• Home
  • Hindi Stories
  • Hindi Quotes
  • Hindi Poems
  • Hindi Biography
  • Hindi Slogans

Nayichetana.com

Best Hindi Site, nayichetana, nayichetana.com, slogan in hindi

  • Home
  • Best Hindi Stories
  • Youtube Videos
  • Health In Hindi
  • Self Improvment
  • Make Money
You are here: Home / Student Education / विश्वास कैसे बनता है विष का वास ? Build Trust In Hindi

विश्वास कैसे बनता है विष का वास ? Build Trust In Hindi

February 22, 2020 By Surendra Mahara 1 Comment

विश्वास कैसे बनता है विष का वास ? How To Build Trust Person Relationship In Hindi

Table of Contents

विश्वास में दुनिया कायम से पता चलता है कि लोग विश्वास शब्द को कितना मानते हैं मानो ‘विश्व’ को इससे ‘आस’ हो। विश्व के अधिकांश व्यक्ति इतने कपटी-छली होते हैं कि उन पर Vishwas करने में ‘विष का वास’ होता है। How To Build Trust Person Relationship In Hindi

आपको भी कभी न कभी ऐसे लोगो जरुर मिले होंगे जो आपके साथ विश्वासघात कर देते है और अपने कुछ निजी स्वार्थ के लिए आपको धोखा दे जाते है. यहाँ हम समझाना चाहेंगे कि विश्वास कब विष का वास बन जाता है.

How To Build Trust Person Relationship In Hindi

विश्वास कैसे बनता है विष का वास , How To Build Trust Person Relationship In Hindi, visvas in hindi, relationship trust in hindi, nayichetana.com

Build Trust

1. परिजनों का स्वार्थ :

सन्तान को उत्पन्न करना माता-पिता द्वारा किया गया स्वेच्छ्या निर्णय होता है तथा सन्तान को गर्भ में लाना पूर्णतया उनकी ‘इच्छा’ का उत्पाद है किन्तु उसका समुचित पालन-पोषण माता-पिता का अतिगम्भीर उत्तरदायित्व बन जाता है।

अभिभावक अपने बचपन अथवा युवावस्था की अधूरी इच्छाओं को अपनी सन्तानों में पूर्ण करने के लिये कई बार उनका ‘प्रयोग करते’ पाये जाते हैं, वे अपने उत्तरदायित्व (लालन-पालन) को बच्चों पर किया गया अहसान समझ बैठते हैं एवं उनके भविष्य से Return चाहते हैं।

सन्तानों को अपनी फसल व अपना खेत समझने लगते हैं। इस प्रकार ये अपने विश्वास में लेकर, बच्चों का भरोसा जीतकर उनकी भावनाओं व उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ भी कर सकते हैं। पालक अपने बच्चों का बुरा नहीं चाहते- ऐसा अधिकांश मामलों में शायद कहा जा सकता हो परन्तु सतर्कता से ही बचाव सम्भव है क्योंकि वे अनजाने में अपनी ही सन्तानों का भी बुरा कर सकते हैं, उनके पूर्वाग्रह बच्चों के लिये अहितकर हो सकते हैं, जीवन-सार्थकता से दूर करने वाले हो सकते हैं।

ऐसे माता-पिता चाहते हैं कि उनकी सन्तानें अपना निर्णय निष्पक्ष होकर न कर पायें, जीवनसाथी भी इनके द्वारा पसन्द किया हो जैसे कि शिक्षा इनके द्वारा चयन की हुई थी, न कि व्यक्ति के स्वयं की। समर्थक अथवा विरोधी हुए बिना निष्पक्ष होकर विचार व निर्णय करें।

How To Build Trust Person Relationship In Hindi

2. मित्र के नकाब में अवसरवादी :

सबसे पहली बात तो यह है कि साथ पढ़ने, साथ उठने-बैठने के आधार पर व्यक्ति संगी-साथी, सहपाठी, सहकर्मी तो हो सकता है परन्तु उसे मित्र मान बैठना मुश्किलों भरा हो सकता है एवं मित्र यदि मान भी चुके हों तो अब सावधान हो जायें। त्रेतायुग में रामराज्य, महाभारत में भीष्म पितामह, विदुरनीति, मौर्यकाल में चाणक्य नीति सबमें यह बात स्पष्ट थी कि प्रायः सांसारिक सम्बन्धों का आधार स्वार्थ प्रेरित होता है तो फिर सीधी-सी बात है कि स्वार्थ साधना बन्द या कम होने पर वह कैसे टिकेगा !

