नोबल पुरस्कार विजेता मलाला युसुफजई की जीवनी !! Nobel Prize Winner Malala Yousafzai Biography In Hindi
मलाला युसुफजई सबसे कम उम्र में नोबल पुरस्कार जितने वाली विश्व की पहली इंसान हैं. मलाला ने आतंकवादियों से लोहा लिया था और जंग लड़ी थी. वह सन 2012 में आतंकवादियों की गोलियों की शिकार बनी थी तथा बुरी तरह घायल हुई थीं. तभी वे इंटरनेशनल मीडिया में ब्रेकिंग न्यूज़ बन गई.

Malala Yousafzai
नाम – मलाला युसुफजई
जन्म – 12 जुलाई सन 1997, मिंगोरा, पाकिस्तान
जाति – पठान
शिक्षा – 10वी
चर्चा में – महिला अधिकार और शिक्षाविद् तथा कार्यकर्ता
धर्म – सुन्नी इस्लाम
पुरस्कार – पाकिस्तान का राष्ट्रीय शांति युवा पुरस्कार और अन्तराष्ट्रीय बाल शांति पुरस्कार तथा नोबल पुरस्कार
मलाला युसुफजई का बचपन :
मलाला युसुफजई का जन्म पाकिस्तान के मिंगोरा में 12 जुलाई 1997 को हुआ था. बचपन से मलाला डायरी और लेख लिखती थीं. सन 2009 में तालिबान ने मिंगोरा पर अपना अधिकार जमा लिया था, तब पाकिस्तान ने उस क्षेत्र पर नियंत्रण रखा था. मालाला युसुफजई जब 11 साल की थी तब से मलाला ने अपनी डायरी में लिखा हैं, जिसमें उसने कहा हैं कि स्वात प्रान्त में तालिबानी के लोग अपराधों को अंजाम देते हैं.
मलाला ने अपने इस दर्द को एक डायरी में वयक्त किया हैं. मलाला ब्लॉग भी लिखती हैं, मलाला उन स्कूल के बच्चों में से हैं जहाँ तालिबान इन बच्चों को स्कूल जाने से रोकता था. तीन साल तक तालिबान ने स्वात घाटी के लड़कियों को स्कूल जाने पर प्रतिबंद लगा दिया था लेकिन डायरी के माध्यम से मलाला ने लोगो को जागरूक किया. मलाला ने 2009 में एक डायरी बीबीसी उर्दू के लिये लिखी थीं जिसमे लिखा था कि तालिबानियों ने टेलीविजन देखने और लड़कियो को स्कूल जाने में रूकावट पैदा कर रखी है.
मलाला युसुफजई को जान से मारने का प्रयास :
मलाला युसुफजई ने तालिबान के फरमान के बावजूद लड़कियो को शिक्षित और लोगो को जागरूक करने का अभियान चला रखा था और तालिबानी आतंकवादी इसी बात से नाराज थे. आतंकवादियों ने अपनी लिस्ट में छोटी सी उम्र वाली मलाला को मारने का प्लान बना रखा था. आतंक के इस खेल में मलाला बाल-बाल बचीं.
अक्टूबर 2012 में स्कूल से घर लौटते वक्त आतंकवादियों ने घात लगाकर मलाला पर गोलियां चला दी जिससे वह घायल हो गयी थीं और हमले की जिम्मेदारी आतंकी गुट टी. टी. पी. ने ली थीं. हमले के तुरंत बाद मलाला को ब्रिटेन ले जाया गया जहाँ कड़ी मेहनत के बाद उनका इलाज हुआ और उनकी जान बच गयी.
मलाला युसुफजई को पुरस्कार और सम्मान :
मलाला को अत्यंत प्रतिकूल परिस्थितयों में शांति को बढ़ावा देने और साहस का परिचय देने के लिये पहली बार 2011 में पाकिस्तान सरकार द्वारा राष्ट्रीय युवा शांति पुरस्कार दिया गया था|. पुरस्कार वितरण के मीडिया कर्मियों से बातचीत में मलाला ने शिक्षा पर केन्द्रित एक राजनीति पार्टी बनाने का इरादा रखा. पाकिस्तान सरकार ने मलाला को और सम्मान देते हुए कुछ गर्ल्स स्कूलों को मलाला के नाम पर मलाला युसुफजई सरकारी गर्ल्स सेकेंडरी स्कूल नाम दिया गया.
अन्तराष्ट्रीय बाल शांति पुरस्कार 2013 :
2011 में मलाला युसुफजई को अन्तराष्ट्रीय स्तर पर बच्चों को आगे ले जाने और किड्स राइट्स फाउंडेशन ने मलाला युसुफजई को बाल शांति पुरस्कार प्रदान करने के लिये अपनी लिस्ट में मलाला का नाम रखा था लेकिन यह पुरस्कार साउथ अफ्रीका की एक लड़की को मिला. यह पुरस्कार हर साल बच्चों के अधिकारों के लिये संस्था दुनिया भर से कोई एक लड़की चुनता हैं.
मैक्सिको का समानता पुरस्कार :
यह पुरस्कार बिना जाति, उम्र और लिंग के भेदभाव के बिना शिक्षा के अधिकारों के दिया जाता हैं.
मलाला युसुफजई को नोबल पुरस्कार 2014 :
बच्चों और युवाओं के दमन के खिलाफ आवाज उठाने और सभी को शिक्षा के अधिकार के लिये तथा उनके योगदान के लिये भारतीय समाजसेवी कैलाश सत्यथी के साथ जॉइंट रूप से विश्व का शांति नोबल पुरस्कार दिया गया. यह पुरस्कार 10 दिसम्बर सन 2014 को नार्वे में आयोजित एक समारोह में दिया गया.
सिर्फ 17 साल की एक पाकिस्तानी मुस्लिम लड़की ने शांति नोबल पुरस्कार जीता सभी लोगो ने खड़े होकर मलाला युसुफजई का तालियों से वेलकम किया और यह एक रिकार्ड बन गया जिसमें कोई कम उम्र में नोबल पुरस्कार का विजेता बना हों.
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