राधा कौन थी व राधा जी किस जाति की थी ?
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हम सब जानते है कि राधा और भगवान कृष्ण का प्रेम विशाल प्रेम था । हम श्री कृष्ण भगवान के जन्म की पूरी कहानी जानते है, लेकिन राधा के जन्म से संबंधित अनके मत सामने आते है । आज हम इस आर्टिकल में राधा कौन थी और राधा जी किस जाति की थी ? के बारे विस्तार से जानेंगे।
किसी भी मनुष्य को जाति उसके माता पिता के द्वारा मिलती है जिनसे वह जन्म लेता है, लेकिन मान्यताओं के अनुसार राधा ने किसी भी स्त्री के गर्भ से जन्म नही लिया था। इसलिए इनकी कोई जाति सामने नही आयी है और न ही किसी ग्रंथ में राधा जी की जाति को पढ़ा गया है ।
तो फिर आखिर राधा कौन थी : ऐसा माना जाता है कि राधा जी श्री कृष्ण का ही अंश है और इनका किसी स्त्री से जन्म नही हुआ था। राधा के जन्म के अनेक मत प्रचलित हैं, जिनमें से कुछ मत हम आपके सामने रखेंगे और साथ ही हम आपके सामने एक राधा के जन्म की कहानी भी रखेंगे, जिसे ग्रंथ में पढ़ा गया है।
राधा जी के बारे में प्रचलित कुछ मत
1. कुछ ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार राधा का जन्म श्री कृष्ण के दांये अंग से हुई है, जिससे माना जाता है कि राधा कृष्ण का ही अंश है और यह अंश (राधा) तीनों लोकों में सबसे सुन्दर था ।
2. भागवत पुराण में यह पढ़ा गया कि राधा जी का जन्म पृथ्वी से हुआ था, मतलब वह पृथ्वी मां से प्रकट हुई थी। यह भी कहा जाता है कि राधा की मां किर्ती (सगी मां नही थी) के गर्भ में हवा भर हुई, जो शरीर के बाहर आने के बाद राधा में परिवर्तित हो गयी थी और यह भगवान की लीला मानी जाती है ।
3. अब हम आपको एक सबसे ज्यादा प्रचलित राधा जन्म की कहानी बताएंगे और उनके जाति से संबंधित कुछ जानकारियां भी देंगे ।
ऐसा कहा जाता है कि राधा का जन्म बरसाना में हुआ था, लेकिन वास्तव में इनका जन्म बरसाना से 50 किलोमीटर दूर एक रावल गांव में हुआ था और यही राधा जी का जन्म स्थल है । इनकी जन्म का मुख्य कारण कमल का फूल माना जाता है, जिससे राधा प्रकट हुई थी ।
कहानी कुछ इस प्रकार हैं :
- रावल गांव में आज भी एक मंदिर है, और माना जाता है कि राधा का जन्म इसी जगह हुआ था । माना जाता है कि इस गाँव में 5 हजार वर्ष पहले एक यमुना नदी निकली थी।
- राधा की मां कृति एक पुत्री की लालसा से यमुना में स्नान करती थी।
- एक पूजा के दौरान कमल का फूल प्रकट होता है, जिसमें से एक सोने की चमक निकलती है और उस चमक के साथ राधा प्रकट होती है।
- राधा के नेत्र जन्म के समय बंद थे, जो 11 महीने बाद कृष्ण जन्म के बाद उनके दर्शन से खुले थे। मतलब राधा ने अपने नेत्र से सबसे पहला दर्शन कृष्ण का ही किया था।
हालांकि कुछ लोग सोचते है कि राधा का जन्म बरसाना में हुआ है क्योंकि…
कृष्ण जन्म के बाद गोकुल में कंस के प्रकोप ज्यादा होने लगे थे और उसके बाद गोकुल के सभी राजाओं ने मिलकर निश्चिय किया कि वे गोकुल छोड़ेंगे। कृष्ण के पिता नंद सहित उनकी प्रजा पहाड़ो पर रहने लगी और उस स्थान का नाम नंदगाँव पड़ा.
जबकि राधा के पिता वृषभान सहित उनकी प्रजा भी एक स्थान पर गयी थी, जिसका नाम बरसाना पड़ा और इसीलिए बरसाना राधा का जन्मस्थल माना जाता है।
FAQ On Radha Ji
Q. राधा जी कौन थी ?
Ans. राधा जी श्री कृष्ण की प्रेमिका थी.
Q. राधा जी के अन्य नाम क्या थे ?
Ans. राधा जो को अहीर गोपिका, कृष्णप्रिया, वृषभानुलली, राधिका, किशोरी व माधवी भी कहा जाता है.
Q. राधा जी के पिता का नाम क्या था ?
Ans. वृषभानु
Q. राधा जी के माता का नाम क्या था ?
Ans. कीर्ति देवी
Q. राधा जी का विवाह किसके साथ हुआ था ?
Ans. राधा जी का विवाह रायाण नामक एक वैश्य के साथ हुआ था.
Q. राधा के पति का नाम क्या था ?
Ans. राधा के पति का नाम रापाण अथवा रायाण था.
Q. राधा रानी की जाति क्या थी ?
Ans. भागवत पुराण के अनुसार राधा का जन्म किसी स्त्री के गर्भ से नहीं हुआ था वही कुछ लोग राधा को गुर्जर भी बताते है.
Q. राधा की मृत्यु कैसे हुई ?
Ans. कुछ मतो के अनुसार राधा जी अंत समय में श्री कृष्ण में समा गयी थी.
Q. कृष्ण का विवाह राधा से क्यों नहीं हुआ ?
Ans. एक मत के अनुसार.. श्रीकृष्ण ने राधा से इसलिए विवाह नहीं किया क्योंकि वह इंसानों को आंतरिक प्रेम के बारे मे सिखाना चाहते थे. राधा व श्रीकृष्ण का संबंध कभी भी भौतिक रूप में नहीं रहा बल्कि वह आध्यात्मिक प्रेम था.
Q. राधा जी का मन्त्र क्या है ?
Ans. ॐ वृषभानुज्यै विद्महे कृष्णप्रियायै धीमहि तन्नो राधा प्रचोदयात॥
इसके अलावा अगर आप भगवन श्रीकृष्ण और राधा की कहानियां पढने के शौक़ीन है तो आप यह कहानियां जरुर पढ़े – राधाकृष्ण की कहानियां
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हां यह सत्य है राधा और उनकी सारी सखियां गुर्जर थी चंद्रावल गुजरी ललिता सखी गुजरी थी
हा हमारे पुर्वज कहते है कि राधाजी गुर्जर जाति से थी।