कहाँ जा रही हो Kaha Ja Rahi Ho Hindi Kavita
तुम अब जा रही हो, तुम से अब क्या कहना,
तुम मेरी जिंदगी हो, तुम से अब क्या कहना,
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भूल कर सपनों को ,तोड़कर वादों को,
मुझे भी भूला रही हो, तुम से अब क्या कहना,
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जहां पर मिलें थे वो जगह उदास है
वहीं कहो, जो तुम कहती हो, तुम से अब क्या कहना,
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कौन सी मजबूरी है, आखिर मामला क्या है,
मुझसे कह सकती हो, तुम से अब क्या कहना.
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जग से मैं दूर हुआ, आपके खातिर अलग हुआ,
अब पास नहीं आओगे क्या, तुम से अब क्या कहना.

Raj kumar Yadav
Blog: rozaana.wordpress.com
Email : rajkumaryadav.rky123@gmail.com
राज जी की कई कवितायेँ नयीचेतना में पब्लिश हो चुकी है. राज कुमार यादव जी की अन्य कवितायेँ पढ़े : हिन्दी कविता संग्रह
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