शरणार्थी हिंदी कविता Refugees Poem In Hindi
दोस्तों, अभी हाल के समय में आपने शरणार्थी से जुडी हुई काफी अधिक बातें सुनी होगी जिसमे बताया गया है की हमारे देश में कितनी मात्रा में शरणार्थी आ चुके है. उन शरणार्थियो का अपना जीवन कैसा होता है या उन्हें अपने जीवन में कैसे कष्ट झेलने पड़ते है. वह आपको इस कविता में पढने को मिलेंगे तो इस कविता को पूरा अवश्य पढ़े.
Refugees Poem In Hindi By Raj Kumar
अपने देश अपनी जमीन से
निकाले गये है हम
जो कल तक था हमारा
आज पराया हो गया
बारिशों और धूप से बचाने वाले घर
कभी चुल्हों के धुएँ निकलते थे जिस घर से
आज वो घर जल रहा है
आज भी उससे धुएँ ही निकल रहे हैं.
–
सब पीछे छूटता जा रहा है
हम आगे बढ़ते जा रहे है
उफ्फ ! यह जिंदगी
–
जो लोग आये थे शहर को जलाने
कसम से उन्हें पहले कभी नहीं देखा था
न उससे दुश्मनी थी
ना हम उनसे नफरत करते थे
मगर शहर को आग लगा दिए
और हम बेघर होकर भटक रहे है.
–
जो यह सफर है इसकी
कोई मंजिल नहीं है
बस एक आशा है सबको
एक दिन हालात बदलेंगे
जिंदगी करवट लेगी
सब सामान्य हो जाएगा.

Raj kumar Yadav
Blog: rozaana.wordpress.com
Email : rajkumaryadav.rky123@gmail.com
राज जी की कई कवितायेँ नयीचेतना में पब्लिश हो चुकी है. राज कुमार यादव जी की अन्य कवितायेँ पढ़े : हिन्दी कविता संग्रह
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आपका आर्टिकल पढ़ कर अच्छा लगा आज बहुत कुछ सीखने को मिला ऐसे ही हम लोगो के लिए पोस्ट करते रहिए
Hello Raj kumar,
Sach me bahut hi dil ko chu lene wali kabita likha hai apne acha lagta hai ye sab padhne me.