क्या होता है पीरियड्स ? माहवारी से जुड़ी भ्रांतियाँ एवं सच्चाई Period Menstrual Cycle Symptoms Treatment In Hindi
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क्या होता है मासिक स्राव :
Period Menstrual Cycle Symptoms Treatment In Hindi
मासिक स्राव स्त्री के मासिक चक्र का एक भाग होता है जो हर महीने लगभग चार सप्ताह की अवधि से एक बार 3 से 5 दिनों तक होता है जिसमें गर्भाशय की एक भित्ति से रक्तस्राव होकर योनि के माध्यम से बाहर आता है। इस रक्त में गर्भाशय के कुछ ऊतक होते हैं।
Period Menstrual Cycle Symptoms Treatment In Hindi
मासिक स्राव क्यों ?
स्त्रियों में 11 से 14 वर्ष की आयु से इनका शरीर गर्भधारण की तैयारी की शुरुआत के लिये विकसित होने लगता है, अर्थात् किशोरावस्था आ जाती है, इस आयु में आरम्भ हुआ 3 से 5 दिन का मासिक स्राव लगभग 45 से 52 वर्ष तक की आयु में हर माह होता है जिससे इसे माहवारी कहा गया। ध्यान रहे कि किशोरावस्था में इसका तात्पर्य यह न समझा जाये कि वह ब्याह को तैयार हो गयी है।
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माहवारी से जुड़ी भ्रांतियाँ एवं सच्चाई :
भ्रांति : माहवारी के दौरान स्त्री अशुभ हो जाती है जिससे रसोई व पूजन कक्ष से दूर रहें।
सच्चाई : वास्तव में कोई नैसर्गिक प्रक्रिया में अशुभ कैसे हो सकता है, बस साफ़-सफाई का विशेष ध्यान रखना होता है। भारत में जात-पात सम्बन्धी अस्पृष्यता-निवारण कानून बने दशको बीत गये परन्तु माहवारी युक्त स्त्री को अछूत समझने की आदत मिटानी अभी बाकी है।
माहवारी जीवन के उस बड़े भाग में होती है जब स्त्री सन्तान उत्पन्न करने में सक्षम रहती है, इन्हीं सन्तानों में पुरुष भी पैदा होते हैं फिर स्त्री में प्रजनन-क्षमता-सूचक माहवारी को पुरुष अपशगुन के संकेत जैसा कैसे मान सकते हैं।
भ्रांति : मासिक स्राव (Periods) के दौरान स्त्री को खट्टी चीज़ों से दूर रहना चाहिए, बेस्वाद भोजन करना चाहिए व आराम करते रहना चाहिए।
सच्चाई : ऐसा कुछ नहीं है। सभी स्वाद खा सकती है। बस पौष्टिकता का ख़ास ख़्याल रखे। आयुर्वेद में तो यहाँ तक कहा गया है कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने हर बार के भोजन में सभी छः स्वादों का समावेश करना ही चाहिए (परन्तु प्राकृतिक रूपों में).
अब बात रही आराम की तो ध्यान रखें कि यदि कोई विशेष चिकित्सा-स्थिति हो तो बात अलग है वर्ना शरीर को लगातार क्रियाशिल रखें। वैसे भी जिस प्रकार खाली दिमाग शैतान का घर उसी प्रकार निष्क्रिय शरीर तनाव व कई बीमारियों का गढ़ बन जाता है।
माहवारी (Period) के लक्षण :
माहवारी के दौरान व इससे ठीक पहले अनुभव हो रहे व दिख रहे रक्तस्राव के अतिरिक्त निम्नलिखित लक्षणों से माहवारी का पता चलता है :
1. पेट में या श्रोणिक(पेल्विक) क्षेत्र में ऐंठनयुक्त दर्द
2. पेट और आँत में फूलने का दर्द
3. तरल-जमाव के कारण टखनों, अँगुलियों और पैरों में सूजन
4. पीठ के निचले हिस्से में पीड़ा
5. स्तनों में सूजन जैसा दर्द
6. भूख में कमी या बढ़ोत्तरी
7. चिंता, अचानक मन बदल जाना एवं चिड़चिड़ापन जैसे मानसिक लक्षण
8. सिर दर्द एवं थकान
9. मुँहासे इत्यादि त्वचा-समस्याएँ
10. सिर चकराना
11. दिल की धड़कनें बढ़ना
12. दृष्टि धुँधलाना
13. रूप की रंगत बदलना
माहवारी से जुड़ी समस्याएँ :
1. मासिक स्राव (Periods) न होना (एमॅनोरिया) :
तीन से अधिक मासिक चक्रों तक मासिक स्राव न हो तो उसे मासिक स्राव का न होना कहते हैं; यह स्थिति दो प्रकार की होती हैः-
1.1 प्राथमिक एमॅनोरिया : किशोरावस्था के आरम्भ में मासिक स्राव शुरु ही न होना;
1.2 द्वितीयक एमॅनोरिया : शुरु में नियमित व समय पर मासिक स्राव होना किन्तु बाद में असामान्य व अनियमित होते जाना या फिर बन्द ही हो जाना।
मासिक स्राव (Periods) न होने के सम्भावित कारण – गर्भावस्था चल रही हो, शिशु को स्तनपान कराया जाता हो अथवा रजोनिवृत्ति हो चुकी हो तो मासिक स्राव रुक जाता है; वैसे दवाइयों के प्रभाव एवं निम्नांकित कारणों से भी मासिक स्राव रुकना सम्भव है :
अ) अण्डोत्सर्ग(आव्यूलेषन) में कोई असामान्यता
आ) कोई जन्मजात् विकार, शारीरिकीय (एनाटामिकल) विकृति अथवा अन्य कोई चिकित्सात्मक स्थिति
इ) थायराइड अथवा भोजन से सम्बन्धित कोई विकार अथवा मोटापा
2. कष्टार्तव (पीड़ापूर्ण आर्तव)- कष्टार्तव (डिस्मॅनोरिया) विभिन्न देह-संरचनागत कारणों से हो सकता है किन्तु धूम्रपान, मद्यपान करने वाली एवं वजन में भारी स्त्रियों सहित 11 वर्ष से कम उम्र में मासिक चक्र जिनका शुरु हो गया था उनमें कष्टार्तव की आशंका अधिक रहती है.
