महर्षि वाल्मीकि जयंती पर 10 लाइन का निबंध Maharishi Valmiki Jayanti Par 10 Lines
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हर वर्ष वाल्मीकि जयंती के दिन महर्षि वाल्मीकि का जन्मदिवस मनाया जाता है. वाल्मीकि जयंती हर वर्ष सितम्बर से अक्टूबर महीने में मनाई जाती है. महर्षि वाल्मीकि ने रामायण महाकाव्य की रचना की थी.
महर्षि वाल्मीकि को संस्कृत भाषा का सम्पूर्ण ज्ञान था. आइये इस लेख में जाने महर्षि वाल्मीकि जयंती पर 10 वाक्य (10 Lines on rishi Valmiki Jayanti)
1. महर्षि वाल्मीकि के जन्म दिवस के रूप में हर वर्ष वाल्मीकि जयंती मनाई जाती है.
2. वाल्मीकि जयंती हर वर्ष अश्विन महीने की शरद पूर्णिमा को मनाया जाता है.
3. रामायण महाकाव्य की रचना महर्षि वाल्मीकि ने की थी.
4. वाल्मीकि द्वारा लिखित रामायण में कुल 7 अध्याय है जिसमे 24000 संस्कृत श्लोक है.
5. महर्षि वाल्मीकि ने रामायण संस्कृत भाषा में लिखी थी. महर्षि वाल्मीकि संस्कृत के महान ज्ञाता थे.
6. महर्षि वाल्मीकि वैदिक काल के महान ऋषि थे.
7. वाल्मीकि मंदिरों में वाल्मीकि जयंती धूम – धाम से मनाई जाती है.
8. महर्षि वाल्मीकि को संस्कृत साहित्य का व्याख्याता कहा जाता है.
9. वाल्मीकि महर्षि बनने से पहले रत्नाकर नाम के एक डाकू थे. इनकी कहानी सभी के लिए प्रेरणादायी है.
10. वाल्मीकि समुदाय के लोगो के लिए वाल्मीकि जयंती का विशेष महत्व है और वे इस दिन को सम्मान और भक्तिभाव से मनाते है.
महर्षि वाल्मीकि जयंती पर 10 वाक्य (Set -2 )
वाल्मीकि जी ने ही रामायण महाग्रंथ को लिखा था। आज हम इनके बारे जानेंगे अर्थात् 10 महत्वपूर्ण वाक्य को देखेंगे जो निम्नलिखित हैं।
1. महर्षि वाल्मीकि भारत के हिंदू धर्म के महान ऋषि है, जो आरंभ में डाकू (रत्नाकर) थे।
2. इनका जन्म हिंदी पञ्चांग के आश्विन महिने को हुआ था, जो वैदिक काल के महान ऋषि है।
3. वाल्मीकि जी महर्षि कश्यप और आदिति के नौवें पुत्र (वरूण) थे, जो एक महान तपस्वी बने थे।
4. भारत के सभी देशवाशी आश्विन महीने की पूर्णिमा को महर्षि वाल्मीकि जयंती की याद में मनाते हैं।
5. वाल्मीकि जी श्रीराम के समकालीन थे और ऐसा माना जाता है कि इन्हे श्री राम के जीवन की हर घटना का ज्ञान था।
6. इन्होने रामायण महाकाव्य की रचना की जिसके बाद वे आदिकवि वाल्मीकि के नाम से प्रसिद्ध हुए। इस ग्रंथ में आपको 24000 श्लोक और 7 अध्याय मिलेंगे, जो त्रेता युग की सभ्यता और संस्कृति को बताता है।
7. वाल्मिकी ने यह महाकाव्य संस्कृत भाषा में लिखा था, जो की संस्कृत में लिखने वाले प्रथम कवि थे। यह संस्कृत काव्य लोगों को जीवन में सत्य और पुरुषार्थ का मार्ग दिखाता है।
8. वाल्मिकी जी संस्कृत भाषा के अच्छे ज्ञानी थे और इसके साथ वे अच्छे ज्योतिष ज्ञानी भी थे।
9. भारत में वाल्मीकि के मंदिर और समुदाय भी हैं।
10. यह केवट जाति के थे और उनका काम लोगो को लुटना था लेकिन एक घटना के बाद वे महान तपस्वी बने। एक दिन वरूण ने नारद मुनि को बंदी बनाया, जिसके बाद उन्हे पता चला कि जो वह पाप कर रहा था उसमें उसके परिवार का कोई भी व्यक्ति साथ नही देगा। इसके बाद वाल्मीकि तपस्या करते है जिससे प्रशन्न होकर ब्रह्मदेव इन्हे भरपूर ज्ञान का वरदान देते है और रामायण लिखने की प्रेरणा भी देते है।
महर्षि वाल्मीकि के अनमोल विचार (Maharishi Valmiki Quotes in hindi)
- आप साहसी या कायर, गुणवान है या दोष से भरे हुए.. यह आपका चरित्र से दिख जाता है.
- जिस व्यक्ति के अन्दर उत्साह नहीं होता उसके सारे विफल हो जाते है.
- जो कुमार्ग पर चलते है उन्हें कभी ज्ञान नहीं मिल पाता.
- हमेशा सुख मिले ऐसा होना असम्भव है.
- अगर आप किसी के सेवा के लिए अपना बल लगाते है तो वह बल अमर है.
- किसी भी प्राणी के साथ बहुत अधिक लगाव न रखे और ना ही किसी प्राणी को खुद से दूर रखे.
महर्षि वाल्मीकि के और विचार पढने के लिए यह लेख पढ़े : Maharishi Valmiki Quotes in hindi
महर्षि वाल्मीकि के बारे में विस्तार से जानने के लिए यह लेख जरुर पढ़े : महर्षि वाल्मीकि पर निबन्ध
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