• Home
  • About Us
  • Hindi Stories
  • Hindi Quotes
  • Hindi Poems
  • Hindi Biography

Nayichetana.com

Best Hindi motivational & Inspiration Life Site




  • Home
  • Best Hindi Stories
    • Competitive Exam
  • Youtube Videos
  • Hindi Essay
  • Health In Hindi
  • Self Improvment
  • Hindi Slogans
You are here: Home / Extra Knowledge / दाँतों की सड़न के लक्षण कारण बचाव व उपचार के तरीके

दाँतों की सड़न के लक्षण कारण बचाव व उपचार के तरीके

December 20, 2020 By Surendra Mahara Leave a Comment

दाँतों की सड़न के लक्षण कारण बचाव व उपचार के तरीके Cavities Dental Caries Causes Symptoms Treatment In Hindi

Table of Contents

  • दाँतों की सड़न के लक्षण कारण बचाव व उपचार के तरीके Cavities Dental Caries Causes Symptoms Treatment In Hindi
    • Cavities Dental Caries Causes Symptoms Treatment In Hindi
      • दाँतों की सड़न दो रूपों में होती देखी जाती है :
      • दाँतों की सड़न के लक्षण :
      • दाँतों की सड़न के कारण :
      • दांतों को सड़ने से बचने के उपाय या बचाव :
      • दाँतों की सड़न का उपचार :

Cavities Dental Caries Causes Symptoms Treatment In Hindi

दोस्तों, आज दाँतों की सड़न की समस्या बहुत गंभीर बढती जा रही है. हमारे आसपास ही ऐसे लोग मिल जाते है जो दांतों के सड़ने या कीड़ा लगने की समस्या से पीड़ित होते है. हमारी थोड़ी सी लापरवाही हमारे दांतों को नुकसान पहुंचा देती है.

इससे बचने का यही तरीका है की कुछ भी खाना या गलत आदतों से आपको दूर रहना चाहिए. कुछ भी खाने से पहले यह निश्चित कर ले की इससे आपके दांतों को कोई नुकसान न हो.

आपको इस आर्टिकल में हम दाँतों की सड़न के लक्षण, कारण, बचाव व उपचार के तरीके बताएँगे जिससे आपको अपने दांतों की सेफ्टी करने में हेल्प मिलेगी और आप अपने दांतों को सड़न से बचा पाएंगे.

Cavities Dental Caries Causes Symptoms Treatment In Hindi

teeth, दाँतों की सड़न लक्षण उपचार तरीके,Cavities Dental Caries Causes Symptoms Treatment In Hindi,Nayichetana.com,daanto ki sadan thik kare,teeth care in hindi

Teeth Care

दाँतों की सड़न दो रूपों में होती देखी जाती है :

1. डेण्टल केरीज़ / केविटी / डीके
2. एसिड इरोज़न

डेण्टल केरीज़ / केविटी / डीके :

ये साधारणतया दाँतों के ऐसे भाग में केन्द्रित रहती हैं जहाँ सफाई कठिन हो। इनका निर्माण तब होता है जब खाने के साथ आयी शुगर या मण्ड को मुख के बैक्टीरिया द्वारा अम्ल में बदल दिया जाता है जिससे दाँतों की सतह ढँक जाती है – इस प्रकार बनी बैक्टीरियल पर्त को डेण्डल प्लेक कहते हैं जो कि चिपचिपी व रंगहीन होती है एवं जब इसका टार्टर बन जाता है तो इसका रंग अधिकांशतया भूरा या फ़ीका पीला हो जाता है।

बैक्टीरिया दंत सतहों पर लार के अवयवों से जुड़ जाते हैं जिससे बना प्लेक दाँतों में अटक जाता है। समय बीतने के साथ प्लेक में बैक्टीरिया द्वारा उत्पन्न अम्लों से इनेमल टूट सकता है एवं केविटी बन जाती है जिसमें दंत विशेषज्ञ द्वारा भरायी करने की आवश्यकता हो सकती है।

एसिड इरोज़न :

एसिड इरोज़न समूची दंत-सतह पर होता है जो अम्ल के सामने खुली हो। यह दाँत के इनेमल की सतह पर आन्तरिक कारक (जैसे कि आमाशय के अम्लों) के कारण हो सकता है अथवा बाहरी कारकों (खाद्य व पेय के अम्लों) के कारण।

अम्ल के कारण नर्म पड़कर इनेमल समय के साथ दुर्बल हो सकता है जिससे यह पीला अथवा फीका लगने लगे। यहाँ तक कि दाँत साफ़ व स्वच्छ हों तब भी एसिड-इरोज़न अनुभव हो सकता है। एसिड इरोज़न से दाँत आसानी से संवेदनशील बन सकते हैं।

