मर्म बताती एक कविता जलाई गई हिन्दी कविता (बृजमोहन स्वामी “बैरागी”) Marm Batati Ek Kavita Jalai Gai Hindi Kavita जम्मू की एक मस्ज़िद में नमाज़ पढ़ते हुए हम, उठाएंगे बिस्तर और जाकर सोयंगे मन्दिर में, - नींद में आयेंगे ईसा मसीह, जबकि सुबह फिर से दुनियांदारी का मुंह देखना है, मरोड़ना है पुराने रेडियो का बटन कांपते हाथों से बदलने है कई चैनल सुननी है कई चीखें, जो सीरिया लीबिया या अपने ही शहर … [Read more...]