मेरी किस्मत - My Luck Poem In Hindi Meri Kismat Hindi Kavita - Raj Kumar Yadav दहलीद लाँघकर चली गई किस्मत मेरी मैं बैठा, खुद से रुठा अकेला रह गया. - मुझे मारकर चली गई रहमत खुदा की मैं बेचारा, बन आवारा भटकता रह गया. - तसल्ली दिलाकर चली गई आँखें बहन की मैं कुछ देखता, मैं कुछ समझता उसे तलाशता रह गया. - दीया जलाकर चली गई रातें क़मर की फिर भी उदास, बिल्कुल चुपचाप तंहा रोता रह … [Read more...]