), उत्तर दिल्ली जिला (सदर बाज़ार, दिल्ली एवं कोतवाली, दिल्ली सहित सब्जीमण्डी). पूर्वोत्तरी दिल्ली जिला (शाहदरा, सीलमपुर व सीमापुरी),पश्चिमोत्तर दिल्ली जिला (सरस्वती विहार, नरेला एवं माडल टाउन).
पश्चिमी दिल्ली जिला (राजौरी गार्डन, पंजाबी बाग एवं पटेल नगर), दक्षिण-पश्चिम दिल्ली जिला (वसंत विहार, नज़फ़गढ़ व दिल्ली छावनी), मध्यदिल्ली जिला (दरियागंज, पहाड़गंज व करौलबाग), दक्षिणी दिल्ली जिला (कालकाजी, डिफ़ेन्स कालोनी व हौज़ खास) तथा नयी दिल्ली जिला (कनाट पैलेस, संसद मार्ग एवं चाणक्यपुरी)
18. 14 द्वार – दिल्ली किसी समय 14 द्वारों से घिरी थी जिनमें से मात्र पाँच अभी अस्तित्व में हैं.. कश्मीरी गेट, अजमेरी गेट, लाहौरी गेट, दिल्ली दरवाजा एवं तुर्कमान गेट।
19. राज्य-पुष्प – अल्फ़ाअल्फ़ा (मेडिकागो सेटाइवा)
20. राज्य-वृक्ष – गुलमोहर (डेलोनिक्स रेजिया)
21. राज्य-पक्षी – घरेलु गौरैया (पेसर डोमेस्टिकस)
22. राज्य-पशु – नीलगाय (बोसॅलेफ़स ट्रॅगसेकेमॅलस)
23. वनस्पतियाँ – जामुन, नीम, शीशम, पीपल इत्यादि
24. जन्तु – भीतर अथवा आसपास के क्षेत्रों में तेंदुआ, लकड़बग्घा, लोमड़ी, सियार, भेड़िया, वन्य शूकर, वानर, कबूतर, घरेलु गौरैया, चील, तोते, तीतर, लौवा (बटेरकुल का एक पक्षी), मोर।
25. जन-संघटन – सन् 1947 में अलग किये जा रहे पाकिस्तान से हज़ारों हिन्दू व सिख शरणार्थी दिल्ली आये एवं यहाँ आसपास के अन्य क्षेत्रों से भी लोग आकर बसते गये।
26. दूसरा बड़ा महानगर – भारत का दूसरा सबसे बड़ा महानगर (पहला मुम्बई है), इसी प्रकार यह भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यावसायिक महानगर भी है (पहला मुम्बई)।
27. प्रदूषित नगरी – जनसंख्या की दृष्टि से विश्व में दूसरी (पहली तो टोक्यो है) सर्वाधिक जनसंख्या वाली नगरी दिल्ली में समूची सार्वजनिक परिवहन प्रणाली कम्प्रेस्ड नैचुरल गैस सी.एन.जी. पर चलती है तथा दिल्ली विश्व की सर्वाधिक हरित राजधानियों (लगभग 20 %) में गिनी जाती है फिर भी विश्व की सर्वाधिक प्रदूषित नगरियों में भी इसका नाम सम्मिलित है, शीतकाल में वायुप्रदूषण की समस्या इतनी विकराल हो जाती है कि स्थानीय कई उद्योगों पर प्रतिबन्ध लगाना पड़ जाता है।
28. द्वितीय सर्वाधिक पक्षी समृद्ध राजधानी – केन्या में नौरोबी के बाद दिल्ली को विश्व में दूसरी सर्वाधिक पक्षी-समृद्ध राजधानी कहा जाता है।
29. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र – इसमें दिल्ली के निकटवर्ती राज्यों उत्तरप्रदेश, हरियाणा व राजस्थान के कई नगर सम्मिलित हैं जहाँ लगभग पौने पाँच करोड़ की जनसंख्या रहती है (मुम्बई से भी कईगुनी अधिक)। राजधानी दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के 2.9 प्रतिशत भाग में है। सम्पूर्ण राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का क्षेत्रफल 1484 वर्गकिलोमीटर्स है।
30. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के शहर – उत्तरप्रदेश के मेरठ, गौतम बुद्ध नगर (नोइडा), गाज़ियाबाद, बुलंदशहर, शामली, बागपत, हापुड़ एवं मुजफ्फरनगर. हरियाणा के फ़रीदाबाद, पलवल, गुरुग्राम, मेवात, पानीपत, सोनीपत, रोहतक, रेवाड़ी, भिवाड़ी, झज्जर, जिंद, करनाल एवं महेन्द्रगढ़ तथा राजस्थान के भरतपुर एवं अल्वर।
31. प्रचलित भाषाएँ – हिन्दी, पंजाबी, उर्दू व अंग्रेज़ी