दाँतों का इनेमल फिर से नही बन पाता, इसलिये एसिड इरोज़न दाँतों के लिये एक जोख़िम होता है। समय बीतते-बीतते एसिड इरोज़न से इनेमल की मोटाई घट सकती है एवं दाँतों की आकृति, गठन व रूप में परिवर्तन आ सकता है, इन सबसे भी दाँत संवेदनशील हो सकते हैं। चूँकि खाली आँख़ों से इसे देख पाना सरल नहीं, दंतरोग विज्ञानी ही दंत-एनेमल पर एसिड इरोज़न के प्रभावों का सटीक आकलन कर सकता है।

ध्यान रखें कि दंतरोगविज्ञानी या कोई भी इनेमल-इरोज़न को ठीक नहीं कर सकता क्योंकि इनेमल अपने आप फिर से बन ही नहीं सकता। इसीलिये महत्त्वपूर्ण यह है कि अपने दाँतों को बचाने के लिये आप स्वयं सावधानियाँ बरतें।

दाँतों की सड़न के लक्षण :

1. दाँतों, दाढ़ व मसूढ़ों में दर्द

2. दाँतों, दाढ़ व मसूढ़ों में दबाव अनुभव होना अथवा थोड़ा-सा चबाने पर भी अधिक दाब अनुभव होना

3. दाँतों, दाढ़ व मसूढ़ों का रंग बदलना अथवा उनकी बनावट में कोई परिवर्तन या निशान नज़र आना

4. दाँतों, दाढ़ व मसूढ़ों में संवेदनशीलता जो कि साधारण खाने-पीने में होने लगी हो अथवा कुछ ठण्डा अथवा गर्म खाने-पीने में संवेदनशीलता असामान्य रूप से बढ़ी हुई अनुभव होना

5. संक्रमित भाग के आसपास मवाद जमना

6. पेट के अम्ल के कारण सीने में जलन दाँतों की सड़न का कारण भी हो सकती है एवं लक्षण भी।

दाँतों की सड़न के कारण :

1. कुछ दवाइयाँ, जैसे कि लार कम आये इस प्रकार की दवाइयाँ

2. सोडा का उपयोग करते रहना

3. शराब का सेवन करना

4. धूम्रपान करना

5. सिगरेट तम्बाकू का उपयोग करना

6. अम्ल के कारण सीने में जलन

7. दाँतों की साफ़-सफ़ाई ठीक से न करना

8. सोते समय कुछ खा-पीकर बिना पानी पीये सो जाना

9. चाय-कॉफी अथवा अन्य शुगर्स-कार्बोहाईड्रेट्स वाले पदार्थ, विशेष रूप से मीठे तरलों को चुस्कियाँ लेते हुए पीना

10. दाँतों में कुछ फँस जाये तो मंचन-कुल्ला न करना

11. विटामिन-सी की कमी

12. विटामिन-डी की कमी

13. दाँतों को ब्रश से बहुत समय तक घिंसना

14. स्वयं को मधुमेह अथवा पेट सम्बन्धी रोग अथवा आनुवंशिक अतीत में ऐसा कुछ जो आपके दंत स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहा या कर सकता हो

दांतों को सड़ने से बचने के उपाय या बचाव :

1. विटामिन-डी के लिये दुग्धोत्पादों का सेवन करें एवं धूप में भी कार्य किया करें।

2. विटामिन-सी की मात्रा बढ़ाने के लिये संतरा-नारंगी वर्गीय फलों का सेवन बढ़ायें।

3. मुलहठी कुचलकर चबायें जो कि स्थानीय किराना-दुकानों में छोटी-छोटी लकड़ियों जैसे उपलब्ध हो सकती है। इसे चबाना सम्पूर्ण मुख-स्वास्थ्य सहित पेट, गले व सर्दी-खाँसी-ज़ुकाम में भी उपयोगी रहता है।

4. पानी अधिक पियें.

5. टाफी, चोकोलेट, आईसक्रीम इत्यादि की मात्रा व आवृत्ति कम रखें, बच्चों से भी बातें मनवाने के लिये Chocolate का लालच न दें। यदि मिठास का सेवन करना हो तो नेचुरल मिठास (फल, मूँगफली-गुड़पट्टी, गन्ना इत्यादि) का सेवन करें।

6. सोडा न पीयें।

7. मद्यपान न करें।

8. धूम्रपान से दूर रहें।

9. किसी भी रूप में तम्बाकू का प्रयोग न करें।

10. चबाकर खाये जाने वाले कच्चे पदार्थ खायें, जैसे कि सलाद व मूली-गाजर,गन्ने इत्यादि ताकि दाढ़-दाँत-मसूढ़ों की नैसर्गिक मालिश भी हो जाये एवं यदि कहीं कोई खाने का टुकड़ा फँसा हो तो वह भी निकल जाये।

