जन्माष्टमी का पर्व और भगवान श्री कृष्ण का जन्म – Shri Krishana Life Janmashtami In Hindi
Shri Krishana Life Janmashtami In Hindi
भारत एक त्योहारों का देश है जहाँ हर महीने कोई ना कोई त्यौहार आते ही रहते है और विश्व में सबसे ज्यादा त्यौहार भारत में मनाये जाते हैं. इन्ही त्योहारों में से एक त्यौहार हैं श्री कृष्ण जन्म लीला.
इस पर्व को लोग बड़े आस्था और विश्वास से देश-विदेश में मनाते है. श्री कृष्ण ने अपना अवतार श्रावण मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को आधी रात को अपने मामा राजा कंस के बंदीगृह में लिया था. इस दिन पूरा मथुरा नगर कृष्ण के रासलीला में रंग जाता हैं.

जन्माष्टमी पर्व
भारत में मंदिरों और घरो को फूलों से सजाते हैं और पूजा – पाठ तथा भजन और कीर्तन करते है. इस दिन छोटा-बड़ा हर आदमी व्रत लेता है और रात 12 बजे तक श्री कृष्णा के जन्म के बाद व्रत तोड़ते है तथा भजन और कीर्तन गाये जाते है. इस दिन लोग अपने घरो और आँगन को साफ रखते है तथा श्री कृष्ण के लिये लड्डू, मालाएं, कपड़े और पूजा की साम्रगी लाते है.
इस दिन उपवास का महत्व :
श्री कृष्ण माता देवकी जो अत्याचारी राजा कंस की बहिन थी उनसे इनका जन्म हुआ. इस दिन लोग व्रत लेते है व समाज में इस दिन को लेकर भी लोगो में अलग राय है.
कुछ लोग मानते है कि जो लोग इस दिन को व्रत नहीं लेते अगले जन्म में उनका जन्म गंदे कुल में होता है. परन्तु ये समाज की एक धारणा है लेकिन इस दिन भारत में लोग व्रत लेते है जो लोग भगवान पर विश्वास रखते हैं. व्रत लेने का समय सुबह से रात 12 बजे के बाद तक होता है और जब तक श्री कृष्णा का जन्म नहीं हो पाता, उसके बाद उनका व्रत टूटता है.
जन्माष्टमी एक पावन पर्व है जिसमे सभी हिन्दू लोग व्रत और भजन – कीर्तन द्वारा श्री कृष्णा की पूजा करते है. नयीचेतना के आप सभी पाठको को भी श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं.
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