भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गाँधी की जीवनी !!!! Rahul Gandhi Biography In Hindi
राहुल गाँधी एक नेता और काँग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं तथा भारत की संसद के मेम्बर भी हैं. राहुल गाँधी लोकसभा में उत्तर प्रदेश के अमेठी से चुनाव लड़ते हैं. Rahul Gandhi गाँधी – नेहरू परिवार से ताल्लुक रखते हैं, आजकल राहुल अपना सारा ध्यान पार्टी की जड़ को मजबूत करने में लगे हैं.

राहुल गाँधी
पूरा नाम – राहुल गाँधी
जन्म – 19 जून 1970, नई दिल्ली, भारत
ननिहाल – इटली
पिता – राजीव गाँधी, भारत के पूर्व प्रधानमंत्री
माता – सोनिया गाँधी (मायका इटली)
दादा जी – फिरोज गाँधी
दादी माँ – इंदिरा गाँधी, भारत की पूर्व प्रधानमंत्री
ताऊ जी – संजय गाँधी
ताई जी – मेनका गाँधी
नाना जी – पंडित जवाहरलाल नेहरु
नानी जी – कमला नेहरु
बहिन – प्रियंका गाँधी
जीजा जी – रॉबर्ट वाड्रा
राजनैतिक पार्टी – काँग्रेस
ताल्लुक – नेहरु-गाँधी परिवार से
शिक्षा – हावर्ड विश्वविद्यालय के रोलिस कॉलेज कला में स्नातक और कैम्बिज विश्वविद्यालय से ट्रिनिटी कॉलेज से एम. फिल. की मानद उपाधि प्राप्त की
राहुल गाँधी का शुरूआती जीवन :
राहुल गाँधी का जन्म 19 जून 1970 को दिल्ली में हुआ था. राहुल गाँधी सोनिया गाँधी और राजीव गाँधी के ज्येष्ठ पुत्र हैं. राहुल की शुरूआती शिक्षा दिल्ली के सेंट् कोलंबस स्कूल में हुई और इंदिरा गाँधी इनकी दादी थीं.
राहुल गाँधी का शुरूआती करियर :
स्नातक की शिक्षा पूर्ण करने के बाद राहुल गाँधी ने प्रबंधन गुरु माइकल पॉटर की परामर्श कम्पनी में मोनिटर ग्रुप के साथ 3 साल तक कार्य किया. उसके बाद राहुल गाँधी 2002 में मुंबई में अभियन्त्रिकी और प्रौद्योगिकी से मिला हुआ एक कंपनी आउटसोर्सिंग कंपनीज बैकप्स सर्विसेस PVT लिमिटेड के निर्देशक मंडल के मेम्बर बन गये.
राहुल गाँधी का राजनैतिक कैरियर :
राहुल गाँधी 2003 में राजनीति में आये. एक बार अपनी बहिन प्रियंका गाँधी के साथ उन्होंने सद्भावना यात्रा की और वही से एकदिवसीय मैच देखने पाकिस्तान भी गये. 2004 में उनके और उनकी बहिन के राजनीति में प्रवेश के बारे में अटकले बढ़ गयी. राहुल गाँधी ने अपने पिता के निर्वाचन क्षेत्र अमेठी का दौरा किया. जहाँ से सोनिया गाँधी भी सांसद थी. 2004 में राहुल गाँधी अमेठी से चुनाव लड़े.
विदेशी मीडिया के साथ अपने पहले इन्टरव्यू में उन्होंने खुद को ” देश को जोड़ने वाली शख्सियत के रूप में पेश किया ”. सन 2006 में हैदराबाद में भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस के एक सम्मेलन में उनको एक महत्वपूर्ण लीडर की भूमिका के लिये प्रोत्साहित किया था. इसके बाद 2006 में बहिन प्रियंका गाँधी ने रायबरेली से पुनः सत्तारूढ़ होने के लिये अपनी माँ का चुनाव अभियान अपने हाथ में लिया. जिसके कारण वे 4,00,000 से अधिक मतों से विजयी हुई. 2007 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिये एक उच्च स्तरीय काँग्रेस अभियान में मुख्य भूमिका अदा की.
राहुल गाँधी को 2007 में पार्टी संगठन के एक फेर-बदल में अखिल भारतीय काँग्रेस समिति का महासचिव बनाया गया और साथ ही युवा भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ का कार्यभार भी दिया. 2009 में लोकसभा के चुनावों में राहुल ने अपने करीबी उम्मीदवार को हराया और अमेठी निर्वाचन क्षेत्र अपने पास ही रखा. इन चुनावों में पार्टी को उत्तर प्रदेश से 80 में से 21 सीटो पर जीत मिली. इसका ज्यादा श्रेय राहुल गाँधी को ही जाता हैं.
राहुल गाँधी की आलोचनाये :
राहुल गाँधी ने 1971 में पाकिस्तान के टूटने को अपने परिवार की सफलताओं में गिना. इस पर भारत के राजनीतिक दलों और पाकिस्तानी के लोगो ने काफी हंगामा किया. एक बार एक चुनाव अभियान में राहुल गाँधी ने कहा कि ” यदि कोई गाँधी और नेहरू परिवार से राजनीति के दौरान सक्रिय होता तो, बाबरी मस्जिद नहीं गिरी होती ” इस पर भी बीजेपी और अनेक पार्टियों ने जमकर गुस्सा निकाला. लोगो ने राहुल को कभी हिन्दू विरोधी और कभी मुस्लिम विरोधी पुकारा.
जनवरी 2009 में ब्रिटेन के विदेश सचिव डेविड मिलिबैंड के साथ उत्तर प्रदेश में अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र अमेठी के नजदीक एक गाँव में उनकी गरीबी पर्यटन यात्रा की गंभीर आलोचना की गयी. मुखर्जी और मनमोहन सिंह के साथ निजी मुलाकातों में उनके द्वारा किया गया आचरण इनकी सबसे बड़ी कूटनीतिक भूल मानी जाती हैं.
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राहुल गाँधी अभी देश के यंग लीडर है उन्हे बीजेपी में उबल रहे हिन्दू कटटरवाद का सामना प्रशासनिक क्षमता के साथ गाँधीवादी और नेहरूवादी चिंतन से आगे का दर्शन प्रयोग करना होगा पर यह परिवारवादी राजनीति के चलते स्थापित नहीं हो पा रहा है कांग्रेस को समाज शास्त्रीय सिंद्वांतो को समझकर आगे की सोशल वर्क कर नया समाज बनाए !