पापा मैं क्यों बड़ी हो गई हूँ Fathers Special Poetry In Hindi पापा ......... मैं क्यों बड़ी हो गई हूं ???????? चलते चलते कहीं गिर ना जाऊं कहीं गुम ना जाऊं नन्हीं उंगलियों को थाम लेते थे आज खुद ही अपने हाथों को टेक कर खड़ी हो जाती हूं पापा मैं क्यों बड़ी हो गई हूं ....? - बस आंख भर आती थी तो सबको चिल्लाते थे मुझे चुप कराते थे मनाते थे आज पूरी रात तकिए में सिर छुपा कर रो लेती … [Read more...]