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पूर्व राष्ट्रपति डॉ ऐ पी जे अब्दुल कलाम की जीवनी

November 24, 2017 By Surendra Mahara 6 Comments

भारत रत्न डॉ ऐ पी जे अब्दुल कलाम की जीवनी ! A. P. J. Abdul Kalam Biography In Hindi

Table of Contents

शायद ही इस विश्व में कोई जगह होगी जहाँ का कोई नागरिक एक वैज्ञानिक होने के साथ – साथ देश का राष्ट्रपति भी बन गया हो पर हमारे देश में ऐसे महान व्यक्ति ने जन्म लिया है जिनका नाम है – डॉ ऐ पी जे अब्दुल कलाम. भारत के इतिहास में पहली बार कोई राष्ट्रपति वैज्ञानिक रहा हैं. डॉ अब्दुल कलम को लोग मिसाइल मैन के नाम से भी पुकारते है.

डॉ अब्दुल कलाम का जन्म 15 October, 1931 को रामेश्वरम, तमिलनाडु में हुआ था. ये अपने जीवन में एक इंजिनियर, प्रोफेसर, वैज्ञानिक, लेखक और भारत के राष्ट्रपति भी रह चुके है. पर दुर्भाग्यवश ऐसे महान इन्सान आज हमारे साथ नहीं है और इनकी मृत्यु अचानक ही 27 जुलाई, 2015 को शिलोंग, मेघालय में हो गई.

डॉ ऐ पी जे अब्दुल कलाम की जीवनी ,A. P. J. Abdul Kalam

A. P. J. Abdul Kalam

Short Info About A. P. J. Abdul Kalam

पूरा नाम – अब्दुल पाकिज जेलुब्दीन अब्दुल कलाम
जन्म – 15 अक्टूबर, 1931 रामेश्वरम, तमिलनाडु
पिता का नाम – जैनुलब्दीन कलाम
मृत्यु – 27 जुलाई 2015, शिलोंग, मेघालय
धर्म – इस्लाम
पेशा – इंजिनियर, प्रोफेसर, वैज्ञानिक, लेखक और पूर्व भारत के राष्ट्रपति
शिक्षा – सेंट जोसेफ कॉलेज, तिरुचिरापल्ली और चेन्नई इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी
पुरस्कार – भारत का सबसे बड़ा नागरिक पुरस्कार ” भारत रत्न ”, पद्दम भूषण और पद्दम विभूषण
वेबसाइट – abdulklam.com

 

Read : A. P. J. Abdul Kalam Quotes In Hindi

A. P. J. Abdul Kalam Biography In Hindi

डॉ कलाम ने मुख्य रूप से एक वैज्ञानिक के संचालक के रूप में 4 दशको तक रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डी आर डी ओ) तथा भारतीय अंतरीक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) संभाला था.

भारत के नागरिक अन्तरिक्ष कार्यक्रम और सैन्य मिसाइल के विकास के प्रयासों में भी शामिल रहे थे. इन्हें बैलेस्टिक मिसाइल और प्रक्षेपण यान प्रौद्योगिकी के विकास के कार्यो के लिये भारत में मिसाइल मैन के रूप में जाना जाता हैं.

डॉ कलाम ने 1974 में भारत के पहले मूल परमाणु परीक्षण के बाद दूसरी बार 1998 में भारत के पोखरण पार्ट-2 में परमाणु परीक्षण में एक निर्देशक, संगठन और तकनीकी तथा राजनैतिक भूमिका निभाई थी.

डॉ कलाम भारतीय जनता पार्टी और विपक्षी भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस दोनों के समर्थन के साथ 2002 में भारत के राष्ट्रपति चुने गये थे और देश के लिये 5 साल तक राष्ट्रपति के पद पर देश की सेवा की.

बाद में डॉ कलाम अपने शिक्षा, लेखन और सार्वजानिक सेवा के अपने नागरिक जीवन में वापस लौट आये. डॉ कलाम को भारत का सबसे बड़ा पुरस्कार ”’ भारत रत्न ”’ के साथ अन्य पुरस्कार भी मिले हैं.

डॉ. अब्दुल कलाम का शुरूआती जीवन

डॉ. अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर सन 1931 को ग्राम धनुषकोडी, रामेश्वरम, तमिलनाडु में हुआ था. डॉ परिवार एक मध्यम वर्गीय और मुस्लिम हैं. इनका परिवार बहुत ही गरीब था. इनके पिता जैनुलब्दीन कलाम ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं थे.

इनके पिता के पास नावें थी जिसे ये मछुआरों को भाड़े पर देकर अपना परिवार का भरण-पोषण करते थे. डॉ कलाम का परिवार संयुक्त परिवार था. कलाम कुल मिला के 10 भाई-बहिन थे, जिनमे 5 भाई और 5 बहिनें थीं.

