• Home
  • Hindi Stories
  • Hindi Quotes
  • Hindi Poems
  • Hindi Biography
  • Hindi Slogans

Nayichetana.com

nayichetana, nayichetana.com, slogan in hindi

  • Home
  • Best Hindi Stories
  • Youtube Videos
  • Health In Hindi
  • Self Improvment
  • Make Money
You are here: Home / Best Hindi Post / बिन्दुसार की सम्पूर्ण जीवनी Bindusar Biography In Hindi

बिन्दुसार की सम्पूर्ण जीवनी Bindusar Biography In Hindi

July 15, 2021 By Surendra Mahara Leave a Comment

बिन्दुसार की सम्पूर्ण जीवनी Bindusar Biography History In Hindi

Bindusar Biography History In Hindi

चंद्रगुप्त मौर्य का पुत्र बिन्दुसार 297- 98 ईसापूर्व में सत्तारूढ़ हुआ व कहा जाता है कि सत्ता में आते समय यह अवयस्क था एवं इसने 272/273/268 ईसापूर्व तक लगभग 26 वर्ष शासन किया जब 52/47 वर्षीय अवस्था में इसकी मृत्यु हुई। बिन्दुसार के अन्य नाम सिंहसेन्, मद्रसार व अजातशत्रु वरिसार सहित सम्भवतः अमित्रघात भी था।

पिता का पुत्र एवं पुत्र का पिता

बिन्दुसार को ‘पिता का पुत्र एवं पुत्र का पिता’ भी कहा गया क्योंकि यह पराक्रमी चंद्रगुप्त मौर्य का पुत्र एवं शक्तिशाली चक्रवर्ती सम्राट अशोक का पिता था किन्तु स्वयं बिन्दुसार को श्रेष्ठ शासकों अथवा शूरवीर योद्धाओं में नहीं गिना जाता।

मौर्य साम्राज्य में प्राय: चंद्रगुप्त मौर्य व अशोक के रूप में दादा-पोते का ही नाम अधिक लिया गया है इसलिये भी बिन्दुसार के बारे में अधिक प्रामाणिक जानकारियों की कमी है एवं उपलब्ध विवरणों में भी विरोधाभास दृष्टिगत होता है।

Bindusar Biography History In Hindi

बिन्दुसार की सम्पूर्ण जीवनी, Bindusar Biography History In Hindi,Bindusar ki jivani, Bindusar kaun tha, Bindusar ka itihas, Bindusar in india

Bindusar

आचार्य चाणक्य के बुद्धि-कौशल से चंद्रगुप्त मौर्य ने सोलह महाजनपदों के राजाओं व सामन्तों से उनके राज्यक्षेत्र छीनकर अखण्ड भारत की स्थापना की थी।

बिन्दुसार के पास पूर्वी समुद्र से पश्चिमी समुद्र तक के भूभाग का क्षेत्र था। तिब्बती लामा तारनाथ एवं जैन अनुश्रुति के अनुसार चाणक्य ने बिन्दुसार का भी मार्गदर्शन किया था। चाणक्य के पश्चात् विभिन्न स्रोतों में उल्लेखानुसार खल्लटक, राधागुप्त व सुबंधु ने बिन्दुसार के लिये महामंत्री का कार्य सँभाला।

बिन्दुसार का जन्म

लगभग 320 ईसापूर्व में जन्मा बिन्दुसार जन्म से ही अपने माथे पर बिन्दु का चिह्न लेकर आया था क्योंकि माता दुर्धरा ने बिन्दुसार के पिता चंद्रगुप्त का जूठा भोजन कर लिया था जिससे उसकी मृत्यु हो गयी क्योंकि चंद्रगुप्त की बाल्यावस्था से ही आचार्य चाणक्य इसे मंद विष सेवन कराया करते थे ताकि इसका शरीर भविष्य के लिये विष-प्रतिरोधी हो जाये एवं भाँति-भाँति शत्रुओं द्वारा सर्प अथवा विषों का प्रयोग किये जाने पर भी इसकी प्राणहानि सरलता से न हो सके।

