फ्लू इन्फ्लूएंजा के लक्षण कारण व होम्योपैथिक चिकित्सा ! Influenza Flu Symptoms Causes Upay In Hindi
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Influenza Flu Symptoms Causes Upay In Hindi
कोरोना वायरस के काल में अब देश में इन्फ्लुएंज़ा ने भी दस्तक दे दी है. जहाँ लोग कोरोना की दहशत के साये में जी रहे हैं तो ऐसे में कोरोना जैसे लक्षणों से मिलते जुलते इन्फ्लुएंज़ा की चपेट में आने से मरीज़ अपनी जान खो रहे हैं. ऐसे में आपको यह जानना सबसे ज्यादा जरूरी है की आप किस बीमारी की चपेट में हैं ताकि सही इलाज से आप ठीक हो सकें
बरसात अब अपने अंतिम चरण में है। कोरोनाकाल खत्म नहीं हुआ है। लेकिन Lock down खत्म हो चुका है। लोग भयभीत और निश्चिंत दो श्रेणियों में बंट गए हैं। निश्चिंतों के सहारे कोविड-19 वायरस और सक्रिय हो गया है। भयभीतों के सहारे इनफ्लुएंजा, डेंगू, मलेरिया एवं टाइफाइड जैसे रोग कोविड-19 का आभास देकर अपना आतंक फैलाने की चेष्टा कर रहे हैं।
ऐसी अवस्था में इनकी अच्छी तरह पहचान जरूरी है। इनफ्लुएंजा एक ऐसा रोग है जो लक्षणों कारकों और प्रसार के तरीकों के आधार पर कोविड-19 जैसा दिखता है। कोविड-19 की तरह ही यह भी एक रेस्पिरेट्री इंफेक्शन है। तत्काल तेज जुकाम, सोर थ्रोट ब्रांकाइटिस एवं सही समय से सही चिकित्सा न मिलने पर निमोनिया तक पैदा करता है। इसलिए इसका तुलनात्मक अध्ययन बहुत जरूरी है।
इनफ्लुएंजा का संक्रमण किसी भी देश और किसी भी मौसम में संभव है। किंतु बदलते हुए मौसम के समय इसका प्रकोप आम देखा जाता है। यहां- वहां तो यह होता रहता है किंतु एपिडेमिक के रूप में इसका प्रकोप 1 साल छोड़कर हर तीसरे साल पाया जाता है।
Influenza Flu Symptoms Causes Upay In Hindi
इनफ्लुएंजा के कारण
यह एक वायरल डिजीज है, जिसके तीन अलग-अलग स्टेन ए, बी और सी इसे फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं । यहां- वहां होने वाले हल्के प्रभाव वाले इनफ्लुएंजा का कारक स्टेन सी है ।
ए और बी तीव्र प्रभाव वाले हैं और एपिडेमिक के रूप में यह रोग इन्हीं के कारण फैलता है । आमतौर पर जब भी यह भारत में एपिडेमिक के रूप में फैलता है करोड़ों लोगों को संक्रमित करता है।
इनफ्लुएंजा के प्रसार का तरीका –
इनफ्लुएंजा का प्रसार एयरबार्न ड्रॉपलेट्स के माध्यम से एक संक्रमित व्यक्ति से पूरे घर अथवा कम्युनिटी में तेजी से फैलता है ।
लक्षण उत्पन्न होने की अवधि – (इनकुबेशन पीरियड)-
दो से तीन दिन।
इनफ्लुएंजा के लक्षण
1-एपिडेमिक के समय इनफ्लुएंजा के लक्षण करीब-करीब सब में एक तरह के दिखते हैं। जो नासा रंध्र से शुरू होकर पूरे रिस्पिरेट्री ट्रैक को आक्रांत करने के कारण उत्पन्न होते हैं।
2- इसके लक्षण अचानक उत्पन्न होते हैं। जिसमें जुकाम और तेज सर दर्द प्रमुख प्रारंभिक लक्षण है।
3- नाक से पतले स्राव के साथ छींक और खांसी।
