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अपने जीवन में सकारात्मक ऊर्जा कैसे बढ़ायें

June 2, 2020 By Surendra Mahara 3 Comments

अपने जीवन में सकारात्मक ऊर्जा कैसे बढ़ायें How To Increse Positive Energy In Hindi

Table of Contents

How To Increse Positive Energy In Hindi

दोस्तों, हमारे जीवन में हम पर कई प्रकार की Negativity हावी है चाहे वह समाचारों में हो, संगी साथियों में हो, परिजनों से चर्चाओं में, मन में और जाने कहाँ-कहाँ। प्रत्यक्ष रूप से कहे तो बुराई, अनुचित बात, बुरा कहना व बुरा कर्म एक नकारात्मकता ही है. इसके अलावा साथ में कुछ अच्छा न करना भी बुराई अथवा नकारात्मकता का ही एक रूप है.

इसके लिए जरूरी है की हमें अपने Life में पहले हमें नकारात्मक करने वाली उन सभी चीजो को दूर या हटा देना चाहिए जो हमें पॉजिटिव होने से रोकते है और फिर खुद को Positive बनाने वाली आदतों या क्रियाओं के साथ जुड़ जाए जिससे आपके अंदर पॉजिटिव एनर्जी का संचार हो सके.

How To Increse Positive Energy In Hindi

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Positive Energy

नकारात्मकता स्रोतों को कैसे हटायें :

1. ऑफलाइन रहना शुरू करे :

दोस्तों, Nonveg Jokes या अपडेट रहने के नाम पर भ्रम से भरे समाचार या बेकार की बातो से दूर रहने के लिए अपने मोबाइल से सारे ऑनलाइन मैसेन्जर्स को हमेशा के लिए Uninstall कर दे. इससे बेहतर तो यही होगा की अगर आप Smartphone को कम से कम चलाये तो बहुत बढ़िया है.

आप ऐसे बहानो से बचे जिसमे आप Internet चलाने के लिए ढूँढते हो. इस सब्जेक्ट पर हामरे लिखा गया आर्टिकल : ऑफलाइन रहने के उपाय जरुर पढ़े.

2. बुरे मित्रो से दूर रहे :

अपने So Called उन दोस्तों मिलना-जुलना बन्द करें जो आपको खेल, फ़िल्म, राजनीति, ट्रेण्ड, फैशन इत्यादि निरा निरर्थक बातों में उलझाये रखते हैं. अगर आपको वह दोस्त रास्ते में मिल जाए या आपसे मिलने आ जाये तो उससे पीछा छुड़ा लें. इसके अलावा आप हमारा – रिश्तेदार मित्रो में बर्बाद जीवन Article जरुर पढ़े.

3. पॉजिटिव माहौल में रहना शुरू करे दे :

दोस्तों, इसके लिए जरूरी है की आप ऐसे माहौल में रहे जहाँ से आपको कुछ अच्छा सीखने को मिले. किसी भी ऐसे आयोजन में न जाए जहाँ आपका समय बर्बाद होता हो.

इसके बजाय आप किसी विशुद्ध धार्मिक या सार्थक आयोजन में ही जाए. अगर आपको किसी रिश्तेदार या दोस्त के किसी भी Program में जाना पड़े तो थोड़े समय के लिए ही जाए.

4. शराब या नशे से दूर रहे :

शराब का सेवन करना हमारे लिए अहितकर है, यह शायद आपको बताने के जरुरत नहीं है. लेकिन आपको मद्य, धूम्र इत्यादि हर प्रकार के नशे करने वाले व्यक्तियों व उनकी संगति से कठोरता पूर्वक दूर रहना चाहिए. तभी आप नकारात्मक माहौल से दूर रह सकोगे.

5. कम्पीटीशन न करे :

किसी दोस्त या लोगो से फ़ालतू की स्पर्धा से झामेशा ही दूर रहे. ऐसी स्पर्धा से आपको कोई फायदा नहीं होने वाला बल्कि जितना भी होगा आपके अंदर नकारात्मकता ही बढ़ेगी. यह आपके लिए बिलकुल भी सही नहीं होगा. अपने जीवन से जुडी अनुचित बातों व घटनाओं की याद दिलाने वाले सभी यादो को मन से मिटा दे और आगे बढे.

