Wo Mele Poem In Hindi वो मेले हिंदी कविता कितने खुबसूरत होते थे वे मेले जहाँ जाकर भूल जाते थे रोज के झमेले पैदल ही जाना होता था - महिलाओं का हँसना गाना होता था हर जगह मिठाई चाट के ठेले कितने प्यारे होते थे वे मेले झूले सर्कस वाला होता था - पूरे समाज का ताना बाना होता था बैठे है गुमसुम अकेले काश लगे फिर वे मेले – Hitesh Rajpurohit Hindi Poem “वो मेले पर हिंदी कविता ” हमें भेजी है … [Read more...]