11. बर्फ़ न चबायें, विशेष तौर पर बच्चों को भी इस आदत से बचायें।

12. Chips इत्यादि अत्यधिक Procesed Food अधिक न खायें एवं जब भी खायें तो पानी भी पीयें ताकि उसके टुकड़ो को यथासम्भव मुँह से दूर किया जा सके।

13. रात को सोने से पहले कुल्ले करने की आदत बनायें, कभी-कभी सरसों अथवा नारियल के तैल की कूछ बूँदे मिलाकर भी कुल्ले करें जो दाँत सहित त्वचा स्वास्थ्य के लिये भी उपयोगी रहेंगे।

14. हल्दी व नमक का मिश्रण बनाकर अँगुली द्वारा इससे रोजाना मंजन करें।

15. आर-ओ इत्यादि मशीन-फ़िल्टर्ड पानी के बजाय सादा पानी पीयें ताकि शरीर को आवश्यक खनिज लवण उस पानी के माध्यम से आपको मिल सकें।

16. कुल्ले व गरारे लेने के लिये सादे पानी में नमक के साथ ही कभी-कभी उसमें कुछ बूँदें नारियल व सरसों के तैल की मिलायें।

17. 3 से 5 साल में अपने आप दंत चिकित्सक के पास जाकर डेण्टल क्लीनिंग करायें क्योंकि अन्य किसी भी प्रकार से दाँतों के भीतरी हिस्सों की सफाई हम नहीं कर सकते तथा मेडिकल डेण्टल क्लीनिंग के दौरान कोई भी सम्भावित अथवा छुपी समस्या भी खुलकर सामने आ पायेगी।

दाँतों की सड़न का उपचार :

उपचारादि के लिये अपने आप अथवा किसी के कहने से कोई प्रयोग न करते हुए सीधे दंतरोग-चिकित्सक से मिलें जो दाँतों के एक्सरे इत्यादि जाँचों के बाद दाँतों के सम्बन्धित उपचार के साथ निम्नांकित में से कोई उपचार सुझा सकता है : सर्वप्रथम तो आप स्वयं ही उसे कहें कि वह आपकी डेण्टल क्लीनिंग करे.

फ़्लुओराइड उपचार- अधिक फ़्लुओराइडयुक्त टूथपेस्ट से मंजन (यदि वह ऐसा पर्चे में लिखे तो).

फ़िलिंग्स- जब केविटी या केरी इनेमल को पार कर गयी हो तो उस खालीपन को साफ कर उसकी भरायी कर दी जाती है; इसके लिये ढलुआँ सोना अथवा चाँदी का प्रयोग किया जा सकता है जिसके लिये अपने दंत चिकित्सक से बात करनी होगी.

क्राउन – यह कस्टम-फ़िटेड कवरिंग या ‘कॅप’ है जिसे उस दाँत के ऊपर रखा जाता है जो डीके से अत्यधिक प्रभावित हो चुका हो.

रूट केनाल्स – दाँत की आन्तरिक सामग्रीः पल्प तक टूथ डीके पहुँच जाये तो रूट-कॅनाल आवश्यक हो सकता है.

दाँत निकालना – बहुत ज़्यादा बुरी तरह डीके हो चुके, सड़-गल चुके दाँत को निकाल देना ही बेहतर होगा।

तो दोस्तों यह लेख था दाँतों की सड़न के लक्षण कारण बचाव व उपचार के तरीके – Cavities Dental Caries Causes Symptoms Treatment In Hindi, Daanto Ko Safe Kaise Rakhe Hindi Me. यदि आपको यह लेख पसंद आया है तो कमेंट करें। अपने दोस्तों और साथियों में भी शेयर करें।

@ आप हमारे Facebook Page को जरूर LIKE करे ताकि आप मोटिवेशन विचार आसानी से पा सको. आप इसकी वीडियो देखने के लिए हमसे Youtube पर भी जुड़ सकते है.