6. टीवी से दूर रहे :

आपको हमेशा टी.वी व गेम इत्यादि से सर्वथा दूर रहना चाहिए. व्यर्थ की संसारी बातों में सुख खोजना बन्द कर दें. यदि आपको समाचार पढ़ने पसन्द हों तो केवल सकारात्मक और Creative News ही पढ़ें. क्राइम से जुडी हुई खबरे जैसे – किसने किसको चक्कू मारा, किसने किसे हराया ऐसे समाचारों को न पढ़े और देखे.

अगर आपने आज तक कोई ऐसा काम किया हो जिसके लिए आपको पश्चाताप होता है तो उन बातो की Accept करके अपनी लाइफ में आगे बढे. ऊपर बताई गयी बातो को बड़ी दृढ़ता से लागू करें ताकि आपके अंदर सकारात्मकता उत्पन्न हो सके.

सकारात्मक स्रोतों को शुरू करे :

1. वृक्षारोपण इत्यादि पुनीत गतिविधियों की पहल करें. आलेख देखें- ‘जीवन में सार्थकता के 41 मार्ग’।

2. सांध्य-वन्दन, नियमित पूजनादि करें; हर दिन कोई नवीन-पुरानी चालीसा इत्यादि पढ़ने जैसी शृंखलाएँ आरम्भ करें।

3. अवकाश के दौरान / कार्यालय से पहले व बाद में असहायों की सहायता के लिये निकल जायें, उन्हें अपना मोबाइल नम्बर दें, पेड़ों से कीलें व तार निकालें. यह न सोचें- ” महीनों – बरसों बाद घर आया हूँ, परिजनों ,दोस्तयारों से नहीं मिलूँ क्या,

4. विचार को साकार करने से पहले, साकार करने से पहले क्या, विचार करने से भी पहले स्वयं से Question करने की आदत अपने अंदर डालें.  ”इसका क्या औचित्य, क्या यह मुझे करना चाहिए इत्यादि“, इस प्रकार आपके जीवन का एक बड़ा भाग व्यर्थ की चीज़ों में पड़ने से बच जायेगा जिसे आप प्रभुनामोच्चारण, मंत्रलेखन, ध्यानादि सच्चे सार्थक कार्यों में लगा सकेंगे।

5. घर-कार्यालय इत्यादि में सूक्तियों, आध्यात्मिक वाक्यों इत्यादि को लिखते रहें ताकि उन पर आपकी दृष्टि पड़ती रहेगी एवं आपके अवचेतन तक उसका सकारात्मक प्रभाव पड़ता रहेगा.

6. भवनों के भीतर ( पानी न लगने वाले स्थानों में ) ऊपरी सुरक्षित स्थानों पर खाली डिब्बों, खोखों, गत्तों इत्यादि से चैकोर, गोल इत्यादि किसी भी आकृति के घौंसले लटकायें ताकि गिलहरियों व चिड़ियाओं के रूप में सकारात्मकताएँ अपना घर बसा लें।

7. भवनों के बाहर घौंसले लगाने के लिये टोकरी अथवा लड्डू जैसा घौंसला बनाने का Order मिट्टी व बाँस के कारीगरों को दैवें।

8. दर्जियों से कपड़े के टुकड़े एकत्र करें उन्हें आड़ा-तिरझा बेतरतीब सिलकर झोले जैसी संरचना बनाकर पेड़ों पर लटकायें जहाँ पक्षी-गिलहरी अण्डे-बच्चे दे सकें।

9. सुतली व अन्य प्रकृति-अनुकूल धागों के टुकड़े करके यहाँ-वहाँ बिखेरें ताकि गिलहरी-पक्षी उन्हें उठाकर घौंसले बनाने ले जा सकें।

10. घर से जब भी निकलें तो पक्षियों-गिलहरियों के लिये 6-7 प्रकार के साबुत देसी अनाजों का मिश्रण साथ रखें एवं बीच-बीच पर मार्ग पर रखते चलें।

11. पुराने व सर्वथा अनुपयोगी कपड़ों के झोले बना स्वयं उनका उपयोग करें व अन्यों को भी प्रेरित करें जिससे पशु-पक्षियों व पर्यावरण को होने वाली बहुत-सी हानियों से बचा लेने का सच्चा सुख आपको प्राप्त होगा।