स्वार्थपूर्ति के लिये अथवा स्वार्थपूर्ति के दौरान अथवा साथ रहने के ही आधार पर अथवा बिना औचित्य व सार्थकता के बनाये सम्बन्ध न बनायें, न ही उनमें मन लगायें. मिल-बैठकर मीठी बातें करने, आवश्यकतानुसार एक-दूसरे के काम आने व साथ खाने-पीने से किसी को मित्र का तमगा क्यों लगा दिया जाता है ?

सच्चे हितैषी हर देष-काल-वातावरण में नाममात्र की संख्या में ही होते हैं, यदि ऐसा कोई आपके जीवन में आये तो उसे कसकर पकड़ लें। ‘मित्रों व परिजनों रिश्तेदारों में बर्बाद जीवन’ अवश्य पढ़ें।

3. कर्मचारी की योजना :

जो कर्मचारी धन को महत्त्वपूर्ण समझता हो वह ‘यहाँ से अधिक’वेतन की पिपासा में दूसरी Company या जॉब की खोज में नहीं होगा ? ‘सामाजिक मान का भूखा’ तथाकथित अधिक मान-सम्मान के लिये दूसरी नौकरी नहीं करेगा इसकी क्या गारंटी ? अभी भी असंतुष्ट भटकता व्यक्ति किसी और संगठन का पलड़ा भारी देख भविष्य में दल बदल सकता है।

जैसे कि अध्यापन (टीचिंग) के क्षेत्र में तो बहुत सारे लोग इसे ‘औज़ार/साधन/माध्यम’ समझकर आते हैं कि इस प्रकार किसी अन्य प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में आसानी होगी.

इस प्रकार ये अच्छे अथवा दूरगामी शिक्षक कैसे हो सकते हैं जिनका लक्ष्य स्वयं का सामाजिक-आर्थिक भविष्य है, न कि बच्चों का स्वर्णिम भविष्य, वास्तव में ये तो बच्चों के भविष्य को पैरदान बना स्वयं उसे लाँघ रहे हैं। ये विश्वासपात्र व शिक्षार्थी-भविष्य-शुभचिंतक अध्यापक कैसे सिद्ध हो सकते हैं !

4. अज्ञात अतीत :

अतीत ठीक से सविस्तार (विशेष रूप से व्यक्तिगत, न कि जातपात व खानदान) न पता हो तो अच्छा भविष्य कैसे होगा ? आपके अतीत के बारे में अगर पूरा पता होगा तो आपका भविष्य भी बेहतर बनेगा वरना फ्यूचर में कुछ छुपा हुआ अतीत सामने आ गया तो मुश्किलें बढ़ जायेंगी. ‘विवाहपूर्व काउंस्लिंग द्वारा 20 समस्याओं से बचें’पढ़ें।

5. मौखिक से अधिक लिखित की ओर बढ़ें :

जब व्यक्ति को लगता है कि बात को बढ़ाकर कहने में मेरा फ़ायदा है तो वह अतिशयोक्ति करता है एवं जब उसे लगता है कि पूरी बात बताने में घाटा है तो वह उसे छुपाने और दबाने अथवा घटाकर प्रकट करने का प्रयास करता है, इस प्रकार बिना एडिटिंग किये ज्यों की त्यों हर बात नहीं बताना चाहता।

उदाहरण के लिये व्यक्ति विवाह से पहले वधुपक्ष को अपना वेतन बढ़ाकर दर्शा सकता है, इसलिये कम से कम 6 महीनों का बैंकिंग लेखा-जोखा निकलवायें, वह भी अपने सामने।

शपथ के बिना कोई बात मान लेना भी ‘आ बैल ! मुझे मार’ जैसा होगा क्योंकि इतने सीधे व निर्दोष लोग कम ही मिलेंगे जो बिना लाभ-हानि नापे अपनी हर बात सबसे बिन घटाये-बढ़ाये बोलें। सत्यापन व क्रॉस-चेक जरूरी हो ही जाता है.

शुरु से ही कर कदम फूँक-फूँक कर चलें, अन्यथा बाद में सदमा, विश्वासघात् जीवनभर के लिये बड़ा कष्टदायी हो सकता है। यदि व्यक्ति लगभग ठीकठाक है तो आपके द्वारा की गयी इन जाँचों में उसे आपत्ति क्यों होनी चाहिए !

