Khyalat Par Hindi Kavita – ख्यालात पर हिन्दी कविता
सोचता हर ख़ुशी हासिल करूँ
सबके दर्द दूर करूं
बेरंग ज़िन्दगी में रंग भर लूँ
वतन के लिए जी लूँ मर लूँ
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असंभव है मुश्किलों से हार मान लूँ
अपनों को साथ लेकर चलूँ
सात समन्दर की सैर करूँ
कुरीतियों को तोड़ दूँ
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समाज को नई सभ्यता से जोड़ दूँ
टूटे दिलो को जोड़ दूँ
अंधकार का प्रकाश मोड़ दूँ
अपना हर फर्ज अदा करूं
हर ख़ुशी हासिल करूँ
– Hitesh Rajpurohit
Hindi Poem “ख्यालात पर हिंदी कविता ” हमें भेजी है हितेश राजपुरोहित जी नानरवाडा, तहसील – पिंडवाड़ा, जिला – सिरोही, राजस्थान से . हितेश की शिक्षा एम. बी. ए. , एम. ए. हिन्दी साहित्य-प्रथम वर्ष है.
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Great Kavita Sir ji