पिता का उपकार बेस्ट हिंदी कविता Best Son-Father Poem In Hindi
हमारे जीवन पर हमारे माता – पिता का एक बहुत बड़ा प्रभाव पड़ता है. हमारे माता – पिता हमारे लिए वह स्तम्भ होते है जो हमें कभी भी लाइफ के किसी भी मोड़ पर गिरने नहीं देते. पिता हमारी हर ख़ुशी के लिए अपना हर कष्ट भुला देते है और अपनी मुश्किलों को भूलकर हमारी मुश्किलें आसान करने में लगे रहते है. पिता का हम पर इतना उपकार है जिसे हम किसी भी कीमत पर चुका नहीं सकते.
संतान के पालन – पोषण का श्रेय भले ही हमेशा माँ को चले जाता हो.. लेकिन पिता ही वह शक्ति है जो हम पर मुसीबत नहीं आने देता और हमारी हर ख्वाइश को पूरा करता है. पिता के महत्व और पिता द्वारा किया गया उपकार पर आपके चलिए पढ़ते है बेस्ट हिंदी कविता.
Best Son-Father Poem In Hindi
बचपन में उंगली पकड़कर चलना सिखाया,
अपने कंधों पर बैठाकर, हमें मेला दिखाया,
अपनी पीठ पर बिठाकर, घर-आँगन में घुमाया,
हमें जिंदगी को जिंदगी की तरह जीना सिखाया ।
जब ऊपर बड़ा आसमान देखकर मैं घबराया,
तब हिम्मत के पंख देकर मुझें उड़ना सिखाया,
जब ज़वानी की सीढियों पर जब मैं लड़खड़ाया,
तब मेरा हाथ पकड़कर मुझें सही चलना सिखाया ।
प्यार करने का होता उनका अंदाज निराला,
ना आता है उन्हें कहकर अपना प्यार जताना,
ना आता उन्हें ज़रा सी मुसीबत में आंसू बहाना,
आता है उन्हें हर ग़म भुलाकर हमें गले लगाना ।
ख़ुद, हज़ारों दुःख सहकर, हमें खुशियां बांटी,
अनगिनत राते, मुश्किलो में गुजारकर काटी,
ख़ुद सोते जमीं पे, हमारे मख़मली गद्दा बिछाकर,
हमारी ख़ुशीयों के लिए ऐसे अपनी जिंदगी गुज़ारी ।
पापा जब साथ हो आपका आशीर्वाद हमारे,
तब धन-दौलत आगे हमारे ना पावँ पसारे ,
क्या गीता, क्या कुरान, क्या ख़ुदा, क्या भगवान,
कुछ नहीं ये सब, जब हर पल साथ हो आप हमारे ।
रचनाकार का परिचय :
रचनाकार पूरा नाम :- तलविंद्र कुमार
पिता का नाम :- प्रभुराम जी कड़ेला
जन्म तारीख़ :- 20/05/1998
स्थायी पता :- गाँव- डेरिया, तह.- बालेसर, जिला – जोधपुर
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Jay Mishra says
मन की गहराई से लिखी गई कविता दिल को छू लेने वाली है ।