खोती हुई इंसानियत - Losing Humanity Poetry In Hindi क़त्ल हुआ और यह शहर सोता रहा अपनी बेबसी पर दिन-रात रोता रहा ।।1।। भाईचारे की मिठास इसे रास नहीं आई गलियों और मोहल्लों में दुश्मनी बोता रहा ।।2।। बेटियों की आबरू बाज़ार के हिस्से आ गई शहर अपना चेहरा खून से धोता रहा … [Read more...]