Related posts:

पेट दर्द ठीक करने के 15 आसान उपाय,Stomach Pain Pet Dard Reason Remedies In Hindi,Pet Dard In Hindi, Pet Dard Ke Upay, Pet Dard Kaise Rokeपेट दर्द ठीक करने के 15 आसान उपाय Healthy Diet During Pregnancy In Hindi, प्रेग्नेंसी के लिए खास 10 डाइट टिप्स, Physical Relationship During Pregnancy in hindi, गर्भावस्था में सही आहार, Best Pregnancy Diet Tips in hindi, Pregnancy Health Tips In Hindi,Pregnancy Health Tips In Hindi, Pregnancy care in hindi, प्रेगनेंसी टिप्स इन हिंदी मंथ बय मंथ प्रेगनेंसी टिप्स इन हिंदी वीडियो, प्रेगनेंसी टिप्स इन हिंदी फॉर बेबी बॉय, प्रेगनेंसी केयर टिप्स फर्स्ट ३ मोनथस इन हिंदी, प्रेगनेंसी की जानकारी, प्रेगनेंसी टाइम, प्रेग्नेंट वुमन हेल्थ टिप्स, myupchar pregnancy,Nayichetana pregnancyगर्भावस्था के दौरान कैसे रखे अपने ध्यान ? 15 तरीके तेजी से दाढ़ी बढाने के 11 तरीके, How To Grow Beard Faster In Hindi,Nayichetana.com, Tej Dadhi kaise banaye, Beard Kaise badhaye, dadi Beard Grow kaise kareतेजी से दाढ़ी बढाने के 11 असरदार तरीके हस्तमैथुन क्यों नहीं करना चाहिए,Why Masturbation Is Bad Your Life In Hindi,Nayichetana.com,Hastmaithun ke nuksan, Masturbation In hindi,hastmaithun hindi meहस्तमैथुन क्यों नहीं करना चाहिए ! 33 कारण

Filed Under: Extra Knowledge, Health Articles In Hindi, Health In Hindi, Healthi Life And Tips, Kaam Ki Baat, Nayichetana Motivation, Nayichetana.com, Self Improvment, कील - मुंहासे कैसे हटाये, वजन कैसे कम करे - Weight kaise Ghataye, स्वस्थ जीवन, स्वास्थ्य Tagged With: 2 din me Cavities se chhutkara kaise paye, 2 दिनों में कैविटी से छुटकारा पाने के लिए कैसे, bachho me daant me kida lagne ki dava, Cavities Dental Caries Causes Symptoms Treatment In Hindi, Cavities ka gharelu upchar, Cavities ka upchar hindi me, Cavities ke upchar, cavity in hindi, daant Cavities ke liye ghar me upchar, Daant ka dard, daant ka dard kaise kam kare, daant ka dard kaise thik kare, daant ka kida kaise hataye, daant ke kide kaise khatm kare, daant me dard, daant me dard hona, daanto ke rog, daanto ki sadan thik kare, daanto ki safaty kaise kare, daanto me infection, daanto se Cavities kaise hataye, danto ka galna, danto ki cavaty kaise thik kare, Dental Caries Causes & Risk Factors in Hindi, Fluoride toothpaste in hindi, Nayichetana.com, teeth care in hindi, teeth cavaty in hindi, Tooth decay causes in hindi, Tooth decay meaning in hindi, What can cause dental caries in hindi, What does caries mean in dentistry in hindi, What happens if dental caries is not treated in hindi, Why do my teeth get cavities so easily in hindi, आधा दांत टूटना, कैविटी का घरेलु उपचार, कैविटीज़ के उपचार, दांत Cavities के लिए घर उपचार, दांत का कीड़ा निकालने का मंत्र, दांत का दर्द, दांत के कीड़े को जड़ से खत्म करने के उपाय, दांत में लगे कीड़े को जड़ से निकाले, दांतों का गलना, दांतों का घिसना, दांतों का झड़ना, दांतों की बीमारी, दाँतों की सड़न लक्षण उपचार तरीके, दांतों के कीड़े, दांतों के रोग उपचार, दांतों में इन्फेक्शन का इलाज, दांतों से कैविटी कैसे हटाये, बच्चों के दांत में कीड़ा लगने की दवा

About Surendra Mahara

Surendra mahara Author and founder of Nayichetana.com. He is very passionate about blogging And make people motivated and positive..Read More
Connect On a Facebook
Connect On a Youtube

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Sponsored Link

New Birth Certificate Online

All Health Tips On Health Lekh




Top 7 Best Article In Nayichetana. Com

  • चाणक्य की 10 बातें आपकी ज़िन्दगी बदल सकती है
  • 3 बुरी लत जो आपकी जिंदगी बर्बाद कर देगी
  • वजन बढ़ाने के 21 आसान उपाय
  • आसानी से अपना कॉन्फिडेंस कैसे बढाये
  • मेरी ज़िन्दगी से सीखे गये मोटिवेशनल विचार
  • पैसो की सेविंग कैसे करे
  • कैसे पायें आसानी से सरकारी नौकरी ? 10 टिप्स
| About Us | Contact Us | Privacy Policy | Terms and Conditions | Disclosure & Disclaimer |

You Are Now: Nayichetana.com Copyright © 2015 - 2021 to Nayichetana.com