डॉ कलाम के Life में इनके पिता का बहुत प्रभाव रहा हैं इनके पिता ने जैसे-तेसे परिवार को पाला और अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा प्रदान की थी. कलाम की शुरूआती शिक्षा रामेश्वरम के पंचायत प्राथमिक विद्यालय में 5 वर्ष की आयु में हुई था.

कलाम ने अपनी शुरुआती शिक्षा के दौरान News पेपर बांटने का काम भी किया था. डॉ कलाम ने 1950 में मद्रास (चेन्नई) से इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से अंतरीक्ष विज्ञान में स्नातक की उपाधि प्राप्त की. स्नातक के बाद कलाम ने हावर-क्राप्ट परियोजना पर काम करने के लिये भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संस्थान में प्रवेश किया था.

साल 1962 में कलाम भारतीय अन्तरिक्ष अनुसंधान संगठन में आयें जहाँ उन्होंने सफलतापूर्वक कई उपग्रह प्रक्षेपण यान एस. एल. वी. 3 के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थीं, जिससे जुलाई 1982 में रोहिणी दिल्ली उपग्रह से सफलतापूर्वक अन्तरिक्ष में प्रक्षेपित किया गया था.

डॉ. अब्दुल कलाम का वैज्ञानिक जीवन

डॉ कलाम 1962 में भारतीय अन्तरिक्ष अनुसंधान संगठन से जुड़े. अब्दुल कलाम को परियोजना महानिर्देशक के रूप में भारत का पहला स्वदेशी उपग्रह (एस एल वी-3) बनाने का गौरव प्राप्त हुआ था. कलाम ने दिल्ली के रोहिणी उपग्रह को पृथ्वी की कक्षा के निकट स्थापित किया था जिससे भारत भी अन्तराष्ट्रीय क्लब का मेंबर बन गया था. इसरो व्हीकल लाँच प्रोगाम का सम्मान इन्हीं को दिया जाता हैं.

कलाम ने 1992 से दिसंबर 1999 तक रक्षा मंत्री के विज्ञान सलाहकार तथा सुरक्षा शोध व विकास प्रणाली का उपयोग आग्नेय शास्त्रों में किया था. साल 1982 में वे भारतीय रक्षा अनुसन्धान एवं विकास संस्थान में वापस निर्देशक के तौर पर आये और उन्होंने अपना सारा ध्यान ” गाइडेंस मिसाइल ” के विकास पर लगा दिया था.

वे साल 1992 के समय भारतीय रक्षा मंत्रालय में वैज्ञानिक सलाहकार बनाये गये व उनकी देखरेख में भारत ने 1998 में अपना दूसरा परमाणु परीक्षण किया था और भारत को परमाणु शक्ति के देशों के क्रम में ला खड़ा कर दिया था.

डॉ. अब्दुल कलाम का राजनीतिक जीवन

वैज्ञानिक के साथ-साथ डॉ कलाम ने राजनीति में भाग्य अजमाया और वे भारत के 11वें राष्ट्रपति निर्वाचित हुए. 18 जुलाई 2002 को कलाम को 90% बहुमत द्वारा भारत का राष्ट्रपति चुन लिया गया तथा 25 जुलाई को संसद भवन के अशोक कक्ष में राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई गयी. इस समारोह में उस समय के प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी और मंत्रीमंडल के लोग व कुछ गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे.

राष्ट्रपति के तौर पर कलाम का कार्यकाल 25 जुलाई को समाप्त हुआ था. अब्दुल कलाम बहुत ही अनुशासित रहते थे. डॉ कलाम शाकाहारी थे. डॉ कलाम एक अच्छे लेखक भी हैं, इन्होंने कई जीवनियाँ और पुस्तकें भी लिखी हैं.

इनकी एक जीवनी हैं ”’ विंग्स ऑफ फायर ” जो भारतीय युवा शक्तियों के मार्गदर्शन के ऊपर इन्होंने लिखी हैं. डॉ कलाम ने तमिल भाषाओं में कविताएँ भी लिखी हैं, इनकी पुस्तकों की देश ही नहीं विदेशों में भी काफी मांग हैं.

वैसे तो डॉ कलाम राजनीतिक क्षेत्र वाले इंसान नहीं हैं लेकिन राष्ट्रवादी सोच और राष्ट्रपति बनने के बाद भारत के कल्याण सम्बन्धी नीतियों के कारण इन्हें संपन्न माना जाता हैं. इन्होंने अपनी पुस्तक ” India 2020 में अपना नजरिया पेश किया था.

