सर्दियों में स्वस्थ रहने के 15 घरेलु उपाय How To Stay Healthy In Winter In Hindi
सर्दी का मौसम आते ही हर कोई ठण्ड बढ़ने की चर्चा करता रहता है. जिधर देखो बस एक ही बात.. की इस बार ठण्ड अधिक पड़ रही है. ठण्ड का मौसम है तो ठण्ड पड़ना तो लाजिमी ही है. जब तक सर्दी का मौसम रहेगा ठण्ड रहेगी ही. इसलिए आपको सर्दी की शिकायत न करते हुए खुद को सर्दियों के लिए तैयार करना चाहिए. जब आप सर्दी से बचने के तरीको पर अमल करने लगोगे तो आपकी सर्दी भी दूर भागने लगेगी.
वर्तमान में मानव का आहार-विहार (खान-पान व रहन-सहन) इतना कृत्रिम हो चला है कि ज़रा-सा मौसमी परिवर्तन भी शरीर झेल नहीं पाता है; समग्रता में मनुष्य की मानसिक व शारीरिक सहनशीलता घटी है। यहाँ सर्दियों में स्वस्थ रहने के कुछ घरेलु उपाय दर्शाए जा रहे हैं जिन्हें अपनाना सरल हैः
How To Stay Healthy In Winter In Hindi
1. पानी पर्याप्त पीयेंः
रात को बाथरूम जाना पड़ा तो अथवा प्यास नहीं लग रही/ठण्ड लग रही है इत्यादि सोचकर पानी पीने से न बचें, शरीर भले ही सीधे प्यास का संकेत बार-बार न करे फिर भी उसे पानी की आवश्यकता लगातार पड़ती ही रहती है; ऐसा भी देखा गया है कि कुछ लोगों को तो ठण्ड व बरसात के मौसम में निर्जलीकरण (डिहाइड्रेशन) ज़्यादा होता है क्योंकि वे ठण्डे मौसम में पानी पीने के महत्त्व को कम आँकने लगते हैं।
2. आलस्य त्यागेंः
देर से उठकर देर से दिनचर्या आरम्भ करते हुए खाना पकाना व खाना भी देर से करते हुए पूरा दिन व अपना स्वास्थ्य भी जोख़िम में पड़ जाता है, विशेष रूप से घर की औरतें दिन के 2 बजे के बाद पहला खाना खा रही होती हैं, यह स्थिति ठीक नहीं।
3. खाने में ऐसे भोजन, पकवानों व व्यंजनों का प्रयोग अधिक करें जिनमें ज़ुकाम-सर्दी भगाने अथवा ग़र्मी लाने वाले घटक अधिक हों, जैसे कि बैंगन का भुर्ता जिसमें काली मिर्च डली हो, अदरख डले तिल्ली के लड्डू तथा सब्जियों व दालों में लहसुन व अदरख की मात्राएँ बढ़ायें।
4. खाँसी व बहती नाक रोकने के लिये रासायनिक दवाइयों के बजाय रात को सोते समय गुड़-हल्दी-अदरख को तवे पर भूँजकर खायें। साबुत मुलहठी ख़रीद लायें एवं दुचलकर रख लें एवं सर्दी-खाँसी ठीक होने तक चबाते हुए प्रयोग करें; नाक बहनी ठीक न हो रही हो तो किसी हर्बल बाम का प्रयोग करें व अपना रुमाल अलग रखते हुए रोज़ धोयें।
5. स्नान के बाद शरीर, विशेष रूप से हाथ-पैर, पेट व कँधों पर सरसों, नारियल इत्यादि तैलों की एक परत बना लें जो कि ठण्डी वायु से बचाने में एक अवरोधक तह का कार्य करेगी।
6. यदि सुबह 8 बजे से पहले या फिर शाम को 5 बजे के बाद घर से बाहर निकलना हो तो फ़ैशन इत्यादि के चक्कर में ये नही पहनना/वो नहीं पहनना न करते हुए जो है उसे पहनकर ही निकलें।
7. टमाटर इत्यादि के सूप जैसे गर्म पेय पी सकते हैं।
8. सर्दियों में फर्श व किचन का पानी सूखना भी मुश्किल पड़ सकता है, इसलिये पौंछे में Dettol की बूँदें डालें तथा कपड़ों को पलट-पलट कर व ढंग से सुखाने पर ज़ोर दें।
9. सर्दी की शुरुआत में पेटी से निकालते व ठण्ड खत्म होने पर वापस पेटी में रखते समय रजाई इत्यादि को धूप दिखानी ही है ताकि दुर्गंध व कीटाणुओं से कुछ निज़ात मिल पाये; नमी, आपके पसीने इत्यादि के भी कारण उनमें रोगाणुओं के घर बने हुए हो सकते हैं।
सर्दियों में क्या न करें ?
