जीन्स पैण्ट पहनने के 16 नुकसान Disadvantage Of Jeans Pants In Hindi
Table of Contents
- जीन्स पैण्ट पहनने के 16 नुकसान Disadvantage Of Jeans Pants In Hindi
- जीन्स पैण्ट पहनने के 16 नुकसान Disadvantage Of Jeans Pants In Hindi
- 1. मूत्रपथ-संक्रमण (मुख्यतया यीस्ट इन्फेक्शन –
- 2. मूत्राशय कमज़ोर होना –
- 3. कम्पार्टमेण्ट सिण्ड्राम –
- 4. खून के थक्के जमना –
- 5. मेराल्जिया पॅरेस्थेटिका –
- 6. वेनस इन्सफ़िशियन्सी सिण्ड्रोम –
- 7. पेटदर्द –
- 8. पीठ व कमर दर्द –
- 9. थकावट –
- 10. वृषणों में ऐंठन –
- 11. शुक्राणु घटना –
- 12. कैन्सर आदि –
- 13. नपुंसकता –
- 14. पैनाइल फ्ऱेक्चर –
- 15. सर्कमसाइज़्ड संवेदनशीलता –
- 16. एसिड रिफ़्लक्स एवं हार्टबर्न –
- जीन्स पैण्ट पहनने के 16 नुकसान Disadvantage Of Jeans Pants In Hindi
जीन्स पैण्ट पहनने के 16 नुकसान Disadvantage Of Jeans Pants In Hindi
आकर्षक दिखने की चाह में लोग जीन्स पहन लेते हैं किन्तु उसके साथ कई हानियों को अपने से जोड़ लेते हैं जिनके बारे में चर्चा करनी आवश्यक है, यदि इलास्टिक ही क्यों न हो फिर भी जीन्स का कपड़ा ही ऐसा होता है जो नैसर्गिक प्रवाह एवं सहजता को रोक देता है, यदि टाइट हुआ तब तो एक तो करेला ऊपर से नीम चढ़ा सिद्ध होता है।
यहाँ स्किन टाइट व लूज़ जीन्स सहित अन्य सिंथेटिक व कसे कपड़ों, विशेषतया पैण्ट्स (Loose And Tight Jeans) से स्त्री-पुरुषों को हो रही हानियों की ओर आपका ध्यानाकर्षण करने का प्रयास किया जा रहा है ताकि जीन्स पैण्ट जैसी निरर्थकताओं को छोड़ सादगी से स्वस्थ व सहज जीवन जिया जा सकेः-
जीन्स पैण्ट पहनने के 16 नुकसान Disadvantage Of Jeans Pants In Hindi
1. मूत्रपथ-संक्रमण (मुख्यतया यीस्ट इन्फेक्शन –
कैण्डिडा नामक एक यीस्ट से योनि व अन्य आन्तरिक उपांगों के संक्रमित होने की आशंका बढ़ जाती है, कैण्डिडा से हुए संक्रमण को वैजाइनल थ्रष कहा जाता है। लक्षण स्वरूप चकत्ते, लालिमा, खुजली, सूजन हो सकती हैं क्योंकि वायु-संचार रुकने से पसीना जमता जाता है व त्वचा में यीस्ट आदि पनपने की सम्भावना बन जाती है।
इटली में किये गये एक अनुसंधान में भी पाया गया कि सप्ताह में एक बार जीन्स पैण्ट पहनने वाली स्त्रियों में भी बैक्टीरियल वैजाइनोसिस की आशंका बहुत बढ़ गयी। बैक्टीरियल वैजाइनोसिस की गम्भीर स्थिति में टाक्सिक शाक सिण्ड्राम भी हो सकता है जिसमें उल्टी व बुखार भी सम्भव। स्त्री व पुरुष के गुप्तांगों में कपड़ों की खुरचन भी उन्हें अधिक संक्रमणशील बना देती है। कसे कपड़ों से तापक्रम व नमी बढ़ना भी गुप्तांग-स्वास्थ्य के लिये बड़ा हानिकारक सिद्ध होता है।
