प्रथम महिला प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की जीवनी ! Benajir Bhutto Life History In Hindi
दोस्तों ! विश्व में कई शक्तिशाली महिलाओ ने समय – समय पर अपने नाम का डंका बजाया है और महिला शक्ति का परिचय दिया है. ऐसी ही शक्तिशाली महिलाओं में एक बहुत खास नाम हैं और वह नाम है बेनजीर भुट्टो. Benajir Bhutto एक पाकिस्तान की जानी-मानी नेता थीं. बेनजीर भुट्टो किसी भी मुस्लिम देश की पहली महिला प्रधानमंत्री थीं और दो बार चुनी जाने वाली इकलौती प्रधानमंत्री रहीं. वे पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी और इस्लाम धर्म शिया शाखा की अनुयायी थीं. उनकी एक रैली में राजनैतिक रंजिश के कारण हत्या कर दी गई.

बेनजीर भुट्टो
बेनजीर भुट्टो का जीवन परिचय :
भुट्टो जी जन्म 21 जून सन 1953 को कराची के एक धनी जमींदार परिवार में हुआ था. वे पूर्व प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो की पहली पुत्री थीं. इनकी माता का नाम बेगम नुसरत भुट्टो था. जुल्फिकार अली भुट्टो सिंध प्रान्त (पाकिस्तान) के निवासी थे और इनकी माता मूल रूप से ईरान की एक मुस्लिम महिला थीं. इनके बाबा सर शाह नवाज भुट्टो लरकाना, भुट्टोकला गावं के निवासी थे जो अब लरकाना प्रांत (हरियाणा) भारत में है. इनका विवाह 18 दिसम्बर सन 1987 को आसिफ अली जरदारी के साथ हुआ.
आसिफ अली जरदारी एक सिंध प्रांत के शाही परिवार से ताल्लुक रखतें है और एक सफल व्यापारी है. बेनजीर भुट्टो के 3 बच्चें हुए जिनमे एक लड़का व दो लड़कियां है. इन संतानों में बिलाबल बड़े है. दो लड़कियां बख्तावर और असीफा छोटी है. इनकी शुरआती शिक्षा लेडी जेनिंग नर्सरी और कान्वेंट जीजस एंड मेरी स्कूल कराची शहर में हुई.
15 साल की उम्र में इन्होने कराची से ग्रामर में ‘ओं ‘ लेवल की परीक्षा पास की और 16 साल की उम्र में बेनजीर भुट्टो अमेरिका चली गई, अमेरिका से 1969 से 1973 तक रैड्क्लिफ कॉलेज से पढाई की व बाद में हार्वड विश्वविद्यालय से कला की शिक्षा प्राप्त की. उसके बाद इंग्लैंड से ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय में अन्तर्राष्ट्रीय कानून, दर्शन, राजनीति आदि विषयों का ज्ञान प्राप्त किया. वही से ऑक्सफ़ोर्ड में अध्ययन के दौरान ऑक्सफ़ोर्ड यूनियन की अध्यक्ष बनने वाली पहली एशिया महिला बन गई.
पढाई पूरी करने के बाद देश लौटना :
अमेरिका और इंग्लैंड में पढाई करने के बाद Benajir Bhutto सन 1977 में पाकिस्तान अपने वतन पहुंची. लेकिन वतन वापसी के कुछ दिनों के बाद दुर्भाग्य वश इनके पिता व उस समय के प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो की सरकार गिर गई. सन 1977 के समय एक बहुत ही दयनीय घटना घटी, जब उनके पिता चुनाव जीतकर सत्ता में आये, पर उनपर एक कलंक यह लगा कि उन्होंने चुनाव में गड़बड़ी की है. उनके पिता के खिलाफ विरोध होने लगा और इसी का फायदा उस समय के सेना प्रमुख जनरल जिया उल हक ने उठाया और जुल्फिकार अली भुट्टो को बंदी बना के नजर बंद कर दिया.
Benajir Bhutto Ki Jeevani Hindi Me
जनरल जिया उल हक ने शासन की बागडोर अपने हाथ में ले ली और जुल्फिकार पर अपने सहयोगियों की हत्या का आरोप लगा और 4 अप्रैल 1979 में उनके पिता को फांसी दे दी गई और पाकिस्तान सैनिक सरकार ने बेनजीर को भी हिरासत में ले लिया. इन्हें सन 1979 से 1984 तक कैद हुई. सन 1984 में बेनजीर रिहा हुई और उन्हें विदेशी वीजा मिल गया, इसके बाद वे लंदन जाकर रहने लगी.
