मौसम्बी खाने के 10 फायदे Mosambi Fruit Juice Benefits In Hindi
Mosambi Fruit Juice Benefits in Hindi
मौसम्बी एक नींबू वर्गीय फल है। नींबू वर्गीय फलों में संतरा, कीनू, चकोतरा, मौसम्बी इत्यादि को गिना जाता है किन्तु यहाँ हम मौसम्बी पर ज़ोर देंगे। मौसम्बी सहित अन्य नींबूवर्गीय फलों में क.सपउवदमदम नामक एक अवयव होता है जो औषधीय गुणों के कारण जाना जाता है जो कि ब्रोंकाइटिस, कैन्सर, मधुमेह, पित्ताश्मरी, गेस्ट्रो-ओयसोफ़ेजियल रिफ़्लक्स डिसीस, सीने में जलन, बढ़े कोलेस्टॅराल, इन्फ़्लेमेटरी बावेल डिसीस, मेटाबालिक सिण्ड्राम, मोटापे व पेप्टिक अल्सर्स जैसे रोगों में उपयोगी पाया गया है।
मौसम्बी अन्य नींबू वर्गीय फलों के समान Vitamin-C इत्यादि में समृद्ध फल होता है परन्तु मौसम्बी का छिलका सरलता से नहीं उतार पाते एवं इसकी फाँकें भी नहीं दिखतीं। मौसमी स्तर पर Mosambi का रस विभिन्न फल-रसकेन्द्रों में सुलभ रहता है किन्तु साबुत मौसम्बी खाने का महत्त्व अधिक होता है क्योंकि रेशे पाचन-तन्त्र के लिये आवश्यक हैं एवं कुछ पोषक तत्त्व तो रेशो से ही जुड़े होते हैं।
Mosambi Fruit Juice Benefits in Hindi
मौसम्बी में पाये जाने वाले पोषक तत्त्व एवं उनके महत्त्व –
विटामिन-सी : मौसम्बी में विटामिन-सी की अधिकता सूजन-जलन दूर करने में सहायक है एवं विभिन्न प्रकार के आथ्र्राइटिस से हो रहे दर्दों को कम करने में उपयोगी है। विटामिन-सी कैल्शियम-अवशोषण को बढ़ाता है, अस्थियों के निर्माण को भी बढ़ावा देता है।
ताँबा : तन्त्रिका-कोशिकाओं के मध्य समुचित संवाद, समय पर घाव ठीक होने, नवीन रक्त-वाहिकाओं की बढ़त सहित श्वेतरक्तकोषिकाओं के निर्माण में आवश्यक ताँबा मौसम्बी में पर्याप्त मात्रा में मिल सकता है। ताँबे को दैनिक रूप से आहार में ग्रहण किया जाना आवश्यक है।
जस्ता : दस्त व सर्दी-ज़ुकाम को दूर रखने में सहायक जस्ता मौसम्बी में सहज-सुलभ हो जाता है।
लौह : लालरक्त कोशिकाओं के उत्पादन एवं हीमोग्लोबिन-स्तर बढ़ाते हुए थकान की समस्या को घटाने में आवश्यक लौह मौसम्बी में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। शरीर का 70 प्रतिशत लौह रक्त में हीमोग्लोबिन के रूप में व पेशियों में मायोग्लोबिन के रूप में विद्यमान् रहता है। फेफड़ों से आक्सीजनयुक्त रक्त को ऊतकों तक पहुँचाने में हीमोग्लोबिन महत्तापूर्ण है।
कैल्शियम : यह दाँत व सूखी त्वचा से जुड़ी समस्याओं को ठीक करने में सहायता करता है।
पोटेशियम : पोटेशियम की अधिक मात्रा से मौसम्बी-रस वृक्कों को साफ़ व सक्रिय रखने एवं मूत्राशय-संक्रमणों से बचाने में सहायक है।
मानव-शरीर को मौसम्बी से होने वाले लाभ :
पाचन में सहायक मौसम्बी : इसमें फ़्लेवोनाइड्स पाचक रस, अम्लों व पित्त के स्रावण को उद्दीप्त करते हैं जिससे आँतों की गति सुचारु होती है एवं अनावश्यक अम्लों व विषों की निकासी हो पाती है। उल्टी-दस्त व मितली में मौसम्बी का रस तत्काल प्रभाव दिखाता है। कई फ़़्लेवोनाइड्स तो सीधे ही एण्टि-आक्सिडेण्ट्स का कार्य करने लगते हैं जो शरीर से मुक्त मूलकों (फ्ऱी रेडिकल्स) को हटाकर ऊतकों की सहज क्रियाप्रणाली को बनाये रखते हैं।
मुक्त मूलक दूषित खान-पान से शरीर में बनते व प्रदूषित परिवेश में रहने से शरीर के भीतर आते हैं जो शरीर में कोशिकाओं को क्षति पहुँचाते हैं एवं लिपिड्स, न्यूक्लॅइक एसिड्स सहित प्रोटीन्स को विकृत करने का काम करते हैं।
