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अनियमित मलत्याग के लक्षण कारण व उपचार

February 28, 2020 By Surendra Mahara 5 Comments

IBS Irritable Bowel Syndrome Problem In Hindi अनियमित मलत्याग के लक्षण, कारण व उपचार

Table of Contents

अनियमित मलत्याग को आयुर्वेद में संग्रहणी व आधुनिक चिकित्सा-विज्ञान में इर्रिटेबल बाउल सिण्ड्रोम (Irritable Bowel Syndrome) कहते हैं जिसमें बड़ी आँत की गति नियमित नहीं रहती.

यह समस्या कई कारणों से हो सकती है जिनमें छोटी आँत में बैक्टीरियल संक्रमण होना भी सम्मिलित है। समस्या यदि गम्भीर हो तो ठीक होने में 5 माह से अधिक अवधि लग सकती है। हो सकता है कि पेट की यह गड़बड़ी आजीवन रहे; चिकित्सक मल-परीक्षण, नली द्वारा बड़ी आँत की जाँच इत्यादि का कह सकता है।

मलवेग लगने पर तुरंत शौचालय जायें, यथासम्भव स्थानीय रूप से उपलब्ध मौसमी ताजी़ खाद्य-सामग्रियों का सेवन करें इस प्रकार इस स्थिति को नियन्त्रित रखा जा सकता है। वैसे यह पाचन-सम्बन्धी असामान्यता पुरुषों की अपेक्षा स्त्रियों में एवं अन्य आयु वर्गों की अपेक्षा अल्पायु में अधिक पायी गयी है।

IBS Irritable Bowel Syndrome Problem In Hindi

Irritable Bowel Syndrome

अनियमित मलत्याग के लक्षण

इसके लक्षण अन्य कई पेट रोगों जैसे हो सकते हैं जिनमें से कुछ को यहाँ दर्शाया जा रहा हैः
1. पेट में ऐंठन
2. अफ़ारा या पेट फूलना
3. शौचालय से आने के बाद फिर से ऐसा लगना कि जाना पड़ेगा
4. बिना खाये पेट में भारीपन
5. कब्ज़ या दस्त
6. सख़्त मल
7. अचानक ऐसा लगने लगना कि मलाशय भरा-भरा-सा है
8. एक बार में पेट पूरी तरह साफ न हो पाना
9. पेट में बहुत अधिक गैस
10. पेट गुड़गुड़ाना अथवा आवाजें करना
11. पेट में हलचल मचती रहना
12. बिना शौचालय जाये ही मल का कुछ भाग स्वतः निकल जाना
13. शौचालय में काफ़ी समय बीतने के बाद भी ऐसा लगना कि पेट पूरी तरह अब भी खाली नहीं हो पाया
14. चाय-कॉफ़ी के बाद शौच जैसी इच्छा
15. सोकर उठकर प्रातःकाल शौचालय में कम मलोत्सर्ग होना अथवा बिल्कुल भी न होना
16. मलोत्सर्ग के साथ कफ़ जैसा चिकना पदार्थ अथवा आँव आना

यदि भार घटने, मल में रक्त, लौह की कमी वाला एनीमिया, ऐसी उल्टियाँ जिनका कारण समझ न आये, कौर निगलने में कठिनाई अथवा पेट दर्द बना रहने जैसी स्थिति हो तो उपरोक्त लक्षणों में से कोई न दिखने पर भी चिकित्सात्मक जाँच करायें क्योंकि बिना स्पष्ट लक्षणों के भी सम्भव है कि बड़ी आँत ठीक से कार्य न कर रही हो एवं स्थिति असामान्य हो।

अनियमित मलत्याग के कारण व बचाव 

1. मिलावटी दूध व अन्य पदार्थः समय-समय पर पेय व खाद्य पदार्थों की जाँचें स्वयं से करवाते रहें तथा साथ ही साथ कम से कम प्रोसेसिंग वाली खाद्य-सामग्रियों को उपयोग में लायें; कोई खाद्य-सामग्री दुकान से ख़रीदते समय उसके लेबल पर देख लें कि कोई कृत्रिम रंग व स्वादवर्द्धक उसमें न हो;

2. एक बार में ढेर सारा ठूँस-ठूँसकर खाने के बजाय टुकड़ों में खायें ताकि पाचन-प्रणाली को ठीक से पाचन का पर्याप्त समय सुलभ हो सके;

3. लेक्टोज़-इन्टालरेन्स : कुछ लोगों में दुग्ध-शर्करा लेक्टॅज़ को पचाने में सहायक लेक्टोज़ एन्ज़ाइम नहीं होता जिससे उन्हें लॅक्टोज़-इण्टोलॅरेन्स होता है; दुग्ध व सम्बन्धित उत्पादों से ऐसे व्यक्तियों को उल्टी-दस्त व पेट में असहजता हो जाती है जिससे बचाव का एकमात्र उपाय दुग्ध व दुग्धोत्पादों से दूर रहना होता है; यदि यह इण्टालेरेन्स कम स्तर का है तो कुछ दुग्ध व दुग्धोत्पाद सीमित मात्रा व आवृत्ति में सावधानी के साथ सेवन किये जा सकते हैं;

4. ग्लुटेन-इण्टालेरेन्स : ग्लुटेन गेहूँ का एक प्रोटीन होता है; कुछ लोगों का शरीर इसे सरलता से नहीं पचा पाता, इस कारण उन व्यक्तियों को ग्लुटेन-इण्टालॅरेण्ट कहा जाता है; गेहूँ के उत्पादों का सेवन करने से इन्हें पेट की समस्याएँ हो सकती हैं जिनमें अनियमित मलत्याग व दस्त इत्यादि सम्मिलित हैं; वैसे भी पहले के ज़माने में भारत में मोटे अनाजों का सेवन किया जाता था जिससे ग्लुटेन-सम्बन्धी समस्याओं की आशंका नहीं रहती थी;

वैसे लॅक्टोज़ व ग्लुटेन के अतिरिक्त भी कई प्रकार की फ़ूड-एलर्जीज़ व्यक्तियों को हो सकती हैं जिनसे अनियमित मलत्याग की स्थिति आ सकती है; विधिवत् जाँच के बिना किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुँचा जा सकता.