2. मूत्राशय कमज़ोर होना –
जीन्स व अन्य सिण्थेटिक व कसावट पूर्ण पैण्ट्स से मूत्राशय पर अतिरिक्त दबाव तो पड़ता ही है एवं इनसे यह मूत्राशय जीवाणुओं का प्रजनन केन्द्र भी बनने लगता है एवं ये जीवाणु शरीर में पुनः प्रवेश भी कर सकते हैं जिससे मूत्रपथ-संक्रमणों को और बढ़ावा मिल जाता है।
3. कम्पार्टमेण्ट सिण्ड्राम –
इसमें पेशियों व तन्त्रिकाओं में रक्तप्रवाह सुचारु न रह पाने से आक्सीजन व अन्य पोषकों की आपूर्ति पर्याप्त नहीं हो पाती, सिण्थेटिक कपड़ों, विशेष रूप से जीन्स पैण्ट्स से यह समस्या जाँघों, कूल्हों व कमर में आने की आशंका बनी ही रहती है। रीढ़ भी इससे प्रभावित हो सकती है। प्रभावित भाग सुन्न पड़ सकता है अथवा सूजन होती है, भीतर ही भीतर पेशियों का नाश होता रह सकता है एवं वृक्कों पर इस पेशीय विघटन का भार बढ़ सकता है; कुछ प्रकरणों में पक्षाघात सम्भव।
4. खून के थक्के जमना –
जीन्स आदि से लगातार दबाव बना रहने से विशेषत: प्रजनन-अंगों में खून के थक्के जम सकते हैं।
5. मेराल्जिया पॅरेस्थेटिका –
यह एक तन्त्रिका-क्षति (नर्व-डैमेज) है जो लेटरल क्यूटेनियस नर्व (जाँघ की इस तन्त्रिका को लेटरल फ़ीमोरल क्यूटेनियस नर्व भी कहते हैं) दबने से होती है, इसमें पैर के ऊपरी हिस्से में बाहरी जाँघ पर सुन्नता अथवा झुनझुनी अनुभव हो सकती है।
6. वेनस इन्सफ़िशियन्सी सिण्ड्रोम –
यह मुख्यतः दो प्रकार का होता है – वेरिकोज़ वैन्स एवं तेलंगीएक्टेशिया (स्पाइडर वैन्स)। वेरिकोज़ वैन्स में प्रभावित अंग की शिराएँ सूजन युक्त व ऐंठी हुई हो जाती हैं जो नीली अथवा गहरी बैंगनी लग सकती हैं। शिराओ में ख़राब कपाटों से निकलकर रुधिर ग़लत दिशा में जा सकता है।
तेलंगीएक्टेशिया(स्पाइडर वैन्स) में शिराओ पर अत्यधिक दबाव पड़ने से सम्भव है कि ये लाल, बैंगनी अथवा नीले रंग में दिखने लगें, मकड़ी के जाल अथवा पेड़ की शाखाओं की आकृति में ये चेहरे अथवा पैरों पर नज़र आ सकती हैं। यह समस्या पुरुषों की अपेक्षा स्त्रियों में अधिक होती है, वह भी पेट दर्द के साथ सम्भव।
7. पेटदर्द –
स्त्रियों व पुरुषों दोनों में जीन्स से पेट के निचले भाग के दबने से मूत्राशय पर दबाव पड़ने लगता है इससे भी जलन अथवा मूत्र संक्रमण की आशंका बढ़ती है।
8. पीठ व कमर दर्द –
पीठ व कमर की पेशियों में दबाव पड़ने से एवं कूल्हे की हड्डी में रक्त प्रवाह कम हो जाने से मेरु व रीढ़ की हड्डी में तनाव बन जाता है।
9. थकावट –
पुरुषों की अपेक्षा स्त्रियों में यह समस्या अधिक दिखती है क्योंकि व्यक्ति को पता ही नहीं चलता कि अब खुलकर साँस नहीं आ रही, दम घुँट रहा है. पसीना, चक्कर व बेहोशी भी सम्भव।