भारत को अन्तरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में दुनिया का सिरमौर राष्ट्र बनते देखना चाहते थे. वे हर समय भारत को परमाणु हथियारों के क्षेत्र में सुपर पावर देखना चाहते थें वैसे इनके विचार शांति और हथियारों को लेकर विवादों में भी रहा हैं.

डॉ. अब्दुल कलाम का व्यक्तिगत जीवन

कलाम अपने व्यक्तिगत जीवन में पूरी तरह अनुशासन का पालन करने वालों में से थे. ऐसा कहा जाता हैं कि वे कुरान और भगवद्गीता दोनों का अध्ययन करते थे. कलाम ने कई स्थानों पर उल्लेख किया हैं कि वे तिरुक्कुरल का भी अनुसरण करते हैं.

भारत को महाशक्ति बनने की दिशा में कदम बढ़ाते देखना उनकी चाहत थीं. डॉ कलाम ने कई प्रेरणा दायक पुस्तकों की रचना भी की थीं. बच्चों और युवाओं के बीच डॉक्टर कलाम अत्यधिक लोकप्रिय थे. डॉ कलाम अन्तरिक्ष विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान के कुलपति भी रहे थें.

डॉ. अब्दुल कलाम का जीवन राष्ट्रपति दायित्व के बाद

राष्ट्रपति का कार्यकाल समाप्त करने के बाद डॉ कलाम भारतीय प्रबंधन संस्थान शिलोंग, भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद, भारतीय प्रबंधन संस्थान इंदौर और भारतीय विज्ञान संस्थान बैंगलोर के मानद फैलो और एक विजिटिंग प्रोफेसर बनाये गये.

भारतीय अन्तरिक्ष विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान, तिरुवनंतपुरम के कुलाधिपति, अन्ना विश्वविद्यालय में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के प्रोफेसर और भारत भर में सहायक बन गये. उन्होंने बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय और सूचना प्रौद्योगिकी और अन्तर्राष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान हैदराबाद में सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में पढ़ाया था.

2011 में आयी एक हिंदी फिल्म आई. एम. कलाम में एक गरीब लेकिन उज्जवल बच्चे पर कलाम के सकारात्मक प्रभाव को दर्शाया गया था इन्हें एक समर्थ परमाणु वैज्ञानिक होने के लिये जाना जाता हैं पर सयंत्र की सुरक्षा सुविधाओं के बारें में इनके द्वारा उपलब्ध कराए गये विचारों से कुछ लोग इनसे नाराज भी रहे हैं.

डॉ. अब्दुल कलाम की किताबें

कलाम ने साहित्यक रूप से भी अपने विचारों को 4 पुस्तकों में बांटा हैं.

  • इंडिया 2020 ए विजन for द न्यू मिलेनियम
  • माई जर्नी
  • इग्नतिद माइंड्स
  • अनलीशिंग the पावर विदीन India

इन पुस्तकों का कई भारतीय तथा विदेशीं भाषाओं में अनुवाद हो चूका हैं. डॉ कलाम को 40 से भी अधिक विश्वविद्यालय में मानद की उपाधि प्राप्त हो चुकी हैं.

डॉ. अब्दुल कलाम को पुरस्कार और सम्मान

कलाम के जन्मदिवस को सयुंक्त राष्ट्र विश्व विद्यार्थी दिवस के रूप में मनाता हैं. इसके अलावा उन्हें लगभग 40 से भी अधिक विश्वविद्यालय द्वारा मानद उपाधि से भी नवाजा गया हैं.

भारत सरकार द्वारा उन्हें 1981 में पद्दम भूषण और 1990 में पद्दम विभूषण का सम्मान प्रदान दिया गया था जो भारत सरकार के वैज्ञानिक सलाहकार के रूप में कार्य हेतु प्रदान किया गया हैं.

1997 में कलाम साहब को भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ” भारत रत्न ” से सम्मानित किया गया था, यह पुरस्कार उनके भारत के तकनीकी के विकास में अभूतपूर्व योगदान हेतु दिया गया था.

