नारी पर प्रताड़ना (कविता) Woman Torture Poetry In Hindi
हम आये दिन कई ऐसी खबरे सुनते है जिन्हें सुनकर हम शर्म से झुक जाते है. समाज में एक नारी के साथ जैसा व्यवहार देखने को मिलता है वह हमारे गिरे हुए चरित्र को दर्शाता है.
जिस तरह से एक पुरुष को इस समाज में हक़ और इज्जत मिलती है ठीक उसी तरह से एक नारी को भी इज्जत और उसका हक मिलना चाहिए. रेप, दहेज़, शोषण के लिए नहीं बनी है एक नारी बल्कि एक महिला आपके घर की शान है और इस समाज का वह मान है.
Woman Torture Poetry In Hindi
कब तक सहूँगी प्रताड़ना,
कभी तो पूरी करो मेरी कामना ।
चीख-चीखकर रो रही हूँ मै,
कभी तो मान लो मेरी कहना ।
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मत करो तुम मेरी अवमानना,
नही तो बाद में पछताना।
नारी शक्ति बन कर तैयार हूँ मै,
अभी कभी मत मुझसे टकराना ।
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मत करो तुम किसी पर प्रताड़ना,
दहेज के लिए बहुओं को मत जलाना ।
नही तो नारी चंडी बन जाएगी ।
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फिर मुश्किल हो जाएगा तुम्हारा जीना ।
अब नही करना तुम किसी से प्रताड़ना,
अब तो है पूरा जागरुक जमाना ।
दोस्तों, यह बेहतरीन हिंदी कविता लिखी है बालकवि एवं लेखक सौरभ कुमार ठाकुर जी ने. आपको यह कविता कैसे लगी हमें कमेन्ट करके जरुर बताये.
yes, you are right Surender sir . thankyou for sharing about Woman Torture
correction is done.. thankyou
सुरेन्द्र जी, कविता के शिर्षक और पैराग्राफ में एक वर्तनी गलत है। आपने ‘शोषण’ को ‘शौषण’ लिखा है।
आज ‘सभ्य’ कहे जाने वाले समाज में स्त्री की स्थिति को दर्शाती एक छोटी लेकिन सुन्दर कविता।
सुरेन्द्र जी, मैं आपके ब्लॉग का नियमित पाठक हूँ। मैंने आपको ई-मेल पर एक लेख प्रकाशित होने के लिए भेजा था, लेकिन लगता है आपने उसे पढ़ा नहीं। जब लेख पढ़े तब रिप्लाई जरूर करें।