बचपन पर हिंदी कविता - Bachpan Par Hindi Kavita दोस्तों, चाहे आपका बचपन हो या फिर हमारा.. हर किसी को अपने बचपन की यादें जरुर आती है और हर कोई चाहता है की वह एक बार फिर से अपने बचपन के पलों को दोबारा जी सके. पर ऐसा होना संभव तो नहीं लेकिन हम छोटे बच्चो के साथ खेलकर या अपने बचपन की यादो को ताजा करके बचपन को थोडा फील जरुर कर लेते है. आइये इस कविता को पढ़िए.. यह कविता भी आपको आपके बचपन की याद जरुर दिला देगी. सबसे सुनहरा पल है बचपन बीते कल का … [Read more...]
ए हिन्दोस्तां के जवां – देश के वीर जवानों पर हिंदी कविता
ए हिन्दोस्तां के जवां ! देश के वीर जवानों पर हिंदी कविता - Patriotism Poem In Hindi Hindi Poem On Independence Day 15 August ए हिन्दोस्तां के जवां ए हिन्दोस्तां के जवां जीत तुम्हारी पक्की है - जीत लो सारा जहाँ ए हिन्दोस्तां के जवां ए हिन्दोस्तां के जवां - हाथ में लेकर तिरंगा कदम से कदम मिलाते चलो नदियों का रुख मोड़ दो पर्वत का सीना हिलाते चलो समन्दर को सूखा दो झुका दो आसमान - ए हिन्दोस्तां के जवां ए हिन्दोस्तां के जवां ए … [Read more...]
बस ! अब शुरू कर दो चलना तुम ! Best Poem On Goal
बस ! अब शुरू कर दो चलना तुम ! Let's start you now Poem In Hindi By Best Poet Raj Kumar बस आज से ही शुरू कर दो चलना तुम चलते चलते गिरना और गिर कर संभलना तुम मत देखो पीछे मुड़ कर अपने अतीत को जो सुन सका न तेरे मन के गीत को. - न इधर देखो न उधर देखो सिर्फ भविष्य में कामयाबी का मंजर देखो लो मान लिया तुम्हारा तीर निशाने से चुक गया है मगर ये ना सोचो जीवन में कुछ और नहीं रखा है. - समंदर में अब भी है मोती, सूरज में अब भी है ज्योति उठो छू लो … [Read more...]
एक चरवाहा – चरवाहे का जीवन बखान करती हिंदी कविता !
एक चरवाहा ! चरवाहे का जीवन बखान करती हिंदी कविता A Shepherd ! Hindi Poetry Explaining The Life Of Cowboy By Raj Kumar क्या अपने गाँव जाते समय देखा हैं, उस वीरान परती जमीन पे कोई चरवाहा चरा रहा था अपनी गायें, वह अपनी लाठी कभी अपने कंधे रखता तो कभी हवा में. - आती जाती हवा उससे अठखेलियां खेलती, उड़ती तितलियाँ उसके माथे से गुजर जाती. - देखा है कभी कैसे अनबोलता पशु मानते उसकी आज्ञा, जब कहता मुड़ने को, मुड़ जाते जब #हेहव ! कहता तो रुक … [Read more...]