4- हाथ पैरों में अत्यधिक पीड़ा, तेज बुखार, ठंड के कारण कपकपी के साथ सुस्ती और बेचैनी।
5- आंखों में जलन और कभी-कभार लाल हो जाना। कभी कभार इंसेफेलाइटिस के लक्षण भी दिखाई पड़ते हैं।
6-गले में खराश ,रेडनेस ,जलन और दर्द। खाने, पीने एवं घोटने में दर्द।
7- भूख की कमी और मुंह का स्वाद बिगड़ जाना।
8- नाक से प्रारंभ होकर श्वास नली को अक्रांत करता हुआ फुफ्फुस प्रदाह ( ब्रोंकाइटिस) भी उत्पन्न करता है। जिससे खांसी और स्वसन किया में तकलीफ महसूस होती है। किंतु नाक में कंजेशन नहीं महसूस होता।
9- सामान्यतः तीन-चार दिन में बुखार और बदन दर्द के लक्षण कम हो जाते हैं किंतु अत्यंत सूखी खांसी बढ़ जाती है।
कोविड-19 और इनफ्लुएंजा के लक्षणों में अंतर
1- इनफ्लुएंजा के लक्षण संक्रमण के दो-तीन दिन के अंदर आ जाते हैं जबकि कोविड-19 के लक्षण 12 से 14 दिन के बाद भी आ सकते हैं
2- इनफ्लुएंजा का Outbreak अचानक होता है जबकि कोविड-19 के लक्षण धीरे धीरे बढ़ते हैं।
3- इन्फ्लूएंजा की संक्रमण में सर दर्द और हाथ पैरों की पीड़ा अत्यधिक बनी रहती है जबकि कोविड-19 में यह पीड़ा सामान्य स्तर की होती है।
4-इनफ्लुएंजा में बुखार जल्दी उतर जाता है और आमतौर पर दोबारा नहीं होता । जबकि कोविड-19 में धीमे स्तर का बुखार लगातार कई दिनों तक बना रहता है अथवा खत्म होकर दोबारा आ जाया करता है।
5- घबराहट ,भय, सांस लेने में तकलीफ , Oxizen Level की कमी के लक्षण कोविड-19 में इंफ्रिंजर से ज्यादा प्रभावी होते हैं।
6- इन्फ्लूएंजा में ढूंढने और स्वाद की क्षमता खत्म नहीं होती जबकि कोविड-19 के संक्रमण में यह दोनों ज्यादातर मामलों में खत्म हो जाते हैं।
7- इन्फ्लूएंजा हो जाने के बाद संक्रमित में 1 साल की की प्रतिरोधक क्षमता उत्पन्न हो जाती है कोविड-19 के बारे में अभी यह स्पष्ट नहीं है।
इनफ्लुएंजा की होम्योपैथिक चिकित्सा
बचाव के लिए – इनफ्लूएंजिनम 200, 15 दिन पर एक बार संक्रमण काल में और आर्सेनिक एल्बम 200 सप्ताह में एक बार।
लाक्षणिक चिकित्सा – लक्ष्मण अनुसार होम्योपैथी में India की इन्फ्लूएंजा की बहुत दवाएं उपलब्ध हैं।
एकोनाइटम नैपलस 30,आर्सेनिक एल्बम 30, बेलाडोना 30, ब्रायोनिया एल्बा 200, यूपेटोरियम पर्फ200, नक्स वोमिका 200 , हिपर सल्फर 30, डलकामारा 200, रस टॉक्स 30 , पलसाटीला 30 इत्यादि।
इनफ्लुएंजा के बाद होने वाली कष्टकर खांसी के लिए अमोनियम कार्ब 200 , स्टिक्टा पुल 30 , ऐंटिम टार्ट 30 और सैंगुनेरिया कैन 200 बेहद कारगर हैं ।
यह आर्टिकल लिखा है डॉ एम डी सिंह जी ने.. डॉ एम डी सिंह जी पीरनगर, गाज़ीपुर उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में पिछले पचास बरसों से होमियोपैथी की सेवा कर रहे हैं.
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Very nice tips🤗🤗🥰🥰
Bahut hi shandar article