6. आँकड़ों व तथ्यों पर आश्रित मत होयें  :

हो सकता है कि School Colleges में Good Marks, कार्यालय में Work Performance,लोगों व सहकर्मियों का फ़ीडबैक कुछ प्रामाणिक लग रहा हो परन्तु ध्यान रहे कि चाटुकारिता व ”एक हाथ ले दूजे हाथ दे“ वाली मानसिकता से हो सकता है कि उसकी वास्तविकता छुप जाये; वैसे भी साथियों की निष्क्रियता द्वारा भ्रष्टाचार को उजागर अथवा ठीक करने का प्रयास करने वाले व्यक्ति को बदनाम करने की कोशिशे की ही जाती हैं।

शैक्षणिक अंक व अन्य उपलब्ध्यिों से भी व्यक्ति की गुणवत्ता का आकलन नहीं किया जा सकता। कार्यालय इत्यादि में हो सकता है कि किसी भले व्यक्ति को ग़लत साबित करने में लोग सफल भी हो जायें। इसलिये व्यक्ति के आसपास के लोग अथवा ग्राहक भी भरोसेमंद नहीं सिद्ध किये जा सकते।

शिक्षक अच्छा होगा तो वह अनुशासन प्रिय होगा एवं यह बात तो सबको पता होगी कि उसे अधिकांश शिक्षार्थी पसन्द नहीं करते, उन्हें तो ऐसा Teacher भायेगा जो उनकी ग़लतियों को छुपाये, डाँटे तक नहीं, हर बात हल्के में उड़ा दे, सिर चढ़ाकर रखे। प्रायः लोग अपने लाभ-हानि के आधार पर सापेक्ष होकर दृष्टिकोण बना लेते हैं। निरपेक्ष व निष्पक्ष नहीं होते। इस प्रकार ‘बहुमत’को सही होने की कसौटी न मानें।

निवेदन- आपको How To Build Trust Person Relationship In Hindi – विश्वास कैसे बनता है विष का वास ? / Trust Build Kaise Kare Hindi Article पढ़कर कैसा लगा. आप हमें Comments के माध्यम से अपने विचारो को अवश्य बताये. हमें बहुत ख़ुशी होगी.

@ हमारे Facebook Page को जरूर LIKE करे. आप हमसे Youtube पर भी जुड़ सकते है.

Similar Articles:

  1. सुखी जीवन जीने का ऑफलाइन तरीका
  2. खुद को हमेशा पॉजिटिव कैसे रखे ! 12 आसान तरीके
  3. बच्चों के दिमाग को जल्दी कैसे विकसित करें
  4. रिश्ते को मजबूत बनाने के 12 टिप्स How To Make Strong Relationships In Hindi
  5. कुसंगति के बड़े नुकसान How To Avoid Bad Company Kusangati In Hindi

Filed Under: Extra Knowledge, Inspiring hindi article, Motivational article, Nayichetana Motivation, Nayichetana.com, PERSONAL DEVELOPMENT, Relationship In Hindi, Self Improvment, Student Education, Youth Education, चाणक्य नीति Tagged With: Good relatio kaise banaye, happy relation tips in hindi, How can I make her trust, How To Build Trust Person Relationship In Hindi, How to Earn a Woman's Trust in hindi, How to get a girl's trust, How to get my girlfriend to trust me again, How to make her trust me again, I broke my girlfriend's trust. She doesn't trust people easily, Nayichetana.com, relationship trust in hindi, true relation kya hai, Trust Kya hai, Trust Relation In Hindi, Vishwas kaise badhaye, visvas in hindi, उसे विश्वास कैसे दिलाऊं, ट्रस्ट के फायदे, निजी ट्रस्ट, विश्वास कैसे बनता है विष का वास, विश्वास बनता है विष का वास

About Surendra Mahara

Surendra mahara Author and founder of Nayichetana.com. He is very passionate about blogging And make people motivated and positive..Read More
Connect On a Facebook
Connect On a Youtube

Comments

  1. chanakya drishti says

    February 22, 2020 at 10:14 pm

    Add One more, To make trust you must always tell truth no matter what

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recent Posts

  • अंडे खाने के फायदे और नुकसान
  • डिविडेंड (लाभांश) क्या होता है ? What is Dividend In Hindi
  • सुहानी शाह का जीवन परिचय
  • रात को दूध पीने के फायदे और नुकसान
  • 2023 में धमाल मचा दो ! New Year Motivation Hindi
  • नये वर्ष पर 21 दमदार कथन New Year Quotes In Hindi

DMCA.com Protection Status

Top 7 Best Article In Nayichetana. Com

  • चाणक्य की 10 बातें आपकी ज़िन्दगी बदल सकती है
  • 3 बुरी लत जो आपकी जिंदगी बर्बाद कर देगी
  • Online घर बैठे Paise कैसे कमायें
  • Teenage में ये 7 गलतियाँ कभी भी न करना
  • वजन बढ़ाने मोटा होने के 21 आसान उपाय
  • 3 लोग जिन्हें आपको कभी धोखा नहीं देना चाहिए
  • लम्बाई बढाने के 23 बेस्ट तरीके
| About Us | Contact Us | Privacy Policy | Terms and Conditions | Disclosure & Disclaimer |

You Are Now: Nayichetana.com Copyright © 2015 - 2023 to Nayichetana.com