पित्ताष्मरी दूर करने में सहायक मौसम्बी : डी-लिमोनेन नामक कोलेस्टॅराल-घोलक की उपस्थिति के कारण मौसम्बी को कोलेस्टॅरालयुक्त पित्ताष्मरी घोलने में सहायक पाया गया है।
सीने में जलन एवं गेस्ट्रो-ओयसोफ़ेगल रिफ़्लक्स दूर करे मौसम्बी : यह जठरीय अम्ल को उदासीन (न्यूट्रल) कर देता है एवं आँत की क्रियाषीलता को सामान्य रखने में सहायता करता है।
प्रतिरक्षा-तन्त्र के लिये सहायक : Mosambi के सिट्रस फ़्लेवोनाइड्स में प्रतिजीवाण्विक (एंटीबैक्टीरियल), विषाणुरोधी (एंटीवायरल) व कवकरोधी (एंटीफ़ंगल) गुण होते हैं जिससे शरीर में बाहर से आये जीवाणुओं, विषाणुओं व कवकों (फफूँदों) को दूर करने में यह उपयोग में आता है।
मधुमेह हर मौसम्बी : मौसम्बी एण्टीहायपरग्लायसेमिक सक्रियता दिखाता है, इसके हॅस्पिरिडीन व नरिंगीन नामक फ़्लेवोनाइड्स शरीर में ग्लुकोज़-नियमन में उपयोगी सिद्ध होते देखे गये हैं।
मच्छर-मक्खी भगाये मौसम्बी : मौसम्बी सहित अन्य नींबू वर्गीय फलों के छिलकों में ऐसे पदार्थ पाये गये हैं जो मच्छर-मक्खियों सहित अन्य रोगवाहकों को दूर रखते हुए सम्बन्धित संक्रमणों को दूर रखने में समर्थ हैं, इस प्रकार इनके छिलकों से घरेलु सतहों को पौंछने, छिलकों को उबालकर अथवा रस निकालकर कोनों में (यथासम्भव स्प्रेयर द्वारा) छिड़कने से नैसर्गिक कीटव्याधि-नियन्त्रण सम्भव है।
अन्य- फ़्लेवोनाइड्स लिमोनिन ग्लुकोसाइड की उपस्थिति के कारण मौसम्बी में कैन्सररोधी, एण्टिआक्सिडेण्ट, जीवाणुरोधी एवं निराविशीकरण (डिटाक्सिफ़ाईंग) गुणधर्म आ जाते हैं। संक्रमणों से जूझने, व्रण व घाव भरने, रुधिर-परिसंचरण ठीक करने में मौसम्बी बहुत उपयोगी है।
कुल मिलाकर मौसम्बी का सेवन दाढ़-दाँत, मसूढ़ों, नेत्रों, त्वचा व केश सहित अस्थियों, प्रतिरक्षा-तन्त्र, तन्त्रिका-तन्त्र, श्वसन-तन्त्र के लिये उपयोगी है क्योंकि इसमें कई एण्टि-आक्सिडेण्ट्स होते हैं एवं शरीर में शर्करा-स्तर बनाये रखने, यकृत की कार्यप्रणाली सुचारु रखने एवं रुधिर-परिसंचरण तन्त्र को सामान्य रखने में सहायता करते हैं।
मौसम्बी किस रूप में सेवन करें : कोई भी फल-सब्जी इत्यादि हो प्रायः उसे साबुत रूप में प्रयोग करना अधिक बेहतर माना जाता है, सलाद के भी रूप में प्रयोग करने के अतिरिक्त मौसम्बी के रस, शर्बत, मुरब्बे व अचार का प्रयोग किया जा सकता है।
मौसम्बी सहित अन्य नींबू वर्गीय फलों के सेवन में सावधानियाँ –
1. Mosambi उपयोगी तो बहुत है परन्तु छिलके में इसकी अधिक मात्रा रहने से सीधे त्वचा में लगाने से विक्षोभ (इर्रिटेशन) सम्भव है, इसलिये मौसम्बी व अन्य नींबू-वर्गीय फलों के छिलकों को किसी अन्य पदार्थ (जैसे कि नारियल के तैल, बेसन इत्यादि) में मिलाकर ही त्वचा पर लगायें।
2. विटामिन-सी की अधिकता व कैल्शियम-अवशोषण में सहायक होने के कारण उन व्यक्तियों को चिकित्सक से विचार-विमर्ष में ही नींबूवर्गीय फलों एवं विटामिन-सी अथवा कैल्षियम से समृद्ध खाद्यों-पेयों का सेवन करना चाहिए जिन्हें शरीर के किसी भाग के अष्मरी (पथरी) की समस्या अथवा अस्थि-सम्बन्धी कोई विकृति हो।
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Harsh Kumar says
Nice Article It’s my change my Mind About mausami
Jay Mishra says
Great article. मोसंबी के लाभ एवं हानियों को काफी विस्तृत रूप से बता कर लेख को काफी उत्कृष्ट बनाया गया है लेख को साझा करने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद ।