Dunia Hindi Poem By Raj Kumar दुनिया जलती है तो जलने दो आशियाने जल रहे थे लपटें आसमान छू रही थी, मैं दूर खड़ा हाथ सेंक रहा था, दुनिया जलती है, तो जलने दो. - इसी दुनिया ने मेरा घर जलाया था, मुझे बेघर बनाया था, दिल दुखाया था. उस दिन मैं बहुत रोया था, दुनिया जलती है, तो जलने दो. - आज कैसे देखो समय ने पलटी मारी है, अब मेरी बारी है, हाथ मेरे कटारी है. मैंने ले लिया जो कुछ मेरा … [Read more...]