डेंगू के कारण, लक्षण, बचाव एवं उपचार Dengue Fever Symptoms Causes Treatment In Hindi
Table of Contents
Dengue Fever Symptoms Causes Treatment In Hindi
डेंगू क्या है (Dengue kya hai)
डेंगू (जिसे डेंगी भी कहा जाता है) का कष्टकारी बुखार ऐसा रोग है जो मच्छर-जनित रोग है. यह चार निकट सम्बन्धी डेंगी-विषाणुओं में से किसी से भी हो सकता है। ये विषाणु उन विषाणुओं से सम्बन्धित हैं जो कि वेस्ट नाइल संक्रमण व Yellow Fever को लाते हैं। जिस प्रकार मलेरिया का कारक प्लॅज़्मोडियम वाइवेक्स नामक एक प्रोटोज़ोअन सूक्ष्मजीव होता है जो मादा एनाफ़िलीज़ के माध्यम से फैलता है.
उसी प्रकार डेंगी एडीज़ एैजिप्टी एवं एडीज़ एल्बोपिक्टस मादा मच्छरों के माध्यम से फैलता है तथा डेंगी-विषाणु से होता है। ये मच्छर ज़ीका, चिकुनगुन्या व अन्य विषाणुओं को भी फैलाते पाये गये हैं। डेंगी-विषाणु (डीईएनवी) एक फ़्लेवि वायरस है जो फ़्लेविविरिडॅ कुल का सिंगल-स्ट्रैण्डेड आरएनऐ Positive Strained विषाणु है जो फ़्लेविविरु वंश से है।
Dengue Fever Symptoms Causes Treatment In Hindi
डेंगू होने के लक्षण क्या है (Dengue Hone ke lakshan)
डेंगू के लक्षणों में व्यक्ति का क्षीण होते जाना प्रमुख है; इसके लक्षण Flu व अन्य विषाण्विक संक्रमणों जैसे लग सकते हैं. लक्षण संक्रमित होने के बाद चार से छः दिन में शुरु हो सकते हैं एवं दस दिन तक चल सकते हैं ( लक्षण न दिखने अथवा दिखने बन्द होने पर भी जाँच करायें ताकि उपस्थिति पता चलते ही उपचार शुरु कराया जा सके ), जैसे कि :
1. तेज बुख़ार (अचानक)
2. तेज सिरदर्द
3. अचानक रक्तचाप घटना
4. नेत्रों के पीछे दर्द
5. संधियों व माँस में तेज दर्द
6. थकान
7. भूख में कमी
8. मितली
9. उल्टी
10. त्वचा पर चकत्ते जो कि बुखार आने के बाद दो से पाँच दिनों में दिखायी देते हैं
11. हल्का-सा रक्तस्राव, जैसे कि नाक से ख़ून आना, साधारण ब्रशिंग से भी मसूढ़ों से ख़ून आने लगना
गम्भीरता बढ़ने से लसिका (लिम्फ़) व रक्तवाहिकाओं को क्षति पहुँच सकती है, पेट में तेज दर्द, मल व उल्टी में ख़ून सम्भव। यकृत का आकार बढ़ सकता है. भारी रक्तस्राव, आघात् एवं मृत्यु सम्भव है। ऐसी स्थिति को डेंगी शाक सिण्ड्राम कहा जाता है। घबराने के बजाय शुरुवात में ही चिकित्सक से जाँच करायें।
डेंगू की जाँच (Dengue ka test)
रुधिर-जाँच में विषाणु अथवा इससे जूझने वाले प्रतिरक्षियों (एण्टिबाडीज़) को परखा जाता है। लक्षणों की आशंका होते ही 24 घण्टों में जाँच करा लें।
डेंगू से बचाव के तरीके (Dengue se bachav kaise kare)
1. विषाणुओं से संक्रमित मच्छरों से बचने के लिये गेंदा, कीटमारी ( एरिस्टोलोकिया ब्रॅक्टियोलॅटा ), सिरस, तुलसियाँ एवं नीम जैसे पौधे आसपास लगायें।
2. डेंगी-संक्रमण झेल चुके किशोरों के लिये टीके की खोज की जा चुकी है किन्तु बड़ों के लिये कोई टीका उपलब्ध नहीं है।
3. मच्छरदानी में सोयें। मच्छरदानी से भी मच्छर दूर रहें इसलिये, अर्थात् इसे मच्छर-रोधी मच्छरदानी बनाने के लिये सर्वप्रथम सादे पानी में मच्छरदानी धोकर सुखायें, फिर मदार (आक,अकऊआ), धतूरे के फल व पत्तियों, पुदीना एवं लहसुन को मिलाकर उबाल लें .
इससे निकलने वाली पानी को छानकर बाद में नीम के तैल की कुछ बूँदें मिलाकर (अथवा नीम को भी साथ उबालकर) फिर इस पूरे तैयार घोल में मच्छरदानी को कुछ समय डुबोयी रखकर छाँव में सुखा लें.
