भारत के विस्फोटक बल्लेबाज वीरेन्द्र सहवाग की जीवनी ! Virender Sehwag Biography Life In Hindi
कभी टीम इंडिया को बल्लेबाजी में तूफानी शुरुआत देने वाले वीरेन्द्र सहवाग भले ही आज टीम इंडिया में मौजूद न हो. लेकिन वीरेन्द्र सहवाग ने अपने क्रिकेट दौर में एक ऐसी पहचान बनाई जिसे आज भी हर क्रिकेट फैन याद करता है. Virender Sehwag भारत के सलामी बल्लेबाज और आक्रामक बल्लेबाज रहे हैं. प्यार से लोग उन्हें वीरू पुकारते हैं.
कई लोग उन्हें नजफगढ़ का नबाब भी बोलते हैं. सहवाग राईट हेंड के बल्लेबाज और राईट हेंड के ऑफ स्पिन गेंदबाज भी रहे हैं. सहवाग दो बार विजडन लीडिंग क्रिकेटर ऑफ ईयर भी चुने गयें थे. सहवाग ने पहला वनडे मैच 1999 में खेला ओर टेस्ट मैच 2001 में खेला था.

Virender Sehwag
पूरा नाम – वीरेन्द्र सहवाग
जन्म – 20 अक्टूबर, 1978, हरियाणा, भारत
उप नाम – वीरू, मुल्तान का सुलतान और नजफगढ़ का नवाब
पिता का नाम – किशन सहवाग
माता का नाम – कृष्णा सहवाग
भाई-बहिन – 4, दो बहिनें, दो भाई, बहिन- अंजू और मंजू और भाई – विनोद
शादी – आरती से 2004 में
बच्चे – 2 पुत्र
जाट – परिवार
कीर्तिमान – डॉन ब्रेडमैन और ब्रायन लारा के बाद सबसे ज्यादा तिहरा टेस्ट शतक लगाने वाले क्रिकेटर
वनडे खेला – 1999 में
टेस्ट – 2001 में
वनडे में हाई स्कोर – 219, एंड 92 विकेट, कैच – 69
टेस्ट में – 319, और 39 विकेट, कैच – 44
वीरेन्द्र सहवाग का निजी जीवन :
सहवाग का जन्म 20 अक्टूबर सन 1978 को हरियाणा में हुआ था. इनके पिता किशन सहवाग और माता कृष्णा सहवाग हैं. वीरू बचपन से क्रिकेट के काफी शौक थे. वर्तमान में सहवाग का परिवार दिल्ली के नजफगढ़ इलाके में रहते हैं. सहवाग की शादी आरती से हुई, इनके दो बच्चें हैं. सहवाग का उप नाम वीरू और मुल्तान का सुल्तान हैं. भारत के ही नहीं विदेशों के लोग भी वीरेन्द्र सहवाग की बल्लेबाजी के कायल हैं.
वीरेन्द्र सहवाग का क्रिकेट सफर :
सहवाग से पूरी दुनिया के गेंदबाज खौफ खाते थें. उनका खेलने का तरीका आक्रमक था. मैच की पहली गेंद से लास्ट तक एक ही तरीके से बल्लेबाजी करके गेंदबाजो की कमर तोड़ने में सहवाग माहिर थे. सभी लोग और दर्शक सहवाग की बल्लेबाजी देखने के लिये उत्सुक रहते थें. सहवाग ने इमरान खान से लेकर हेडली, अख्तर, मलिक, उमर गुल और लासित मलिंगा आदि गेंदबाज सहवाग से खौफ खाते थें.
सहवाग भारत के सफल सलामी बल्लेबाज रहे हैं और टीम को तेज और ठोस शुरुआत देते थें. जब तक सहवाग क्रीज पर होते थे तब विरोधियों के माथे पर चिंता की लकीरें होती थीं. सहवाग ने पहला वनडे मैच 1999 में पाकिस्तान के खिलाफ खेला था. यह दौरा सहवाग के लिये बहुत की मुश्किल भरा रहा. पहले मैच में 1 रन तथा बोलिंग में 3 ओवर में 35 रन दे डाले थे.