इस कारण चंद्रगुप्त का शरीर स्वयं में दूसरों के लिये विषाक्त बना हुआ था। मृत हो चुकी दुर्धरा के गर्भ में पल रहे शिशु को जीवित निकालने के लिये आचार्य चाणक्य ने ही पेट काटने का आदेश दिया था जिससे गर्भस्थ शिशु के प्राण बच गये एवं विष मस्तक पर एक बिन्दु के रूप में सारभूत रूप से केन्द्रित हो गया जिससे इसका नाम ‘बिन्दुसार’ पड़ा।

बिन्दुसार का परिवार

बौद्ध ग्रंथ दीपवंश व महावंश में बिन्दुसार की 16 रानियों एवं 101 पुत्रों सहित कई पुत्रियों का उल्लेख मिलता है। कुछ सन्तानों के नाम तो मिल जाते हैं परन्तु सभी के नहीं। अशोक का जन्म ब्राह्मण-पुत्री सुभद्रांगी से हुआ था। सुभद्रांगी को ‘धर्मा’ व ‘जनपदकल्याणी’ के नामों से भी जाना जाता है जो कि एक दरिद्र ब्राह्मण की पुत्री थी।

अपनी कुटिल नीतियों के कारण समूचे विश्व में अर्थशास्त्री के रूप में एवं प्रशासनिक प्रबन्धन के लिये ख्याति प्राप्त शिक्षक आचार्य चाणक्य ने चंद्रगुप्त मौर्य के हाथों मौर्य साम्राज्य की स्थापना कराकर भारत का स्वर्णिम भविष्य निर्धारित कर दिया था.

किन्तु चाँदी की चम्मच लेकर पैदा हुए बिन्दुसार ने स्वयं के दम पर कुछ ख़ास नहीं किया तथा इसका ज्येष्ठ पुत्र सुषेण अपने दुष्ट स्वभाव के कारण शासन के अयोग्य था, इस प्रकार अपने भाइयों को मारकर अन्तत: अशोक ने सत्ता अपने हाथ में ली।

बिन्दुसार एवं धार्मिक उत्था

अशोक के सातवें स्तम्भ अभिलेख में उल्लेखानुसार पहले के राजाओं ने भी धर्म की अभिवृद्धि की कामना की थी। पिता चंद्रगुप्त मौर्य के समान बिन्दुसार भी जिज्ञासु प्रवृत्ति का था एवं विद्वानों व दार्शनिकों से मिला-जुलता रहता था।

अशोक

अशोक के जन्म के समय अशोक की माता सुभद्रांगी ने कहा था – ” इस बच्चे के उत्पन्न होने से मैं अशोक हो गयी हूँ, अतः इसका नामकरण ‘अशोक’ किया जाये. अशोक आगे चलकर भारत का चक्रवर्ती सम्राट बना जिसने पूर्वोत्तर भारत की सीमाओं को सुरक्षित रखा एवं अपने शौर्य से राज्य का सीमा विस्तार किया तथा अन्ततः बौद्ध सम्प्रदाय अपना लिया। बिन्दुसार के मरण के 3- 4 वर्ष पश्चात् अशोक के सत्तारूढ़ होने का विवरण मिलता है परन्तु इस अवधि में सत्ता संचालन किसने किया यह अज्ञात है।

युद्ध-रणनीतियों पर संशय

तक्षशिला के विद्रोह – बिन्दुसार के शासन-काल में अधिकारियों की भ्रष्टता से व सुषेण (बिन्दुसार के सबसे बड़े पुत्र) के कुशासन से पीड़ित होकर पष्चिमोत्तरी प्रान्त तक्षशिला की प्रजा ने विद्रोह कर दिया था जिसे बिन्दुसार का ज्येष्ठ पुत्र सुषेण (उस समय वहाँ का स्थानीय शासक) दबा न सका।