5. सोडा से दूर रहें.

6. तन्त्रिका-तन्त्रसम्बन्धी;

7. तनाव व आनुवंषिकता;

8. माँस, मद्य व धूम्रपान से दूर रहें.

9. बैठे रहना छोड़कर शारीरिक सक्रियता बढ़ायें.

10. कीटाणु-संक्रमण अथवा अन्य किसी कारण से आँतों में सूजन.

11. चोकोलेट व तले-भुने पदार्थों से भी मलत्याग में अनियमितताएँ पायी गयी हैं वैसे पैकेट इत्यादि की पिन इत्यादि को भी ठीक से निकालें, अन्यथा ये खाने में मिलकर पेट में जा सकती हैं तथा धातु, प्लास्टिक, काँच इत्यादि के निगलने लायक टुकड़ों को बच्चों की पहुँच से दूर रहने दें।

इनकी जाँच करवाए 

वैसे तो निम्नांकित रोगों व स्थितियों की भी जाँच करवायी जा सकती है जिनका सम्बन्ध अनियमित मलत्याग से हो सकता है अथवा नहीं भी :

  • बड़ी आँत व मलाशय का कैन्सर
  • बड़ी आँत का तपेदिक (टी.बी.)
  • फ्ऱक्टोज़-दुरवशोषणः इसे आहारीय फ्ऱक्टोज़ इण्टालेरेन्स भी कहते हैं जिसमें छोटी आँत में फ्ऱक्टोज़ का अवशोषण ठीक से नहीं हो पाता
  • बड़ी आँत में संक्रामक सूजन
  • विभिन्न दवाओं (ख़ासतौर पर पेनकिलर्स) के सह-प्रभाव
  • स्रावी अतिसार अर्थात् सिक्रेटिव डायरियाः जिसमें अपना ही शरीर आँत में वैद्युत्-अपघट्यों(इलेक्ट्रोलाइट्स) छोड़ने लगता है जिससे पानी भरने लगता है.
  • गेस्ट्रिनोमाः यह अग्न्याषय या फिर छोटी आँत में हो सकने वाला एक ट्यूमर है जिससे गेस्ट्रिन नामक हार्मोन बहुत अधिक मात्रा में बनने लगता है जिससे आमाशय अधिक अम्लों व एन्ज़ाइम्स को उत्पन्न करता है जिनसे पेप्टिक अल्सर्स हो जाते हैं (वैसे पेप्टिक अल्सर अन्य कारणों से भी सम्भव है)

अनियमित मलत्याग का उपचार

1. रेशो व पानी की मात्रा बढ़ायें.
2. छाछ व इससे निर्मित भोजन का सेवन बढ़ायें.
3. खाने में तेल व मसालों की मात्रा घटाकर यथासम्भव सादा भोजन करें.
4. फास्ट और जंक फ़ूड से दूरी बनाये रखे.
5. अपनी पाचन प्रणाली को बेहतर बनाये. इसके लिए आप हमारा पाचन शक्ति बढाने के 21 तरीके भी पढ़ सकते है.
6. तनाव में न रहे.. जितना हो सके टेंशन को अवॉयड करे.
7. अपनी फिजिकली फिटनेस को बढाए और एक्सेरासाइज़ करे.
8. सीमित मात्रा व आवृत्ति में त्रिफला, ईसबगोल की भूँसी एवं बेलफल के मुरब्बे का सेवन किया जा सकता है परन्तु योग्य पेट व आँत रोग विशेषज्ञ से अवश्य सम्पर्क करें।

निवेदन- आपको IBS Irritable Bowel Syndrome Problem In Hindi – अनियमित मलत्याग कारण लक्षण उपचार / IBS Irritable Bowel Syndrome Syndrome Hindi Article पढ़कर कैसा लगा. आप हमें Comments के माध्यम से अपने विचारो को अवश्य बताये. हमें बहुत ख़ुशी होगी.

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Comments

  1. Amarjit Singh says

    May 12, 2021 at 10:38 pm

    Dhayavad aissi Amulya jankari se lakhon log fayda le sakte hain ,DR Log test karva ke aadmi ka kachoomr nikaal detey hai,Sabi ko is knowledge bharpoor fayda utthaye

  2. Tanoj kumar says

    May 4, 2021 at 4:09 pm

    Ibs ho jaye to lakho rupye pet ke doctor kha jata h sala btata nhi h ki ye ibs ka elaj dimag ka elaj krna h . Paisa jb khtam ho jay tb btate h ki ye pet ki nhi dimag ki bimari h . Psycritist se milo jaldi tik ho jaoge 9109314996

  3. Vinit says

    February 29, 2020 at 11:40 am

    aise hi hmen janakaribdete rahiye sir

  4. mayank says

    February 29, 2020 at 11:39 am

    Its Very informative article

  5. Vikram says

    February 28, 2020 at 7:48 pm

    Amazing post Bro….Very Informative.

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