हिमाचल प्रदेश पर 41 रोचक तथ्य | Amazing Facts About Himachal Pradesh In Hindi
पश्चिमी हिमालय की गोद में बसा हिमाचल प्रदेश उत्तराखण्ड की भाँति देवभूमि के रूप में प्रसिद्ध है। कहा जाता रहा है कि हिमाचल प्रदेश पर देवी-देवताओं की कृपा है। प
त्थरों एवं काष्ठ से बने मंदिरों वाला हिमाचल प्रदेश हिमाच्छादित शिखरों के साथ किंवदंतियों व लोकगाथाओं की समृद्ध विरासत समेटे हुए है। आयें ! इस हिमाचल प्रदेश के 41 तथ्यों का अवलोकन करें..
1. पुराणों में – पौराणिक आख्यानों में हिमाचल प्रदेश यक्ष-गन्धर्वों एवं किन्नरों का प्रदेश रहा है।
2. प्रागैतिहासिक काल – यहाँ कोल, किरात व नाग जातियों का निवास रहा है।
3. प्राचीन जनजातीय निवास – आज जिस अँचल को हिमाचल प्रदेश कहा जाता है वहाँ की प्राचीनतम ज्ञात जनजातियों को ‘दास’ कहते थे। बाद में आर्य आये एवं इन स्थानीय जनजातियों के साथ रहने लगे।
4. पुरातन शासक – कालान्तर में पहाड़ी सरदारों के मध्य मौर्य साम्राज्य, कुषाण, गुप्त एवं कन्नौज शासकों का राज रहा। मुगल साम्राज्य के समय पहाड़ी राज्यों के राजाओं ने परस्पर सहयोग – व्यवस्थाएँ स्थापित कीं जिनसे उनके पारस्परिक सम्बन्ध सुगढ़ हुए। उन्नीसवीं शताब्दी में महाराजा रणजीत सिंह ने कई राज्यों को अपने अधीन कर लिया। अंग्रेज़ों ने आकर गोरखाओं को परास्त किया।
5. स्थापना – सन् 1947 के बाद अँचल की 27,000 वर्गकिलोमीटर्स में फैली 30 पहाड़ी रियासतों को एकीकृत करके 15 अप्रैल-1948 को केन्द्रशासित राज्य के रूप में हिमाचल प्रदेश की स्थापना की गयी।
6. राज्य-विस्तार – सन् 1954 में ‘ग’ श्रेणी की एक रियासत ‘बिलासपुर’ को इसमें मिला लिया गया जिससे राज्य का क्षेत्रफल बढ़कर 28,241 वर्गकिलोमीटर्स हो गया। 1 नवम्बर-1966 को पंजाब के अस्तित्व में आने के उपरान्त/पंजाब के पहाड़ी क्षेत्रों/कुछ अन्य सम्बन्धित क्षेत्रों को हिमाचल प्रदेश में मिला लिया गया, इस प्रकार हिमाचल प्रदेश का पुनर्गठन किया गया जिससे इसका क्षेत्रफल बढ़कर 55,637 वर्गकिलोमीटर्स हो गया।
7. पूर्ण राज्य – 25 जनवरी-1971 को हिमाचल प्रदेश को पूर्ण राज्य घोषित किया गया।
8. निकटवर्ती राजक्षेत्र – हिमाचल प्रदेश से उत्तर में जम्मू-कश्मीर, दक्षिण-पश्चिम में पंजाब, दक्षिण में हरियाणा, दक्षिण-पूर्व में उत्तराखण्ड एवं पूर्व में तिब्बत (चीन-अधिशासित) है।
9. जिले – राजधानी शिमला (पहाड़ों की रानी) सहित, चंबा, लाहौल स्पीति, किन्नौर, कुल्लू, मण्डी, सिरमौर, सोलन, बिलासपुर, ऊना, हमीरपुर, काँगड़ा ये कुल 12 जिले हैं।
10. राजधानियाँ – शिमला (यह अंग्रेज़ों के ज़माने की ग्रीष्मकालीन राजधानी हुआ करती थी, चूँकि अंग्रेज़ शीत विदेशी अँचल से आये थे अतः उन्होंने पूरे भारत में अपने लिये स्थानीय ग्रीष्मकालीन राजधानियाँ निर्धारित कर ली थीं, जैसे कि मध्यप्रदेश में पचमढ़ी भी अंग्रेज़ों की एक ग्रीष्मकालीन राजधानी थी)।
