बस ! अब शुरू कर दो चलना तुम ! Let’s start you now Poem In Hindi By Best Poet Raj Kumar
बस आज से ही शुरू कर दो चलना तुम
चलते चलते गिरना और गिर कर संभलना तुम
मत देखो पीछे मुड़ कर अपने अतीत को
जो सुन सका न तेरे मन के गीत को.
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न इधर देखो न उधर देखो
सिर्फ भविष्य में कामयाबी का मंजर देखो
लो मान लिया तुम्हारा तीर निशाने से चुक गया है
मगर ये ना सोचो जीवन में कुछ और नहीं रखा है.
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समंदर में अब भी है मोती, सूरज में अब भी है ज्योति
उठो छू लो फलक को, दिखला दो सबको अपनी शक्ति
आज नहीं तो कल सही मिल जायेगी मंजिल तुझे
कभी हौसला न हारो नहीं तो सब कहेंगे बुजदिल तुझे.
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कह दो नाकामी से मैं तुझसे डरता नहीं
मंजिल पानि है तो पानि है बात से मुकरना नहीं
जब डगमगाने लगे कदम दिल पर हाथ रख के कहो
रुकना नहीं है झुकना नहीं है और चलते रहो.
– Raj kumar Yadav
Hindi Poem “बस ! अब शुरू कर दो चलना तुम – Best Poem On Goal हिंदी कविता !” यह कविता हमें भेजी है राज कुमार यादव जी ने गोपालगंज, बिहार से. राज कुमार यादव एक स्टूडेंट है और इनकी क्लास Isc ii year है. 15 जून सन 2000 को जन्मे राज कुमार गोपालगंज, बिहार में रहते है. राज कुमार जी को लिखने का बहुत शौक है.

Raj kumar Yadav
Raj kumar Yadav
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Email : rajkumaryadav.rky123@gmail.com
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राज कुमार यादव जी की अन्य कवितायेँ पढ़े : हिन्दी कविता संग्रह
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Aage badhne ke liye yah kavia prerit karti hai. Nice poem
Goal achieve karne me liye girne me bad uthna padta h. Inspiring poem.
Wah raj Ji apki bar poem prerna deti hai. Kaphi achi kavita hai