डॉ ऐ पी जे अब्दुल कलाम सम्मान का वर्ष – पुरस्कार

  • 1981, पद्दम भूषण
  • 1990, पद्दम विभूषण
  • 1994, विशेष शोधकर्ता
  • 1997 , भारत रत्न
  • 1997, इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय एकता पुरस्कार
  • 1998, वीर सावकर पुरस्कार
  • 2000, रामानुजन पुरस्कार
  • 2007 , डॉक्टर ऑफ साइंस की मानद उपाधि
  • 2007 , किंग्स चार्ल्स 2 मेडल
  • 2008, डॉ ऑफ सांइस
  • 2009 , हूनद उपाधि
  • 2010, डॉ ऑफ इंजीनियरिंग
  • 2011, आई ई ई ई मानद मेंबर
  • 2012, डॉ ऑफ लॉज मानद उपाधि
  • 2014, डॉ ऑफ सांइस

डॉ. अब्दुल कलाम का निधन

27 जुलाई 2015 की शाम को डॉ कलाम शिलोंग में योग्य ग्रह पर भाषण दे रहे थे तभी उन्हें दिल का दौरा पड़ गया और वे जमीन पर गिर गये, उनको तुरंत अस्पताल भी ले जाया गया लेकिन वें नहीं बच पाये.

कलाम अक्टूबर में 84 साल के होने वाले थे. मेघालय के राज्यपाल उसी समय यह खबर सुनते ही अस्पताल आये और उनको तमाम चिकित्सा सुविधाएं देने के बाद भी वे जीवित नहीं रह पाये और शाम 7 बजकर 45 मिनट के आस-पास उनका निधन हो गया.

मृत्यु के बाद उनके शव को शिलोंग से गुवाहाटी लाया गया जहाँ से अगले दिन उनके शव को वायुसेना सेना के विमान से दिल्ली लाया गया. सुरक्षा बलों ने पुरे राजकीय सम्मान के साथ पालम हवाईअड्डे पर उनके पार्थिव शरीर को विमान से उतारा था. इस मौके पर नरेन्द्र मोदी, राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल व तीनों सेनाओं के प्रमुख मौजूद थे.

कलाम के पार्थिव शरीर को पुष्पहार अर्पित किये इसके बाद तिरंगे में लिपटे कलाम के पार्थिव शरीर को पुरे सम्मान के साथ, एक गन कैरिज में रख उनके आवास 10 राजाजी मार्ग पर ले जाया गया.

यहाँ पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी, राहुल गाँधी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सहित काफी गणमान्य लोग मौजूद थें. उनके सम्मान में भारत सरकार ने 7 दिनों का राजकीय शोक की घोषणा की थीं.

29 जुलाई की सुबह वायुसेना के विमान से उनके शव को गृह नगर मंडपम भेजा गया और भारत के पूर्व राष्ट्रपति को पुरे राजकीय सम्मान के साथ रामेश्वरम के. पी. करुम्बू ग्राउंड में दफना दिया गया.

स मौके पर देश – विदेश के नेताओं ने शोक संदेश भेजा और गहरा दुःख व्यक्त किया था. इस प्रकार भारत के पूर्व राष्ट्रपति और एक मिसाइल मैन हमारे बीच से चले गये और दुनिया को अलविदा कह दिया.

डॉ अब्दुल कलाम जैसे लोग इस संसार में न ही हुए हैं और न ही भविष्य में कोई पैदा होगा. एक महान व्यक्ति के तौर पर लोग उन्हें युगों-युगों तक याद करते रहेंगे. ऐसे महान आत्मा को मेरा शत-शत नमन.

Thanx For Reading A.P.J. Abdul Kalam Biography In HIndi

यह भी पढ़े : Collection On Best Hindi Biography

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Comments

  1. Naresh Suryawanshi says

    March 8, 2023 at 8:26 pm

    Apj अब्दुल कलाम साहब के महान विचारों को और उनके देश के प्रति किये काम को देश कभी नही भूल पायेगा, अब्दुल कलाम साहब हमेशा हमारे दिल मे थे और रहेगे.

  2. K Store says

    May 23, 2022 at 8:50 pm

    Very good information shared, thanks for this.

  3. Sumit Prajapati says

    June 20, 2021 at 10:36 am

    Great Biography of A. P. J. Abdul Kalam Sir, Thanks for share such type of precious info.

  4. *Chems tamang says

    September 20, 2018 at 3:36 pm

    Desh ke parti Apj abdul kalam sir ke jo abdan h wo hmlog kavi bhul nahi payenge..

    kalam sir hamesa desh ke yuva ko sapna dekhne ke k liye ahban krta tah ..mey jab v kalam sir ke books read krta hun toh mujhe iss bat ka ehsas hota h ki kalam sir hamesa sirf awr sirf desh ke liye sochta tah..unke liye desh hi sabse upr tah..
    thanks for sharing this biography

  5. pradeep tripathi says

    November 26, 2017 at 10:50 am

    Abdul kalam is a real insparing person

  6. sadhana says

    November 24, 2017 at 4:58 pm

    अब्दुल कलाम जी बहुत ही महान व्यक्ति हैं उनके जीवन से प्रत्येक युवा प्रेरणा ले सकता है।

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