सन् 1971 में हिमाचल प्रदेश जब एक राज्य बनाया गया तो शिमला को राज्य की राजधानी निर्धारित किया गया परन्तु 19 जनवरी-2017 से धर्मशाला को हिमाचल प्रदेश की द्वितीय राजधानी के रूप में चुना गया। शिमला को अब भी ग्रीष्मकालीन राजधानी एवं धर्मशाला को शीतकालीन राजधानी कहा जाता है।
11. प्रमुख भाषा – हिन्दी व पहाड़ी
12. बोलियाँ – सिरमौरी, क्योंथली, कुल्लवी (कुल्लुई), बरारी, मंडियाली, कहलूरी।
13. वृत्तियाँ – राज्य का मुख्य व्यवसाय कृषि एवं पर्यटन है जो यहाँ की अर्थव्यवस्था में मुख्य भूमिका निभाते है । वैसे यह भी ध्यान रखना आवष्यक है कि हिमप्रधान इस राज्य में कृषिभूमि कम है।
14. मुख्य कृषि-उपज – गेहूँ, जौ, चावल, मक्का, गन्ना
15. उद्यानिकी – हिमाचल प्रदेश की कृषि-जलवायु नाशपाती, सेब, आड़ू, खूबानी, बेर, आम, लीची, अमरूद व झरबेरी सहित गुठली वाले फलों की बागवानी के अनुकूल है।
16. प्रचलित व्यंजन – हिमाचली धाम, तुड़किया भात, माद्रा इत्यादि।
17. वन-प्रकार – हिमाचल प्रदेश में नौ प्रकार के वन हैंः शीतोष्ण शंकुधारी, मिश्रित वन (आर्द्र एवं शुष्क शीतोष्ण वन), उप-अल्पाइन वन, उष्णकटिबंधीय वन (आर्द्र पर्णपाती, दलदली एवं उपोष्णकटिबन्धीय पाइन वन) तथा चैड़े पत्ते वाले वन (उष्णकटिबंधीय शुष्क पर्णपाती एवं उपोष्णकटिबंधीय शुष्क सदाबहार वन)।
18. जल-प्रपात – धर्मकोट, जोगिनी इत्यादि
19. जल-विद्युत् उत्पादन – स्वयं की व पड़ौसी राज्यों की नदियों के कारण प्रचुर जल-विद्युत् सम्भावनाओं का सफल दोहन करते हुए हिमाचल प्रदेश देश के ‘विद्युत्-राज्य’ की उपमा पा सकता है।
राज्य में कुछ दूरस्थ ग्रामों में ही विद्युत्-व्यवस्था की जानी अब शेष है। बारहमासी नदियों के कारण हिमाचल प्रदेश अपनी विद्युत्-आपूर्ति करते हुए दिल्ली, पंजाब व राजस्थान को पनबिजली विक्रय करने में समर्थ है।
20. औद्योगिक विकास – हिमाचल प्रदेश प्रदूषण मुक्त वातावरण, पर्याप्त विद्युत्-आपूर्ति, शान्तिपूर्ण परिवेष सहित पारदर्शी प्रशासन एवं लगभग भ्रष्टाचारहित शासन के कारण औद्योगिक विकास में तेज है। साक्षरता व न्यूनतम भ्रष्टाचार में यह भारत के अग्रणी दो राज्यों में गिना जाता है (केरल सहित)।
21. मुख्य कुटीर व लघु उद्योग – चटाइयों व बाँस की टोकरियों का निर्माण, कढ़ाई, पशु-आहार, खाद्य (मुख्यत: फल व सब्जी) प्रसंस्करण।
22. मुख्य खनिज – बेरिट्स, चूना-पत्थर, साल्ट (राक) एवं षॅल
23. प्रसिद्ध स्मारक – हिडिम्बा मंदिर, काँगड़ा का किला, ताबो मठ, चंपावती मंदिर, राक कट मंदिर एवं प्रखर ऋषि मंदिर।
24. प्रमुख त्यौहार व मेले – नलवाड़ी, लक्ष्मण-सिद्ध मेला, बिस्सु मेला, मेला भुंतर, मणिमहेश मेला, मिंजर मेला तथा चैत्र व शारदीय नवरात्र में देवीमंदिरों में लगने वाले मेले
25. मुख्य ताल – पराशर झील (मण्डी से 49 किलोमीटर्स उत्तर में), भृगु झील, सूरज ताल (भारत की तीसरी सबसे ऊँची एवं विश्व की 21वीं सबसे ऊँची झील), चंद्रताल एवं रेणुका झील (सिरमौर जिले में हिमाचल प्रदेश की सबसे बड़ी झील)।
