घर के आँगन तक दौड़ती बिटिया Best Poetry On Daughter In Hindi दोस्तों, अगर आपकी कोई बेटी है या आपके घर में कोई छोटी सी लाडली बच्ची है तो आपने जरुर देखा होगा की आपके घर में हर समय एक खुशनुमा माहौल बना रहता है और यह सब किसके कारण होता है आपकी नन्ही सी बिटिया के कारण. पापा की छोटी … [Read more...]
पापा मैं क्यों बड़ी हो गई हूँ Fathers Special Poetry In Hindi
पापा मैं क्यों बड़ी हो गई हूँ Fathers Special Poetry In Hindi पापा ......... मैं क्यों बड़ी हो गई हूं ???????? चलते चलते कहीं गिर ना जाऊं कहीं गुम ना जाऊं नन्हीं उंगलियों को थाम लेते थे आज खुद ही अपने हाथों को टेक कर खड़ी हो जाती हूं पापा मैं क्यों बड़ी हो गई हूं … [Read more...]
कहाँ जा रही हो हिंदी कविता
कहाँ जा रही हो Kaha Ja Rahi Ho Hindi Kavita तुम अब जा रही हो, तुम से अब क्या कहना, तुम मेरी जिंदगी हो, तुम से अब क्या कहना, - भूल कर सपनों को ,तोड़कर वादों को, मुझे भी भूला रही हो, तुम से अब क्या कहना, - जहां पर मिलें थे वो जगह उदास है वहीं कहो, जो तुम कहती हो, तुम से … [Read more...]
मैं खुल के जी रहा हूँ I am Living Open Poem In Hindi
मैं खुल के जी रहा हूँ I am Living Open Poem In Hindi पूछते हो जानकर क्यों ये गरल मै पी रहा हूँ इस तरह की जिन्दगी को क्यों भला मैं जी रहा हूँ जानते हो क्या मिलेगा इस तरह की सादगी में क्या कभी गुलशन खिलेगें इन विरानी वादगी में. - जानते हो जिन्दगी एक जंग है मैं जी रहा … [Read more...]
लव आजकल हिंदी कविता Loveaajkal Poem In Hindi
लव आजकल हिंदी कविता Loveaajkal Poem In Hindi लोगो की अभिलाषा बदल गयी है प्यार की परिभाषा बदल गयी है, पहले प्यार में सच्चाई होती थी, उसमे वफ़ा की अच्छाई होती थी पर आज, आज तो टूटते बिखरते है रिश्ते हर पल प्यार नही, बस दो दिलो का खेल बन गया है, लव आजकल। - सोना, बाबू, … [Read more...]
बचपन पर हिंदी कविता
बचपन पर हिंदी कविता - Bachpan Par Hindi Kavita दोस्तों, चाहे आपका बचपन हो या फिर हमारा.. हर किसी को अपने बचपन की यादें जरुर आती है और हर कोई चाहता है की वह एक बार फिर से अपने बचपन के पलों को दोबारा जी सके. पर ऐसा होना संभव तो नहीं लेकिन हम छोटे बच्चो के साथ खेलकर या अपने बचपन की … [Read more...]