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मेरा बचपन का दोस्त ! Hindi Poem By Kavi Bairagi

May 28, 2017 By Surendra Mahara Leave a Comment

Mera Bachpan ka Dost Hindi Poem मेरा बचपन का दोस्त ! हिन्दी कविता (बृजमोहन स्वामी “बैरागी”)

 

Mera Bachpan ka Dost, Hindi Poem, मेरा बचपन का दोस्त !

————————

आत्महत्या के कई ख्याल,

मेरे दिमाग में आते हैं उस तरह

जैसे बच्चों को

अपने खिलौनों के आते है।

खुद को बौना महसूस करता हूँ

हर उस सेकण्ड

जब भी जीवन-मृत्यु के चक्र के बीच देखता हूँ

इतिहास में मरे हुए लोग।

बना रहा था एक चित्र,

मोनालिसा की बहन का/और

मेरी होने वाली बेटी को पीले रंग के ब्रश से प्यार है।

इस वक़्त हमारे घर के एकमात्र टीवी में बना हुआ था माहौल/

इटली के भूकंप का।

टीवी की धारारेखीय शक्ल ने रिपोर्टर के वाक़् यन्त्र का सहारा लेकर बताया,

“एक सो सोलह लोगों की मौत”

मोनालिसा की बहन

बन गयी उसकी मौसी की शक्ल में;

और बेटी के हाथ ने

जानबूझकर गिरा दिया

रंग का डिब्बा/मेरी बेटी के हाथ पीले हो गए

(समय से सोलह साल पहले)

जब भी मेरे दाँतो पर रगड़ खाता है;

पेप्सोडेंट का चिपचिपा पदार्थ,

तो हंस देता हूँ

“ब्रह्माण्ड की तीन चीजों पर”

मेरे कुतुबमीनारनुमा कमरे की

रोती हुई दीवार पर

राजगुरु और सुखदेव की आधी रंगीन फ़ोटो के बीच लटकी हुई एक कील

मुझे हंसते हुए कई बार देख लेती है।और मुझे वह इंसान बहुत पैसे वाला लगता है,

जो पैंसठ रुपये में

बीच वाली फ़ोटो खरीद ले गया था।

मुझे मंगलवार का दिन;

दिन जैसा नही लगता।

हनुमान जी की करोड़ों फोटोज पर

चढ़ाये गए चांदी के कई गोल्ड पेपर।

उधर

एक मन्दिर के पीछे,

मां की कोख में मर गया भावी आइंस्टीन।

उसमे कैल्सियम की कमी नही थी।सिल्वर, गोल्ड और कैल्सियम

ब्रह्माण्ड के यही वे तीन तत्व थे।

जब भी कोई आधे आदमी

या

पूरी औरतें,

दिमाग तेज करने का सबसे आसान उपाय ढूंढता है

तो मुझे

अपने सातवीं क्लास के दोस्त

सलमान की याद आती है।

क्या आपको पता है,

एक जिन्दा आदमी का दिमाग बहुत नर्म होता है

और इसे चाकू से/ आसानी से

काटा जा सकता हैं।

सलमान पानी पीकर मरा था,

वो स्कूल के दिन थे,

और मैं अनपढ़ था।

जब भी किसी ऊंट के मूहँ में जीरा देखता हूँ तो थोड़ी बहुत कविता लिखना सीख लेता हूँ।

गरीब आदमी हूँ साहब,

मैं किसी कॉफी अन्नान को नही जानता।

—————————-
– बृजमोहन स्वामी “बैरागी”
© कॉपीराइट

Hindi Poem ” मेरा बचपन का दोस्त ” यह कविता हमें भेजी है बृजमोहन स्वामी “बैरागी” जी ने राजस्थान से. बृजमोहन स्वामी जी हिंदी और राजस्थानी भाषा के विद्वान, कवि एवं लेखक हैं. साहित्य के क्षेत्र में ये कवि बृजमोहन स्वामी “बैरागी” नाम से लिखते हैं. बृजमोहन स्वामी का जन्म 20 जुलाई सन् 1995 को बरवाली, नोहरहनुमानगढ़, राजस्थान में हुआ. Kavi Bairagi के बारे में अधिक जानने के लिए पढ़े : Wikipedia

बृजमोहन स्वामी “बैरागी”

Email : Birjosyami@gmail.com

नयीचेतना.कॉम में ” मेरा बचपन का दोस्त कविता ” Share करने के लिए बृजमोहन स्वामी “बैरागी” जी का बहुत-बहुत धन्यवाद. हम बृजमोहन स्वामी “बैरागी” जी को बेहतर भविष्य के लिए शुभकामनायें देते है और उम्मीद करते है की उनकी कवितायेँ आगे भी इस ब्लॉग पर प्रकाशित होंगी.

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