रूको नहीं बढे चलो हिंदी कविता - Do Not Wait Grow Up Poem In Hindi अग्रसर हो राही पथ पर बढे चलो बढे चलो रूको नहीं डटे रहो रूकावटें हजार हों समय की प्रहार हो प्रचंड वेग प्रलाप हो रोग हो संताप हो तू खण्ड कर प्रचंड को हर उस संताप को जो रोकती है राह को रुको नहीं डटे रहो बढे चलो बढे चलो तुझमें वह शक्ति है जो कि तेरी भक्ति है दूर नहीं भगवान है पिता वो, तू, पुत्र इंसान है हाथ थाम भगवान … [Read more...]