26. प्रमुख नदियाँ – सतलुज (शुतुद्रि/शतद्), विपाशा (व्यास), इरावती (परुष्णी/रावी), यमुना (कालिंदी), गंगा एवं असिक्नी (चिनाब) नदी जो कि चन्द्रा व भागा नामक दो नदियों के संगम से बनती है, चन्द्रा नदी चन्द्रताल से एवं भागा नदी सूरज ताल से निकलती है जिस कारण चिनाब को चन्द्रभागा भी कहा जाता है।
27. मुख्य बाँध – पौंग बाँध, भाखड़ा बाँध एवं प्रस्तावित किशाऊ बाँध
28. ग्लैषियर्स -बार षिगरी, गैंगस्टैंग, सोनपनी एवं पाराड
29. प्रमुख सेतु – रामशिला सेतु, चक्की सेतु, त्रिलोकपुर सेतु इत्यादि
30. मुख्य सम्प्रदाय – हिन्दू, बौद्ध एवं सिक्ख
31. हिमाचल प्रदेश नैसर्गिक व धार्मिक सौन्दर्य का समागम – ज्वाला जी (एक शक्तिपीठ), वज्रेष्वरी मंदिर, नैनादेवी मंदिर(यह मंदिर बिलासपुर जिले में एक पहाड़ी के ऊपर है), चामुण्डा देवी मंदिर (सोलहवीं शताब्दी में निर्मित यह मंदिर काँगड़ा जिले में पालमपुर से 10 किलोमीटर्स पश्चिम में बैनगंगा नदी के तट पर है।
यहाँ पास ही से आप विश्व प्रसिद्ध काँगड़ा चित्रकला से जुड़ी सामग्रियाँ क्रय करके ले जा सकते हैं), चिंतपुर्णी(ऊना जिले में अवस्थित यह मंदिर सोलासिंघी पर्वतशृंखला की सबसे ऊँची पहाड़ियों में से एक पर है), शीतलादेवी।
32. मुख्य कलाएँ – पहाड़ी चित्रकला, स्त्रियों द्वारा मिट्टी के बर्तनों का निर्माण, पुरुषों का काष्ठ-शिल्प
33. अभयारण्य – चूड़धार अभयारण्य, गोविन्द सागर अभयारण्य, नैना देवी अभयारण्य, चंद्रताल अभयारण्य एवं रेणुका अभयारण्य इत्यादि।
34. राष्ट्रीय उद्यान – महान हिमालयी राष्ट्रीय उद्यान, पिन वैली नेशनल पार्क, इंदरकिल्ला राष्ट्रीय उद्यान, खीरगंगा राष्ट्रीय उद्यान एवं सिंबलबरा राष्ट्रीय उद्यान।
35. राज्यपुष्प – गुलाबी बुरांश
36. राज्यवृक्ष – भारतीय देवदार/हिमालयी देवदार
37. राज्यपक्षी – जुजुराना (पश्चिमी ट्रैगोपान)
38. राज्यपशु – हिम तेंदुआ
39. मुख्य वनस्पति – देवदार, चीड़, कैल इत्यादि
40. मुख्य जन्तु – हिमालय का काला भालू, कस्तूरी मृग, मोनल इत्यादि
41. तपोभूमि – व्यास, पराषर, वषिष्ठ आदि का निवास, तीर्थाटन व तपस्थल हिमाचल प्रदेश पुनीत, शान्त व मनोरम परिवेश के कारण ध्यान रमाने व साधना करने के लिये अत्यधिक उपयुक्त प्रतीत होता रहा है।
भृगु झील में छः माह हिम की जमावट रहती है जहाँ ऋषि भृगु ने तपस्या की थी, यह गुलाब गाँव से 6 किलोमीटर्स दूर स्थित है, झील तक वषिष्ट (गर्म पानी का एक झरना) मार्ग से भी पहुँच सकते हैं.
यह पढ़े : पंजाब पर 41 रोचक तथ्य
तो दोस्तों यह लेख था हिमाचल प्रदेश पर 41 रोचक तथ्य – Amazing Facts About Himachal Pradesh In Hindi, Himachal Pradesh Ka Parichay, Himachal Pradesh Par Rochak Tathay Article Hindi Me. यदि आपको यह लेख पसंद आया है तो कमेंट करें। इसे अपने दोस्तों के साथ जरुर शेयर करें ताकि उन्हें मोटिवेशन मिल सके।
@ आप हमारे Facebook Page को जरूर LIKE करे ताकि आप मोटिवेशन विचार आसानी से पा सको. आप इसकी वीडियो देखने के लिए हमें Youtube पर Subscribe करे.
Leave a Reply