बन गयी वह मच्छर दानी जिस पर बैठने से भी मच्छर बचने का प्रयास करेंगे. (ध्यान रहे कि यह मिश्रण उबालने व तैयार करने वाले बर्तन को कई बार तेज नींबू इत्यादि में धोने के बाद ही रसोई-कार्यों में प्रयोग करना है)।
4. पैरों व हाथों में पूरी आस्तीनों वाले कपड़े पहनें।
5. छिपकलियों को न भगायें, ये रातभर में जितने मच्छरों को खा लेती हैं उस नाते ये तो आपके स्वास्थ्य की सच्ची सहेलियों से कम नहीं जो आपके सोने के बाद भी मलेरिया-डेंगी-चिकुनगुनिया इत्यादि को अपने माध्यम से फैलाने वाले मच्छरों को पकड़कर अपना पेट भरती हैं।
6. गिलहरियों व पक्षियों के लिये पानी भरकर रखे जाने वाले सकोरों का पानी रोज़ बदलें एवं अन्यत्र टायर इत्यादि में दूषित पानी न भरे रहने दें।
7. ठोस व तरल अपशिष्टो का निपटान ठीक से करें तथा कचरे के डिब्बे को प्रतिदिन ढंग से धोकर उपयोग में लायें।
8. सोयाबीन के तैल में अजवायन पीसकर मिलाकर फिर इसे छानकर मिश्रित तैल को शरीर के उन भागों में लगायें जो खुले हों तथा सरसों अथवा अन्य तैल में बहुत कम मात्रा में कुछ बूँदें नीम-तैल की मिलाकर भी लगा सकते हैं।
9. नारियल के तैल में लौंग पीसकर भी शरीर के खुले भागों में मला जा सकता है।
10. पूजन में कपूर का प्रयोग करने से भी मच्छर-मक्खी दूर रहते हैं।
11. सरसों के तैल में संतरे के छिलके पीसकर उन स्थानों पर छिड़कें जहाँ मच्छर भिनभिनाने की सम्भावना अधिक है।
12. रसोई व बाहर भी जहाँ मच्छर बैठने की आशंका बनी रहती हो वहाँ नींबू के छिलके रगड़ें तथा कचरे के डिब्बे पर नींबू के पुराने टुकड़े अथवा सूख व सड़ चुके नींबू के टुकड़े रखने से मच्छरों का आवागमन घटाया जा सकता है।
13. लालटेन प्रयोग करते हों तो उसमें नीम-तैल की कुछ बूँदें एवं कर्पूर की टिकिया मिलाकर बत्ती जलायें।
14. ट्यूबलाइट अथवा बल्ब की जलती सतह के ऊपर नीम-तैल से भिगोयी सुतली-गाँठें अथवा मोटे कपड़े का टुकड़ा रखें एवं शाम होते ही इसे पुनः नीम-तैल में भिगोकर ठीक से निचैड़कर लाइट के ऊपर रख दें किन्तु सावधानी बरतें ताकि जल्दबाज़ी अथवा लापरवाही के विद्युत् का झटका लगने जैसी आशंका न हो।
डेंगू से बचने के उपचार (Dengue ka upchar)
डेंगी-उपचार के लिये कोई अलग औषधि नहीं है। अपने मन से एस्पिरिन इत्यादि लेने का प्रयास न करें, अन्यथा रक्तस्राव की स्थिति और बिगड़ सकती है। चिकित्सक से उपचार कराते हुए पर्याप्त तरल-सेवन करते रहें।
गर्भवतियों का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए क्योंकि यदि गर्भवती को डेंगी हुआ तो उससे गर्भस्थ शिशु को हो सकता है जिससे स्थिति दोनों के लिये और भयावह हो सकती है।
15 वर्ष तक के लोगों में डेंगी-संक्रमण की सम्भावना अधिक रहती है तथा सभी आयु की स्त्रियों में लक्षणों की जटिलता की आशंका बढ़ी हुई पायी गयी है। अतः जाँच व उपयुक्त चिकित्सात्मक उपचार में शीघ्रता बरतें।
सुचारु चिकित्सात्मक उपचार के साथ में एवं बचाव के भी लिये घींक्वार (Alovera) व नारंगी का रस नियमित पी सकते हैं जिससे रोग-प्रतिरक्षा तन्त्र मजबूत होगा तो डेंगी इत्यादि वाहक-जन्य रोगों की चपेट में आने की आशंका घटेगी।
कच्चे पपीते की सब्जी उपयोगी रहेगी। अधपके अमरूद को खाना भी बेहतर है, चाहें तो इसी में पपीते व अमरुद दोनों की कुछ पत्तियाँ मिलाकर पीस सकते हैं अथवा चाहें तो इसी में घींक्वार का रस मिलाकर स्वादिष्ट बना सकते हैं।
मैंथी दाने रात को गलाकर सुबह उनकी सब्जी बनायें व भोजन में मैंथी दानों की मात्रा मिलायें। हल्दी का सेवन बढ़ायें। नीम व तुलसी की पत्तियों का नियमित सेवन तो अत्यधिक लाभप्रद रहेगा ही।
तो दोस्तों यह लेख था डेंगू के कारण लक्षण बचाव उपचार – Dengue Fever Symptoms Causes Treatment In Hindi, Dengue Ke Lakshan Aur Bachav Ke Tarike Hindi Me. यदि आपको यह लेख पसंद आया है तो कमेंट करें। अपने दोस्तों और साथियों में भी शेयर करें।
@ आप हमारे Facebook Page को जरूर LIKE करे ताकि आप मोटिवेशन विचार आसानी से पा सको. आप इसकी वीडियो देखने के लिए हमसे Youtube पर भी जुड़ सकते है.
आप बहुत अच्छे तरीके से हर किसी पोस्ट के बारे में बताते है. में आपकी पोस्ट से बहुत प्रभावित हुआ। और यह पोस्ट दैनिक जीवन में काफी लाभकारी होती है।
bahot hi achhe tarike se aapne bataya