एक मजदूर - Labour Poetry In Hindi पसीने से तर-बतर, घर से निकल दोपहर, जा रहा है.. उसका क्या कसूर है? क्योंकि वो बस एक मजदूर है, बस यहीं उसका कसूर है, - भूखा-प्यासा रात-दिन, जेब खाली पैसों बिन, वो करता जा रहा है काम, एक पल न कर आराम, सतत स्वेद से तन उसका भरपूर है, क्योंकि वो बस एक मजदूर है, - बच्चों को है पालता, परिवार को संभालता, हर बला को टालता, तकलीफों से है वास्ता, उसका … [Read more...]