हौसलों के पंख हिन्दी कविता ! Hauslon Ke Pankh Poem In Hindi हौसलों के पंख लगाकर, लगाओ गोते आसमान की सुनो अपने अंदर की आवाज, न कि दुनिया-जहान की. सुनो अपने अंदर की आवाज, न कि दुनिया-जहान की. - ईंट-ईंट जोड़ने से ही बन जाता है बहुमंजिला भवन, बूंद-बूंद से सागर भरता और पत्ता-पत्ता हिलने से तेज होती पवन. मन में तुम जो भी ठान लो करके रहना है ऐसा ही मान लो. सच्चे मन से काम करने पर कृपा होती है … [Read more...]