10. वृषणों में ऐंठन –
ब्रिटिश पुरुषों में किये गये परीक्षण में यह सिद्ध हुआ है कि जीन्स पैण्ट्स वृषणों में ऐंठन के मुख्य कारक बनते जा रहे हैं।
11. शुक्राणु घटना –
शरीर की अपेक्षा वृषण नीचे अलग से एक कोष में लटके होते हैं ताकि वृषणों को सामान्य शारीरिक ताप से लगभग 2 डिग्री कम मिल सके क्योंकि सामान्य शारीरिक ताप में वे शुक्राणु-उत्पादन ठीक से नहीं कर पायेंगे, जीन्स से वैसे तो ताप बढ़ता ही है जो कि शुक्राणु उत्पादन में बाधक है एवं यदि पैण्ट के कारण वृषण शरीर से चिपकते रहें तो शुक्राणुओं की मात्रा व गुणवत्ता और घटती है।
12. कैन्सर आदि –
वृषण इत्यादि दबते रहने से वृषणों के कैन्सर की आशंका हो सकती है। बाइक चलाते समय यह दबाव और अधिक बढ़ सकता है।
13. नपुंसकता –
जीन्स पैण्ट पहनने वाले पुरुषों में नपुसंकता, शीघ्रपतन व सम्बन्धित समस्याएँ अधिक होती हैं, शीघ्रपतन के कारण भ्रांतियाँ व बचाव पढ़ा जा सकता है। जीन्स से वृषणकोष व शिष्न की शिराएँ व धमनियाँ संकुचित होती जाती हैं, उत्तेजना के समय होने वाला सहज रक्त प्रवाह ठीक से नहीं हो पाता।
14. पैनाइल फ्ऱेक्चर –
शिष्न में कोई अस्थि नहीं होती, फिर भी हस्तमैथुन व जीन्स इत्यादि की रगड़ से उसकी नस-नाड़ियों में गम्भीर तोड़-मरोड़ तक सम्भव है, चिकित्सात्मक आवश्यकता वाली इस स्थिति को पैनाइल फ्ऱेक्चर कहते हैं। हस्तमैथुन क्यों न करें ? 33 कारण नामक आलेख भी पढ़ सकते हैं। ऊतकों में लगने वाली विशेषत: आन्तरिक चोट के स्थायी हो जाने से पेनिस में टेढ़ापन भी सम्भव।
15. सर्कमसाइज़्ड संवेदनशीलता –
जीन्स पैण्ट्स के कारण शिष्नमुण्डच्छद-विहीन (जिनके शिष्न मुण्ड को ढाँकने वाली त्वचा नहीं है) पुरुषों को विशेष परेशानी हो सकती है एवं बेहद रगड़ से संक्रमण व सूजन की आशंका भी बढ़ेगी ही।
16. एसिड रिफ़्लक्स एवं हार्टबर्न –
कमर व पेट पर दबाव पड़ते रहने से एसिडिटी सहित सीने व छाती में जलन की आशंका बढ़ती है, जीन्स से लिम्फ़-नोड्स में रक्त प्रवाह घटने की भी आशंका रहती है। जीन्स इत्यादि से होने वाली हानियों की सूची और बड़ी है, अब आप स्वयं सोच लें कि जीन्स इत्यादि के आकर्षण में अपने प्रजनन व सामान्य स्वास्थ्य एवं भलमन साहत को दाँव पे क्यों लगाना ?
तो दोस्तों यह लेख था जीन्स पैण्ट पहनने के 16 नुकसान, Disadvantage Of Jeans Pants in hindi, jeans pants pahanne ke kya kya n uksaan hai Hindi Me. यदि आपको यह लेख पसंद आया है तो कमेंट करें। अपने दोस्तों और साथियों में भी शेयर करें।
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