12. पूरे घर-कार्यालय इत्यादि को बेलाओं से ढाँक दें ताकि उनके हरित सौन्दर्य सहित एक प्रकार का आध्यात्मिक लाभ भी पहुँचेगा।

13. समाज में व उसके छोटे रूप ‘ परिवार ’ में भी अनावश्यक क्रिया-प्रतिक्रिया शृंखला से बचें, न अनावश्यक बातें सोचें, न अनावश्यक टीका-टिप्पणी करें, व्यर्थ की बातों को पकड़कर न बैठें, किसी को ताने न मारें.

कोई बात मन में न रखकर खुलकर पूरी बात सच-सच कह डालें चाहे सामने वाला सुनने-समझने को तैयार न हो तो भी। एकान्तवास में इस क्रिया-प्रतिक्रिया शृंखला से दूर रहा जा सकता है। ध्यान रहे कि फ़ोन, विशेषतया स्मार्टफ़ोन से दूरी से ही एकान्तवास पूर्णता की ओर बढ़ सकता है।

14. जीवन व दिनचर्या में सदैव मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति में ही संतुष्ट रहना सीखें, यदि कोई अन्य इच्छा रखनी ही है तो सात्त्विक इच्छा रखें, जन कल्याण, जगत कल्याण, सर्वकल्याण के लिये कुछ करें।

15. सकारात्मकता लानी हो तो घृणा, तुलना, किसी भी प्रकार से स्पर्धा, वैमनस्य इत्यादि मनोभावों से पूर्णतया मुक्त हो जायें एवं सबके प्रति हर प्रकार का गिला-शिकवा मिटा अपने मन को हर तरह के बैरभाव से मुक्त कर शान्त कर लें।

16. पश्चाताप् होना बहुत आवश्यक होता है, यदि आपके द्वारा थोड़ी-सी भी ग़लती होने की सम्भावना हो तो क्षमा याचना कर लें, यहाँ तक कि बिना ग़लती के भी क्षमा प्रार्थना करने की आदत एयर होस्टेस से सीखें।

17. जबरन स्वयं को दुःखी घोषित करने अथवा परिस्थितियों पे दोषरोपण पर विराम लगायें, दयनीय कर्जे में डूबी होने के बावजूद एयर लाइन्स द्वारा यात्रियों के लिये उत्तम व्यवस्थाएँ करने से यह सीखा जा सकता है कि विपरीत परिस्थितियों में भी अच्छा और सहज रहा जा सकता है।

18. न पैसे में, न प्रतिष्ठा में सच्चा सुख मिल सकता है. अद्भुत आनन्द को अनुभव करना हो तो भले ही आप बरसों बाद एक दिन के लिये घर लौटें हों लेकिन कर्मक्षेत्र की ओर वापसी के समय घर से कुछ घण्टों पहले ही बस स्टैण्ड पर जायें व आसपास बैठी उस भूखी भिखारिन को अपने हाथों से खिलायें एवं उससे बात करते हुए परम सुख सहज ही पायें।

इस लेख में आपको How To Increse Positive Energy In Hindi – Positive Energy Kaise Badhaye और अपने जीवन में सकारात्मक ऊर्जा कैसे बढ़ायें के बारे में विस्तार से बताया गया है। यदि आपको यह लेख पसंद आया है तो कमेंट करें। अपने दोस्तों और साथियों में भी शेयर करें।

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Comments

  1. अभिषेक says

    June 23, 2020 at 9:15 pm

    बहुत ही अच्छा post है मुझे ऐसे ही पॉजिटिव वाइब्स वाले post पढना अच्छा लगता है. stay फिट and be positive ऑलवेज.

  2. GREAT SANJU says

    June 5, 2020 at 6:47 am

    Bahut hi achha artical likha hai…. aapki site par sare post bahut hi helpfull hai

  3. Jay Mishra says

    June 3, 2020 at 7:41 pm

    हृदयस्पर्शी लेख जिसे पढ़कर स्वयं सकारात्मक ऊर्जा का निर्बाध प्रवाह मन में होने लगता है ।

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