चिपको आन्दोलन की शुरुआत और इसके प्रभाव ! Chipko Movement In Hindi
चिपको आन्दोलन का सीधे-सीधे अर्थ है किसी चीज से चिपकर उसकी रक्षा करना. चिपको आन्दोलन की शुरुआत उत्तराखंड, पूर्व में उत्तर प्रदेश का भाग जो 2000 में उत्तर प्रदेश से अलग होकर एक नया राज्य बना. चिपको आन्दोलन एक पर्यावरण की रक्षा करने का एक ग्रामीण आन्दोलन था. इसकी शुरुआत उत्तराखंड के चमोली जिले में सन 1973 में हुई थी. तब गाँव के ग्रामीण किसानो ने राज्य के वन ठेकेदारों द्वारा वनों और जंगलो को काटने के विरोध में चिपको आन्दोलन लड़ा गया था.

चिपको आन्दोलन
Chipko Aandolan In Hindi
वनों की कटाई को रोकने के लिये गाँव के पुरुष और महिलाये पेड़ से लिपट जाती थी और ठेकेदारों को पेड़ नहीं काटने देती थी. इस आन्दोलन में महिलायों की संख्या अधिक थी. इस आन्दोलन में प्रसिद्ध पर्यावरण प्रेमी सुन्दरलाल बहुगुणा, चंडीप्रसाद भट्ट, श्रीमती गौरा देवी और गाँव के ग्रामीणों ने मिलकर इस आन्दोलन को अंजाम दिया. इस आन्दोलन को सम्यक जीविका पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया है.
इस आन्दोलन करने से कुछ प्रभाव :
जिस समय यह आन्दोलन चल रहा था, उस समय केंद्र की राजनीति में भी पर्यावरण एक एजेंडा बन गया था. इस आन्दोलन को देखते हुए केंद्र सरकार ने वन सरंक्षण अधिनियम बनाया. इस अधिनियम के अंतर्गत वनों की रक्षा करना और पर्यावरण को जीवित करना आता है.
यह चिपको आन्दोलन की देन थी की सन 1980 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी ने एक विधेयक बनाया जिसमें हिमालयी क्षेत्रो के वनों को काटने पर 15 सालो का प्रतिबंद लगा दिया था. बाद-बाद में चिपको आन्दोलन भारत के पूर्व, मध्य और साउथ के राज्यों में फैला.
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bahut achha vivrani tha isi prakar ke saf aur samajh me aa jane wali vivrani ko likha jay