10. ठण्ड भगाने के लिये अलाव इत्यादि न जलायें, त्वचा व बालों सहित पर्यावरण के भी लिये यह हानिप्रद है, कई लोग तो पालिथीन, तार व अन्य वस्तुएँ भी जला डालते हैं, इससे श्वसन-तन्त्र के रोगों की आशंका हो जाती है। यदि कभी किसी कारणवश आग जलाने की आवश्यकता पड़ती भी है तो घौंसलों में काम आ सकने वाले रेशे, बाँस-खजूर की छीलन इत्यादि को न जलायें, खेती के अवशिष्ट का प्रयोग सीमित-संतुलित रूप में किया जा सकता है।
ठण्ड भगानी ही हो तो कुछ सार्थक करते हुए ग़र्मी बढ़ायें, जैसे- बागवानी करने लग जायें, खरपतवार उखाड़ें, गड्ढे करके पेड़ लगायें इत्यादि। खाली बैठेंगे तो ठण्ड सतायेगी। घर के अंदर अलाव जलाना जो जानलेवा तक सिद्ध हुआ है, ऐसे मामले देखने में आये हैं कि खिड़की-दरवाजे बन्द कर घर में अलाव लगाकर सब सो गये व सुबह मृत पाये गये क्योंकि आग में आक्सीजन समाप्त हो चुकी थी, इसके अतिरिक्त घर में आग लगने की आशंका भी बनी ही रहती है।
11. भूख लगने पर चाय-काफ़ी न पीयेंः
इस आदत ने कई भारतीयों को बिगाड़कर रखा है; खाने का विकल्प न खोजें; बाकी किसी समय जब भी चाय-काफ़ी पीते भी हैं तो चाय में यथासम्भव लौंग-तुलसी (बिल्कुल तुलसी जैसा दिखने वाला एक पौधा जिसकी पत्तियों में लौंग व तुलसी दोनों का स्वाद होता है) का भी पौधा घर-आँगन में लगायें एवं इसकी पत्तियों को चाय में डालें; वैसे अलग से अथवा साथ में अनुपात बदल-बदल कर सौंठ, कालीमिर्च इत्यादि भी डालें तथा काफ़ी में दालचीनी डालकर स्वाद व सर्दी दोनों के हिसाब से बेहतरीन काफ़ी बना सकते हैं।
12. गर्म पानी से नहाने/पीने, बहुत ज़्यादा रजाई/मोटे गर्म कपड़ों में रहने से यथासम्भव बचें, अन्यथा फिर ठण्डे पानी या ठण्ड के प्रति सहनशीलता और घट जाती है एवं व्यक्ति का शरीर भी अनावश्यक रूप से संवेदनशील हो जाता है तथा रोग-प्रतिरोधक तन्त्र कमज़ोर पड़ने लगता है।
जहाँ तक हो सके प्रकृति के साथ एकाकार होकर व खुले में रहें, अन्यथा आपने सुना ही होगा कि गर्म पानी से नहाने वालों को थोड़़ी-सी भी ठण्ड बर्दाशत नहीं होती/ वे ग़र्म कपड़ों की कई पर्तें पहने बिना शाम को घर से बाहर नहीं निकल पाते। अपने आपको इतना कोमल मत बनने दें।
13. शारीरिक निष्क्रियता न लायेंः
अधिकांश लोग वैसे भी आजकल सुविधाभोगी होकर Sitting Lifestyle के आदी हो गये हैं एवं सर्दी के मौसम में तो पारे में कमी के साथ आलस्य ऊपर चरम पर चला जाता है। मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य के लिये मन को शान्त व शरीर को सक्रिय रखना बड़ा आवश्यक है, यहाँ तक कि मन को यहाँ-वहाँ की बातों से दूर करने में भी शारीरिक परिश्रम अत्यन्त सहायक सिद्ध होता है।
यदि दूध लाना हो तो Bike के बजाय साइकिल से जायें, कपड़ों को वाशिंग मशीन में धोने/ड्रायर में सुखाने के बजाय हाथ से धोयें/निचोड़े इससे कपड़े व आपका स्वास्थ्य दोनों अच्छे रहेंगे एवं ठण्ड भागेगी सो अलग।
14. फ्रि़ज क्यों ? :
फ्रि़ज बन्द भी रखा जा सकता है, अन्यथा बच्चे-बड़ों का हाथ बारम्बार उधर जायेगा और कार्बनडाई-आक्साइड व कृत्रिम शीतलता वाला पानी सबकी प्यास बुझाने का काम कम करेगा, नुकसान ही अधिक पहुँचायेगा; हर मौसम में मिट्टी के घड़़े का पानी सर्वोत्तम होता है।
15. ठण्ड कुछ ज़्यादा ही लगती हो तो हीटर में बिजली व पर्यावरण को दाँव पर लगाने के बजाय हाथ-पैरों के इनर एवं जर्कीन इत्यादि पहनें।
16. बर्नर से उतरते ही खाने-पीने से बचें, कप/प्लेट/थाली में रखे जाने के बाद कम से कम 2-3 मिनट का इंतज़ार करें क्योंकि विशेष रूप से ठण्डी भरे मौसम में मुँह में गर्माहट की गम्भीरता समझ नहीं आती है परन्तु घाटा पेट को उठाना पड़ता है जो कराहकर अपनी व्यथा तक नहीं बता सकता।
तो दोस्तों, यह थे वे टिप्स जो आपको सर्दी के मौसम में ठण्ड से दूर रखेंगे और आपको गर्मी दिलाते रहेंगे. आप जितनी अपनी Care करोगे उतना ही बीमारियों और सर्दी से दूर रहोगे. इसलिए खुद की केयर करे और फिट रहे.
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