नन्हा सा बच्चा हिन्दी कविता (बृजमोहन स्वामी “बैरागी”) Nanha Sa Bachha Hindi Poem
कुछ दिन पहले तक
“सावधानी” महज़ एक शब्द था,
और “अकाल म्रत्यु” दैवीय कारण।
उन्होंने
दस बारह की पोती के हाथ में
बच्चा दे उसे झूले पर बैठा दिया,
सड़क पर चलती एक भीड़ वाली जुलुस क्रान्ति
नारे लगा रही थी – हमें आज़ादी चाहिए।
भीड़ और दंगे से उपजी एक गोली
सीधी बच्ची को लगी और …
क्या आप अपने ऊपर की
म्रत्यु को एक नाटक में बदल सकते है ?
मैंने डायरी में लिखा-
म्रत्यु एक आज़ादी है।
गोली,
आदमी को पकड़े या मौत को?
या कि वे भूल गए हैं
कि नन्हा सा बच्चा
एक ही हाथ के सहारे था।
वक़्त के सबसे बड़े हिस्से में
हमने अपनी आज़ादी गंवाई है
उसके बाद सोच
और सबसे अंत में आई क्रूरता।
शायद यही कारण है
कि अधिक दुःख या सुख
में होने पर मृत्यु को गले लगाना
भी एक मुहावरा सा है,
जो हम गलियों में रटकर याद करने की बजाय
वारदात की जगह पर छोड़ आते हैं।
या तो लोग खुश हैं
या लोग दुखी हैं
अगर आप और मैं एक आँख से देखें
तो ये दोनों स्थितियाँ एक दूसरे का प्रतिबिम्ब भी मानी जा सकती हैं।
कायनात की सारी औरतें
नही रुलाई जा सकती
एक शब्द में
सारे पुरुष निहत्ते नही किये जा सकते
एक आवाज़ में
और पत्थरों में दर्द
घसीटकर नही लाया जा सकता,
क्योंकि मृत्यु के बाद कोई हानि नहीं पहुँचाई जा सकती।
मैं शुक्रगुज़ार हूँ उन वैज्ञानिकों का
जिनको
नकली कोख बनाने में सफलता मिली है।
इससे कि समय से पहले
पैदा होने वाले बच्चों को…
बचाया जा सके।
आज़ादी,
बच्चों की मौत और गोलियों की आवाज़
से पैदा नही हो सकती।
विडम्बना यही है कि मेरा और उनका
लक्ष्य “सावधानी” नही है।
एक आदमी
बार बार कैमरे के सामने
आकर कहता है-
फूँक…फूंक…फूंक
फूंक दे रे !!!
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– बृजमोहन स्वामी “बैरागी”
© कॉपीराइट
Hindi Poem “नन्हा सा बच्चा” यह कविता हमें भेजी है बृजमोहन स्वामी “बैरागी” जी ने राजस्थान से. बृजमोहन स्वामी जी हिंदी और राजस्थानी भाषा के विद्वान, कवि एवं लेखक हैं. साहित्य के क्षेत्र में ये कवि बृजमोहन स्वामी “बैरागी” नाम से लिखते हैं. बृजमोहन स्वामी का जन्म 20 जुलाई सन् 1995 को बरवाली, नोहरहनुमानगढ़, राजस्थान में हुआ. Kavi Bairagi के बारे में अधिक जानने के लिए पढ़े : Wikipedia
बृजमोहन स्वामी “बैरागी”
Email : Birjosyami@gmail.com

बृजमोहन स्वामी “बैरागी”
नयीचेतना.कॉम में ” नन्हा सा बच्चा कविता ” Share करने के लिए बृजमोहन स्वामी “बैरागी” जी का बहुत-बहुत धन्यवाद. हम बृजमोहन स्वामी “बैरागी” जी को बेहतर भविष्य के लिए शुभकामनायें देते है और उम्मीद करते है की उनकी कवितायेँ आगे भी इस ब्लॉग पर प्रकाशित होंगी.
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