डॉक्टर होना इतना भी आसान नहीं Doctor’s Special Poetry In Hindi
Doctor’s Special Poetry In Hindi
Doctor’s Special Poetry In Hindi
अपने सुकून की बलि देकर, वो सबकी जान बचाता है,
भूख प्यास भूल कर वो डॉक्टर होने का फर्ज निभाता है,
दर्द से दवा तक का सफ़र था कड़ा,
वो गिरा,लड़खड़ा के हुआ फिर खड़ा,
तब हुआ जाके मेहनत से वो फिर बड़ा,
माना वह एक डॉक्टर है, बेशक कोई भगवान नहीं,
डॉक्टर का डॉक्टर होना,मगर इतना भी आसान नहीं,
कई त्योहार बिन अपने परिवार के साथ वो बिताता है,
कभी किताबों में तो, कभी इमरजेंसी टेबिल पर सो जाता है,
जाने कितने लोगों को गहरी नींद से जगा दिया,
जाने कितने रोगों को उनने, दुनिया से ही भगा दिया,
ना कभी कोई संडे, ना उसकी कोई छुट्टी की गुजारिश,
ना पता रहता कब सर्दी आई ना पता कब आती बारिश,
फिर भी जो तुम्हें जो हर वक्त खुश दिखें, परेशान नहीं,
डॉक्टर का डॉक्टर होना,मगर इतना भी आसान नहीं
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shalini garg says
it is a nice poem
madan singh says
Thankas