जबसे तुम आ गये – Jab Se Tum Aa Gye Hindi Kavita
जबसे तुम आ गये जिन्दगी में मेरी
दूसरा कोई भी और भाता नहीं।
प्यार ही प्यार फैला है घर में मेरे
बेरूखी, बेवफाई से नाता नहीं।।
एक अलग ताजगी ऐसी बातों में है
दिल करे सामने यूं ही बैठा रहूं
झील सी आंख में प्रेम पतवार ले
उम्र भर प्यार की नाव खेता रहूं
ये जमाना बडा तंग दिल है यहां
दिल में कोई किसी को बिठाता नहीं।।
बेवफाई के इस दौर में आजकल
आपसे थोडी मुझको वफा मिल गई
मेरी दीवानगी होश खोने लगी
चीज ऐसी ये पहली दफा मिल गई
आंख से दिल तलक रास्ता कर लिया
आपके बिन कोई इसमें आता नहीं।।
आरजू तुम मेरी जुस्तजू तुम मेरी
तुम मेरी हर खुशी बन्दगी तुम मेरी
जी रहा हूं जिसे मैं बडे शौक से
खूबसूरत सी ये जिन्दगी तुम मेरी
लग ना जाये किसी की नजर इस लिए
हर किसी को मैं दिल की बताता नहीं।।
सारे मंजर हंसी हो गये दूर तक
फूल कलियां सभी खिलखिलाने लगी
जख्म जख्मी के सारे पुराने भरे
एक रवानी सी जीवन में आने लगी
जिस तरह आपने साथ मेरा दिया
इस तरह कोई रिश्ता निभाता नहीं।।
Hindi Poem “जबसे तुम आ गये – Hindi Poem By Sudesh Yadav Jakhmi – Best poem on love life हमें भेजी है सुदेश कुमार जख्मी जी ने. सुदेश जी हिंदी के एक बहुत ही प्रसिद्ध कवि और साहित्यकार है.

Dr. Sudesh Yadav Jakhmi
डा. सुदेश यादव जख्मी
कवि/साहित्यकार
मो. 9368666665
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