अशोक को नियुक्त किया गया। आचार्य चाणक्य के मार्गदर्शन में चंद्रगुप्त मौर्य द्वारा स्थापित अखण्ड भारत के विशाल साम्राज्य को सँभाल पाना ही अपने आप में बड़े सामथ्र्य की बात है परन्तु बिन्दुसार ने स्वयं कहीं राज्य-विस्तार किया हो ऐसा ठोस साक्ष्य नहीं मिलता।

उत्तर भारत सहित विशाल भारतीय उपमहाद्वीप के अधिकांश भागों पर तो इसके पिता चंद्रगुप्त ने पहले ही विजय प्राप्त कर ली थी। हो सकता है कि बिन्दुसार ने भी विजय अभियान संचालित किये हों जो कर्णाटक के आसपास जाकर रुके हों एवं वह भी बिन्दुसार की शूरता के कारण नहीं बल्कि इसलिये कि दक्षिण के चोल, पंड्या व चेर मुखियाओं से मौर्यों के सम्बन्ध मधुर थे। वैसे यह भी कहा जाता है कि दक्षिण पर विजय भी सम्भवतया पिता चंद्रगुप्त ने की होगी क्योंकि बिन्दुसार तो एक विलासी राजा था।

बिन्दुसारकालीन मुद्रा कार्षापण

बिन्दुसार की मृत्यु – भिन्न-भिन्न सन्दर्भों के अनुसार बिन्दुसार ने 24 अथवा 27 वर्ष तक राज किया था। एक अनुमान अनुसार बिन्दुसार की मृत्यु ईसापूर्व 272 को हुई जबकि अन्य इतिहासकारों के अनुसार बिन्दुसार ईसापूर्व 270 में मृत्यु को प्राप्त हुआ।

 

यह भी पढ़े : Collection On Best Hindi Biography

निवेदन- आपको बिन्दुसार की सम्पूर्ण जीवनी, Bindusar Biography History In Hindi, Bindusar ki jivani आर्टिकल कैसा लगा हमे अपना कमेंट करे और हमारी साईट के बारे में अपने दोस्तों को जरुर बताये.

@ हमारे Facebook Page को जरूर LIKE करे. आप हमसे Youtube पर भी जुड़ सकते है. हमारी और पोस्ट पढने के लिए नीचे Related Post जरुर देखे.

Similar Articles:

  1. पृथ्वीराज चौहान की जीवनी Prithviraj Chauhan Bio history in hindi
  2. अल्फ्रेड नोबेल: महान वैज्ञानिक और नोबेल पुरस्कार के संस्थापक
  3. गौतम अडानी की बायोग्राफी Gautam Adani Biography In Hindi
  4. एलन मस्क की बायोग्राफी Elon Musk Biography in Hindi
  5. गुरु रविदास जी का जीवन परिचय

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Top 7 Best Article In Nayichetana. Com

  • चाणक्य की 10 बातें आपकी ज़िन्दगी बदल सकती है
  • 3 बुरी लत जो आपकी जिंदगी बर्बाद कर देगी
  • Online घर बैठे Paise कैसे कमायें
  • Teenage में ये 7 गलतियाँ कभी भी न करना
  • वजन बढ़ाने मोटा होने के 21 आसान उपाय
  • 3 लोग जिन्हें आपको कभी धोखा नहीं देना चाहिए
  • लम्बाई बढाने के 23 बेस्ट तरीके

Recent Posts

  • भगत सिंह के विचार | Bhagat Singh Quotes In Hindi
  • दोस्ती का विश्वास Best Hindi Story Of Two Friends
  • विलियम शेक्सपियर के विचार
  • हार के बाद मिलेगी सफलता After Failure Gain Success In Hindi
  • शराब और साहूकार हिन्दी प्रेरणादायक कहानी
  • आत्मविश्वास पर महान व्यक्तियों के विचार

You Are Now: Nayichetana.com Copyright © 2015 - 2025 to Nayichetana.com