32. अँचल सीमाएँ – दिल्ली में दक्षिण-पश्चिम में अरावली की शुष्क पहाड़ियाँ, पूर्व में यमुना नदी (तुलनात्मक परम्परागत पूर्वी छोर) है, पूर्वतम छोर शाहदरा व भजनपुरा बड़े बाज़ार भी हैं.. दिल्ली एकदम उत्तर में समतल कृषि मैदानों सहित सरूप नगर से दक्षिण में रजोकरी तक फैला है। पश्चिमोत्तर छोर नज़फ़गढ़ है।
33. प्राचीन वाणिज्यिक पड़ाव – दिल्ली पहले गंगा के मैदान से होकर जाने वाले वाणिज्यिक पथ का एक पड़ाव थी।
34. विश्व का विशालतम स्थानीय निकाय – दिल्ली नगर निगम विश्व का सबसे बड़ा स्थानीय निकाय है। क्षेत्रफल से देखें तो इससे अधिक केवल टोक्यो है।
35. तीन नगर निगम – वर्तमान दिल्ली नगर निगम तीन भागों में विभक्त है.. ऊपरी दिल्ली नगर निगम, पूर्वी दिल्ली नगर निगम एवं दक्षिणी दिल्ली नगर निगम।
36. तीन संस्थाओं द्वारा अनुरक्षण – दिल्ली का अनुरक्षण तीन संस्थाओं द्वारा किया जा रहा है.. दिल्ली नगर निगम, नयी दिल्ली नगरपालिका परिषद एवं दिल्ली छावनी बोर्ड।
37. खनन द्वारा पतन – दिल्ली के दक्षिण में बड़खल झील सहित अन्य बड़ी प्राकृतिक झीलें हुआ करती थीं जो मुख्यतः खनन के कारण लुप्त होती गयीं, वनाच्छादित पहाड़ी शृंखलाएँ सदानीरा (बारहमासी) जलधाराओं की उद्गमस्थली हुआ करती थीं।
38. राष्ट्रीय रैल संग्रहालय – यह रेल परिवहन संग्रहालय भारतीय रेल इतिहास के 140 वर्ष दर्शाता है। भाप व अन्य इन्जनों सहित अनेक माडल व कोच को देखने के लिये एवं एक छोटी-सी रेलगाड़ी में घूमने के लिये लोग यहाँ आना पसन्द करते हैं। यहाँ विश्व की प्राचीनतम रेलगाड़ी चालू स्थिति में है जिसका इन्जन सन् 1855 में निर्मित किया गया था।
39. अर्थव्यवस्था – उत्तरी भारत में सबसे बड़ा वाणिज्यिक केन्द्र दिल्ली है। बहुत-सी उपभोक्ता-उत्पाद कम्पनियों के मुख्यालय दिल्ली में हैं। दिल्ली के विशाल उपभोक्ता बाज़ार एवं कुशल श्रम की उपलब्धता से भी विदेशी निवेश आकर्षित होता है।
सेवाक्षेत्र में सूचनाप्रौद्योगिकी, दूरसंचार, होटल्स, मीडिया व पर्यटन का स्थान प्रमुख है तथा विनिर्माण, पावर, स्वास्थ्य व सामुदायिक सेवाओं सहित Real Estate का भी महत्त्व है।
40. थोक मसाला बाज़ार – दिल्ली का खारी बओली बाज़ार एशिया का सबसे बड़ा थोक मसाला बाज़ार है।
41. बहाई कमल मंदिर – यह बहाई (ईरानी धर्मसंस्थापक बहाउल्लाह के अनुयायियों का) उपासनास्थल है.. एशिया का एकमात्र। एक विवरणानुसार बहाई सम्प्रदाय की स्थापना ईराक के बग़दाद शहर में बहाउल्लाह द्वारा की गयी थी, यह सम्प्रदाय एकेश्वरवाद एवं विभिन्न पंथों इत्यादि की एकता पर ज़ोर देता है।
इसके अनुसार सभी धर्मों का मूल सार एक ही है. भिन्न-भिन्न कालों व परिस्थितियों में विविध स्थानों पर भगवान ने विभिन्न रूपों में आकर सन्देश दिये। निर्धनता व धन की अति के हल सहित, स्त्री-पुरुष समानता, सभी के लिये न्याय, विज्ञान व धर्म के सामंजस्य सहित भौतिक समस्याओं के आध्यात्मिक समाधान पर ज़ोर इसमें दिया गया है।
तो दोस्तों यह लेख था दिल्ली के बारे में 41 रोचक तथ्य, 41 Facts On Delhi In Hindi,Delhi par rochak facts यदि आपको यह लेख पसंद आया है तो कमेंट करें। इसे अपने ब्लॉगर दोस्तों के साथ जरुर शेयर करें ताकि उन्हें मोटिवेशन मिल सके।
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