सामान्य मासिक स्राव (Periods) में भी थोड़ी परेशानी तो होती ही है परन्तु कष्टार्तव में उल्टी-दस्त व बेहोशी तक सम्भव है।
3. भारी मासिक स्राव (मेनोरेजिया) – इसमें मासिक रक्तस्राव अधिक मात्रा में अथवा अधिक अवधि तक होता रहता है। ऐसा भी सम्भव है कि अधिक रक्तस्राव के कारण दिनचर्या के सामान्य कामकाज भी करने दूभर हो जायें।
इसके भी कई कारण सम्भव हैं, जैसे कि Harmonal असंतुलन, बच्चेदानी में कोई गाँठ या ऐसी कोई अजीब संरचना, गर्भपात या फिर पेट में बच्चेदानी के आसपास कहीं गर्भ ठहर जाना, वृक्क, यकृत अथवा रक्तसम्बन्धी कोई रोग।
पीरिएड्स से जुडी चिकित्सा व जाँचें :
यदि वास्तव में कोई समस्या लगे, 16 बरस की उम्र तक मासिक स्राव (Periods) शुरु न हुआ हो, लगातार तीन महीने से मासिक स्राव बन्द हो, खुजली अथवा दुर्गंधयुक्त स्राव हो तो सखी-सहेलियों या फिर पत्र-पत्रिकाओं के आधार पर अपने शरीर से कोई एक्स्पेरिमेण्ट करने की कोशिश न करें, सीधे स्त्रीरोगविशेषज्ञा (गायनोकालोजिस्ट) से मिलें और उसे अपना पूरा अतीत बतायें; सम्भव है कि निम्नांकित जाँचें कराने की आवश्यकता हो.
*. रुधिर-परीक्षण
*. गर्भाशय की ग्रीवा (सर्विक्स) को परखने के लिये पॅप-स्मियर टेस्ट
*. श्रोणिक(पेल्विक) अंगों की स्थिति देखने के लिये अल्ट्रासाउंड
*. प्रजनन-अंगों की बड़ी Image पाने के लिये M.R.I.
*. भीतर कोई असामान्य वृद्धि तो नहीं हो रही इसे परखने के लिये पेट में छोटा-सा चीरा लगाकर लेन्स व लाइट युक्त एक पतली ट्यूब से लेप्रोस्कापी
*. योनि के भीतर हिस्टॅरोस्काप प्रवेश कराते हुए गर्भाशय के आन्तरिक भाग एवं गर्भाशयी ग्रीवा के कॅनाल में देखने के लिये हिस्टॅरोस्कापी
*. कहीं कैंसर अथवा अन्य असामान्य कोशिकाएँ तो नहीं पनप रहीं यह परखने के लिये बच्चेदानी से सुई के माध्यम से अथवा किसी सर्जरी के दौरान कुछ कोशिकाएँ बाहर निकालकर एण्डोमॅट्रियल बायोप्सी
महिलाओं में मासिक स्राव (Periods) के उपचार :
स्त्रीरोग चिकित्सिका से ही आवश्यक औषधियों अथवा शल्यचिकित्सा के बारे में पूछें किन्तु घरेलु स्तर पर निम्नांकित सतर्कताएँ तो बरती ही जा सकती हैं :
*. जलीय व अर्द्धतरल पदार्थों का सेवन बढ़ायें.
*. शारीरिक सक्रियता बढ़ायें, अधिक चले-फिरें, रस्सी कूदें, Cycle चलायें.
*. ऐसा न सोचें कि बर्तन-कपड़े, चूल्हे-चैके में ही काफी काम कर लेती हूँ.
*. भोजन में Vitamin व खनिज लवणों से युक्त आहार-सामग्रियों को बढ़ायें,
*. जैसे कि तरकारी-भाजियाँ, ध्यान रहे कि पुरखों से गाँवों में खायी जा रहीं नैसर्गिक सब्जियों को देखकर नाक-भौं सिकौड़ना आपको कई बिरले पोषकों से वंचित कर देगा.
तो दोस्तों यह लेख था महिलाओं में मासिक स्राव समस्या नहीं बल्कि प्राकृतिक प्रक्रिया – Period Menstrual Cycle Symptoms Treatment In Hindi, Periods Info In Hindi. यदि आपको यह लेख पसंद आया है तो कमेंट करें। अपने दोस्तों और साथियों में भी शेयर करें।
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