Dunia Hindi Poem By Raj Kumar दुनिया जलती है तो जलने दो
आशियाने जल रहे थे
लपटें आसमान छू रही थी,
मैं दूर खड़ा हाथ सेंक रहा था,
दुनिया जलती है, तो जलने दो.
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इसी दुनिया ने मेरा घर जलाया था,
मुझे बेघर बनाया था, दिल दुखाया था.
उस दिन मैं बहुत रोया था,
दुनिया जलती है, तो जलने दो.
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आज कैसे देखो समय ने पलटी मारी है,
अब मेरी बारी है, हाथ मेरे कटारी है.
मैंने ले लिया जो कुछ मेरा था,
दुनिया जलती है, तो जलने दो.
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कानों में सन्नाटों की फैली शोर है,
दिल मेरा कठोर है, दिल तेरा कमजोर है.
इस दिल से खून बहुत निकला था,
दुनिया जलती है, तो जलने दो.
Hindi Poem “ दुनिया जलती है तो जलने दो हिंदी कविता – Dunia Hindi Poem By Raj Kumar” यह कविता हमें भेजी है राज कुमार यादव जी ने गोपालगंज, बिहार से. 15 जून सन 2000 को जन्मे राज कुमार गोपालगंज, बिहार में रहते है. राज कुमार जी को लिखने का बहुत शौक है.

Raj kumar Yadav
Blog: rozaana.wordpress.com
Email : rajkumaryadav.rky123@gmail.com
राज जी की कई कवितायेँ नयीचेतना में पब्लिश हो चुकी है. राज कुमार यादव जी की अन्य कवितायेँ पढ़े : हिन्दी कविता संग्रह
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very good you write
GOOD POEM
KEEP WRITING LIKE THIS
बहुत ही बढ़िया लेख
धन्यवाद