घर के आँगन तक दौड़ती बिटिया Best Poetry On Daughter In Hindi
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दोस्तों, अगर आपकी कोई बेटी है या आपके घर में कोई छोटी सी लाडली बच्ची है तो आपने जरुर देखा होगा की आपके घर में हर समय एक खुशनुमा माहौल बना रहता है और यह सब किसके कारण होता है आपकी नन्ही सी बिटिया के कारण.
पापा की छोटी सी परी से पहचाने जाने वाली बिटिया पर कविता के माध्यम से हम शेयर कर रहे है बेटी की एक छोटी से पहचान. हमें पूरी उम्मीद है आपको बिटिया पर लिखी गयी यह हिंदी कविता जरुर पसंद आएगी.
Best Poetry On Daughter In Hindi
पायल की छन-छन से लेकर,
चूड़ी की खन-खन तक,
दौड़ती है घर के आँगन तक,
बिंदिया की चमक के साथ,
लबों पर मुस्कान लेकर,
नयन में लज्जा लेकर,
दौड़ती है घर के आँगन तक,
गुड्डे-गुड़िया का खेल खेलती,
मिट्टी के है घर बनाती,
अपने सपनों को सजाती,
उड़ने की है आशा रखती,
दौड़ती है घर के आँगन तक,
साखी के साथ कुछ पल बिताती,
पापा की परी कहलाती
मम्मी से डाट खाती
छोटा सा अरमान सजाती
सबको अपने दिल में बसाती,
दौड़ती है घर के आँगन तक
– कोमल ललित सिंह चौहान
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