सन 1985 में बेनजीर के भाई शाहनवाज की मौत हो गई और अपनी भाई की अंतिम क्रिया के लिए बेनजीर भुट्टो पाकिस्तान पहुचीं. जहाँ एक बार फिर सैनिक सरकार के विरोध में चल रहे प्रदर्शन के नेतृत्व के आरोप में उन्हें फिर गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन जल्दी ही उन्हें रिहा कर दिया गया. इसके बाद वहां आम चुनावों की घोषणा की गई.
चुनावी सत्ता और प्रधानमंत्री का पद :
वे सन 1988 में भारी मतों से चुनाव जीतकर आयी और पहली बार कोई महिला प्रधानमंत्री बनी और यह इतिहास बन गया. इतने कष्ट झेलने के बाद भी बेनजीर ने कभी हिम्मत नहीं हारी और एक इस्लामिक देश की महिला प्रधानमंत्री बनी. सत्ता में आने के बाद दो सालो में उस समय के तत्कालीन राष्ट्रपति गुलाम इश्क खान ने इन्हें बर्खास्त कर दिया. सन 1993 में फिर आम चुनाव हुए और इस बार भी बेनजीर जीत के आयी. सन 1996 में उनपर भ्रष्टाचार का आरोप लगा जिस कारण उन्हें बर्खास्त किया गया.
Benajir Bhutto Biography In Hindi
इस तरह वे दो बार चुनाव जीतकर आयी और दोनों बार ही उनकी सरकार गिर गई. परन्तु उस समय तक उनकी लोकप्रिय नेता की छवि देश-विदेश में हो चुकी थी, दो बार सत्ता में आने के बाद लोग उनको दूसरी छवि में देखने लगें. बेनजीर का सत्ता में गिरना इसके पीछे उनके पति आसिफ अली का हाथ माना जा रहा था, जिन्हें भी कई कारणों से जेल जाना पड़ा था. उसके बाद कई बार भ्रष्टाचार के आरोप लगने के कारण सन 1999 में बेनजीर पाकिस्तान छोड़कर दुबई में रहने लगी. इसके बाद सैनिक सरकार ने उन पर लगे आरोपों की जाँच की और उन्हें निर्दोष पाया.
18 अक्टूबर 2007 को वे फिर वतन लौटी. वतन वापसी पर वे एक रैली को संबोधित कर रही थी लेकिन उसी समय दो आत्मघाती हमले हुए जिसमे 150 से ज्यादा लोग मारे गए लेकिन बेनजीर बाल-बाल बच गई. इसके कुछ ही दिन बाद 27 दिसम्बर 2007 को एक रैली में उनकी हत्या का दी गई, उनकी हत्या तब हुई. जब वह गाड़ी में बैठ रही थीं. इस मौत से पाकिस्तान बर्बाद हो गया और तब से उन्हें सही ढंग का नेता नही मिल पाया.
बेनजीर भुट्टो की हत्या कैसे हुई :
बेनजीर भुट्टो की हत्या अब तक एक रहस्य बना हुआ है. पहले तो ये माना गया कि हत्या विस्फोट से हुई, उसके बाद पाकिस्तान सरकार का एक बयान आया, सरकार बोलती है कि हत्या न तो विस्फोट से हुई और न ही बंदूकधारी से, बल्कि इनकी मौत विस्फोट के आवाज से हुई. मौके पर मौजूद लोगो का कहना है कि उनकी मौत छर्रे लगने से हुई. मीडिया में एक विडियो में देखा जा सकता हैं कि कोई एक आदमी बेनजीर के ओर जाता है उनको 4 गोलियां छाती में मार देता हैं व बाद में विस्फोट होता हैं. तो इस तरह से बेनजीर भुट्टो की मौत का सच पूरा बाहर नहीं आ सका.
अपने जीवन काल में बेनजीर भुट्टो ने दो किताबें लिखी.
*. फॉरेन पॉलिसी इन पर्स्पेक्त्व.
*. पूरब की बेटी.
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benajir achhi leader thi bs pak ki kismat achi nahi hai jo achi leader kho di