हे राम ! तुम फिर लौट आओ Hey Ram Laut Aao Hindi Poem
Hey Ram Laut Aao Hindi Poem
दोस्तों, आज के ज़माने जिस तरह से दुनिया बदल रही है तो हमारे आस पास कई बुराइयाँ फ़ैल गयी है जैसे मित्रता में स्वार्थ का होना, पुत्र का पिता का ख्याल न रखना, महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार होना, धर्म के नाम पर आपस में लड़ना तो ऐसी कई बाते है जिनसे दुखी होकर कवि प्रभु श्री राम से वापस लौटने का आग्रह कर रहे है तो इस कविता को पढ़े और इस बेहतरीन कविता की गहराई को जाने.
Hey Ram Laut Aao Hindi Poem
हे राम ! तुम फिर लौट आओ
हे मर्यादा पुरुषोत्तम ! नरों में श्रेष्ठ ,
आज वसुधा पर फिर उतर आओ,
हे राम ! तुम फिर लौट आओ ।
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नहीं रहा अब जग में प्रेम राम लखन सा,
मित्रता भी रह गई आधार केवल स्वार्थ सिद्धि का,
ज्योत बन्धुता की फिर जगा जाओ,
हे राम ! तुम फिर लौट आओ।
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कलयुग में तुमसा पुत्र रहा नहीं धरा पर,
त्याग दे जो सर्वस्व अपना मातृ पितृ आज्ञा पर,
मिसाल मर्यादा की फिर दे जाओ,
हे राम ! तुम फिर लौट आओ ।
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भरा पड़ा ये जग आज भी दसाननों से,
आज भी होते हैं नित सीता हरण कंक्रीट वनों से,
सुरक्षा को नारी की रामायण फिर रचा जाओ,
हे राम ! तुम फिर लौट आओ।
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नहीं है राजा के वेश में योगी शेष यहाँ ,
नहीं है कोई तुमसा नीति अनुयायी श्रेष्ठ यहाँ,
वो विश्व धर्म का मार्ग फिर दिखला जाओ ,
हटा अनीति अधर्म को राम राज फिर दे जाओ,
हे राम ! तुम फिर लौट आओ ।…
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Jai Shri ram