लोगों की नजर Logo Ki Najar Hindi Kavita
देखो कैसे हमें घूरती है लोगों की नजर,
दो कदम बढ़कर मुड़ती है लोगों की नजर.
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तुम-हम पास है उनको ये गवारा नहीं,
इसलिए हमें घूरती है लोगों की नजर.
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देखती तुम जब अपने झरोखों से मुझे
हमारे बीच दूवार करती है लोगों की नजर.
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तंग आ गए है इससे चलो बगावत करें,
क्यों हमसे ऐसे जलती है लोगों की नजर.

Raj kumar Yadav
Blog: rozaana.wordpress.com
Email : rajkumaryadav.rky123@gmail.com
राज जी की कई कवितायेँ नयीचेतना में पब्लिश हो चुकी है. राज कुमार यादव जी की अन्य कवितायेँ पढ़े : हिन्दी कविता संग्रह
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बहुत ही सुंदर रचना।
झकझोर देने लायक।
धन्यवाद इतनी अच्छी रचना के लिए राज जी।
आप बहुत अच्छा लिखते हैं
Hello maine apka likha hua saara kavita padha mujhe bahut hi acha laga hindi me ye sab padh kar.