उसके बाद सहवाग को 2000 में टीम में होम सीरीज के लिये जिंबाब्वे के खिलाफ रखा गया, उसके बाद सहवाग को 2001 में श्रीलंका और न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे मैच खेलने का मौका मिला. सहवाग ने न्यूजीलैंड के विरुद्ध तेज शतक लगाया. भारत की तरफ से सिर्फ सहवाग ने दो बार तिहरा टेस्ट शतक लगाया हैं.
सहवाग ने वनडे में 228 मैच में 13 शतक और 36 हाफ सेंचुरी के साथ 7380 रन भी बनाये हैं. आक्रमक सहवाग ने अपना तेज खेलने का नमूना पेश किया और साउथ अफ्रीका के खिलाफ ग्वालियर भारत में 219 रनों का उच्चतम स्कोर बनाया. सहवाग ने वनडे का खेलने का तरीका टेस्ट मैचों में भी जारी रखा. सहवाग ने टेस्ट में 72 टेस्ट मैचों में 52.50 की औसत के साथ 17 शतक और 19 अर्द्धशतक लगाये हैं. कुल टेस्ट रन 6248 रन हैं.
क्रिकेट में वीरेन्द्र सहवाग द्वारा बनाये गये कुछ रिकार्ड्स :
*. 2010 में सहवाग ने न्यूजीलैंड के खिलाफ 60 गेंदों में वनडे शतक जड़ा.
*. टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में पहले विकेट के लिये साझेदारी 410 रनों की राहुल द्रविड़ के साथ.
*. एकदिवसीय मैचों 219 रनों की पारी.
*. टेस्ट में 2 बार तिहरा शतक.
*. टेस्ट मैचों में सहवाग ने सबसे तेज तिहरा शतक लगाया 278 गेंद में 319 टेस्ट पारी.
*. टेस्ट में सहवाग ने गेंदबाजी से भी एक बार कमाल दिखाया था, एक बार 5 टेस्ट विकेट सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी.
*. सहवाग के नाम वनडे और टेस्ट मैचों में तेज खेलने का विश्व रिकार्ड्स.
वीरेन्द्र सहवाग को पुरस्कार :
सहवाग के खेल और देश का नाम रोशन करने के लिये भारत सरकार ने उन्हें अर्जुन पुरस्कार से भी सम्मानित किया हैं. 2 बार विजडन लीडिंग ऑफ द ईयर.
वीरेन्द्र सहवाग पर रोचक तथ्य :
*. सहवाग ने खुद कहा हैं मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि टेस्ट है या वनडे.
*. वीरेन्द्र सहवाग ने अपने करियर की शुरुआत क्रिकेट से नहीं बल्कि एक फार्मेसी से की थी.
*. सहवाग को अपने माँ के हाथों से बना खीर पसंद हैं.
*. पाकिस्तान के मुल्तान में तिहरा शतक लगाने के लिये लोग उन्हें प्यार से मुल्तान का सुलतान कहते हैं.
*. बहुत ही कम लोगो को मालूम होगा कि सहवाग पहले टी-20 के कप्तान थे.
*. कुछ लोग सहवाग को दूसरा सहवाग कहते हैं. सहवाग सचिन तेंडुलकर को अपना आदर्श मानते हैं.
*. बहुत से टेस्ट मैचों को सहवाग ने टी-20 खेल बना दिया था.
*. वीरेन्द्र सहवाग ने 2011 के विश्व कप के मैचों में 5 बार पारी की शुरुआत चौकों से की थीं.
*. एकदिवसीय मैचों में 15 शतको में से 10 बार मैंन ऑफ द मैच के पुरस्कार से सम्मानित किये गये हैं.
*. सहवाग के बारे यह कहा जाता है की अगर वे 99 पर भी खेल रहे होते है तब भी वे सिक्सर मारकर शतक पूरा करेंगे और कई बार यह देखने को मिला हैं.
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