रिश्तो को टूटने से कैसे बचाएँ ? How To Save Relationships In Hindi
एक शहर में एक डॉक्टर रहता था उसकी बेटी की अभी हाल में किसी दूसरे शहर में शादी हुई थी जिसका नाम रेनू था. रेनू के ससुराल में सिर्फ तीन लोग ही रहते थे, एक वो, दूसरा उसका पति और तीसरी उसकी सास. शादी के बाद ससुराल में कुछ समय तक तो ठीक रहा लेकिन कुछ समय बीतने के बाद रेनू और उसकी सास में आपसी खटपट होने लगी.
कुछ दिन बीते, कुछ महीने बीते.. लेकिन सास और बहू के सम्बन्ध सुधरने के बजाय पहले से और अधिक बिगड़ गये. एक दिन दोनों का झगडा इतना आगे बढ़ा की वे आपस में हाथापाई करने लगे. तब रेनू दुखी होकर अपने मायके चले गई और सोचने लगी की वह अपनी सास को सबक सीखा के रहेगी.

रिश्ते कैसे संभाले
अपने मायके आने पर उसने ससुराल की सारी बात अपने माता – पिता को बताई कि किस तरह उसकी सास उसकी हर काम में कमी निकालती है और उसे ताने मारती है. उसके पिता डॉक्टर थे तो उन्होंने रेनू को बोला, ” मेरे पास एक ऐसी दवाई है, जिसे अगर तुम अपनी सास को रोजाना खाने में मिला कर दो तो अगले 6 महीने में तुम्हारी सास गुस्सा करने के बजाय शांत रहना शुरू कर देगी.
रेनू यही चाहती थी की उसकी समस्या का कुछ समाधान निकले तो उसने पिता से बोला, ” ठीक है पिताजी, आप मुझे वह दवाई दे दीजिये.
उसके पिता बोले, ” दवाई तो मैं तुम्हे दे दूंगा, लेकिन तुम्हे वही करना होगा जैसा मैं तुमसे कहूँगा वरना इस दवाई का उल्टा असर होने पर तुम्हारी सास को कुछ भी हो सकता है.. अगर मंजूर है तो मैं दवाई देता हूँ.
रेनू बोली, ” ठीक है पिताजी.. आप जैसा कहोगे, मैं वैसा ही करूँगी.
डॉक्टर ने रेनू को कुछ पाउडर वाली दवाई दी और बोला , ” इसे अपनी सास के खाने में चुपके से सुबह – शाम मिला लेना और अपनी सास से आज से अच्छे से पेश आना, उनकी हर बात को मानना, अगर वह किसी बात पर डांटे तो पलटकर जवाब देने के बजाय चुपचाप सुन लेना.
रेनू अपने पिता से दवाई लेकर अगले दिन ही अपने ससुराल चले गई.
ससुराल में अब रेनू का व्यवहार एक दम बदल चुका था. वह अपनी सास की बहुत सेवा करने लगी, अपनी सास की हर बात मानने लगी व अपनी सास को हर दिन स्वादिष्ट खाना खिलाने लगी और जब सास उसे किसी बात पर डांटती तो वह अपनी पिता की बात याद रखकर चुप रहती.
अब समय बिता, कुछ महीने बीत जाने के बाद सास के व्यवहार में बदलाव आना शुरू हो गया. अब वह अपने बहु की बुराई करने के बजाय उसकी तारीफ़ करने लगी. वह जहाँ भी जाती अपने बहु रेनू के काम और व्यवहार की प्रशंसा करती. उधर, रेनू का व्यवहार भी नाटक करते – करते सच में बदल चुका था. अब सास – बहु का सम्बन्ध मधुर हो गये.
6 महीने बीतने के बाद रेनू अपने मायके गई और अपने पिता को सारी बात बताई और पिता को उनके द्वारा दी गई दवाई के लिए रेनू ने धन्यवाद किया.
रेनू की बात सुनकर उसके पिता हंसने लगे और बोले, ” बेटी ! दरअसल बात ऐसी है, यह सब मेरे दवाई से नहीं हुआ. मेरी दवाई तो बस स्वास्थ्य को सही करने वाला पाउडर था. यह सब बदलाव तुम्हारे दिमाग और नजरिये में बदलाव करने के कारण आया है. ऐसी आज तक कोई दवाई बनी ही नहीं.
लेकिन जो भी हो मैं बहुत खुश हूँ की तुमने अपनी सास की जो सेवा की और जो प्यार अपनी सास को दिया, उसके कारण तुम दोनों के आपसी सम्बन्ध बहुत ही मधुर हो गये है. अब अपने ससुराल जाओ और अपने पति व सास के साथ खुशहाली से जीवन बिताओ.
दोस्तों ! यह कहानी बहुत ही बड़ा सन्देश देती है की कैसे हम अपने रिश्तो को टूटने से बचा सकते है. अगर हम अपने रिश्ते में अपने अहंकार को, अपने घमंड को दूर कर दे और अपने नजरिये व दिमाग को सही रखे तो हम किसी भी रिश्ते को बहुत ही खास बना सकते है.
हमें अपने रिश्ते में दुसरे से बिना किसी उम्मीद के उसे अपना स्नेह व प्यार देना चाहिए.. और आये दिन होने वाली छोटी – छोटी बातो को इग्नोर करना चहिये. ऐसा करने पर हमारा रिश्ता न सिर्फ टूटने से बचेगा बल्कि उस रिश्ते में ऐसी ताकत होगी जो किसी भी तूफान के आने पर भी टूट नहीं पाएगी.
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निवेदन- आपको Rishto Ko Tutne Se Kaise Bachaye Best Hindi Story ! How to save relationships from broken Story In Hindi / सास और बहु ! रिश्तो को टूटने से कैसे बचाएँ हिन्दी प्रेरक कहानी पढ़कर कैसा लगा. आप हमें Comments के माध्यम से अपने विचारो को अवश्य बताये. हमें बहुत ख़ुशी होगी.
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Sahi bat hai aapki
ख़ूबसूरती से बुनी गयी शिक्षाप्रद सुन्दर कहानी
thank you such a great post… its very nicr story to read this blog.
rishto ko sambhale ke liye aapki post bahut hi khas lagi.. aise hi likhte rahe