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विदुर नीति : ये 6 काम आपको जीवनभर दुःख ही देते रहेंगे !

April 14, 2017 By Surendra Mahara 3 Comments

विदुर नीति – 6 काम करने से कभी भी आपको ख़ुशी नहीं मिल सकती ! Vidur Neeti – 6 Kaam Karne Se Hmesha Dukh – Dard Hi Milta Hai ! 

महाभारत की कथा के महत्वपूर्ण पात्रो में से एक महात्मा विदुर को भारत के महान विद्वानों में गिना जाता है. विद्वान विदुर महाभारत के केंद्र बिंदु थे. वे हस्तिनापुर के प्रधानमंत्री थे और कौरव व पांडवो के काका थे. वे धृतराष्ट्र व पांडू के भाई थे. इनका जन्म एक दासी के घर में हुआ था. इन्हें धर्मशास्त्री भी कहा जाता है.

इन्हें खास तौर पर विदुर नीति के लिए जाना जाता है जिसमे इन्होने जीवन – युद्ध की नीति, जीवन-प्रेम, जीवन – व्यवहार की नीति के बारे में सार्थक व्याख्या की है. महात्मा विदुर ने अपनी नीतियों में कई महत्वपूर्ण बातें बताई है. आज मैं यहाँ पर विदुर जी द्वारा बताई गई 6 ऐसी बातें बता रहा हूँ जो हमेशा आपको दुःख ही देंगी.

Vidura-niti-In-Hindi

            Vidur Neeti

विदुर नीति : ये 6 काम आपको जीवनभर दुःख ही देते रहेंगे !

दूसरो से ईर्ष्या करना :

महात्मा विदुर कहते है की जो मनुष्य दूसरो के प्रति ईर्ष्या भाव रखता है वह कभी भी खुश नहीं रह सकता. ऐसा व्यक्ति जब भी किसी के साथ अच्छा होते हुए देखता है तो वह दुखी हो जाता है व मन ही मन दूसरो के प्रति तुच्छ विचार रखने लगता है. दूसरो के प्रति ईर्ष्या भाव रखने से हम कभी भी खुश नहीं रह सकते.

इस दुनिया में हर व्यक्ति ख़ास है और हर किसी में कुछ न कुछ अच्छाई जरुर होगी. पर अगर व्यक्ति का Mindset दूसरो की ख़ुशी देखकर ईर्ष्या करने वाला हो जाता है तो उस व्यक्ति की सारी खुशियाँ खत्म हो जाती है. इस अवस्था में व्यक्ति तभी खुश हो पाता है जब दूसरे लोगो के साथ बुरा हो रहा होता है. इसलिए दूसरो से ईर्ष्या करना आपकी भी प्रकृति है तो उसे जल्दी से जल्दी दूर कर ले व दूसरो से जलने के बजाय उनसे कुछ सीखे.

दूसरो का तिरस्कार करना :

विदुर जी कहते है की जो व्यक्ति दूसरो का तिरस्कार या घृणा करता है वह कभी भी खुश नहीं रह सकता. ऐसा व्यक्ति हमेशा ही प्रसन्नता से दूर रहता है और अपनी ज़िन्दगी में हमेशा इकलौता रह जाता है. हम जब भी दूसरो का तिरस्कार करते है तो ऐसा करके दुसरे की आत्मा को ठेस पहुंचा देते है. इससे वह व्यक्ति आगे चलकर कभी भी हमारी Respect नहीं करेगा. जिस व्यक्ति का स्वभाव दूसरो से घृणा करने वाला होता है उस व्यक्ति से हर कोई दूर होता जाता है.

ऐसे लोगो के अंदर नेगेटिविटी कूट – कूट कर भरी रहती है जिस कारण इनके साथ कोई रहना नहीं चाहेगा. इसलिए कभी भी दूसरो का तिरस्कार न करे. दूसरो की अच्छाई पर ध्यान दे. उनसे घृणा करने के बदले उनसे प्रेम करे. तभी आप खुश रह पाओगे. वो कहते है न ” अगर आप दूसरो के चेहरे पर ख़ुशी लाओगे, तभी आपको भी सच्ची ख़ुशी नसीब होगी.

Read Also : चाणक्य नीति – चाणक्य की 10 बातें जो आपका जीवन बदल सकती है !

क्रोध करने वाला व्यक्ति :

क्रोधित इंसान इस संसार में सबसे भयंकर विस्फोट होता है जिसके फटने से कुछ न कुछ नुकसान तो पक्का ही समझो. ऐसे इंसान कब अपनी लाइफ में क्या खो दे.. इनको खुद इसका अहसास नहीं होता. जो व्यक्ति हमेशा गुस्से से भरा हुआ रहता है उसका साथ कोई भी पसंद नहीं करता. यहाँ तक की उसकी फैमिली व दोस्त भी उससे कटने लग जाते है. इस तरह व्यक्ति अकेला हो जाता है. इस दुनिया का नियम है की ” जो व्यक्ति अकेला रहता है उसके आस – पास खुशियाँ भटकती भी नही है.

गुस्सा आना या करना इसमें बहुत बड़ा अंतर होता है. अधिकतर लोग अपने Ego या खुद की कमी से तंग आकर दूसरो पर जबरदस्ती गुस्सा हो जाते है. जिसका नतीजा होता है – तनाव, मारपीट, रिश्तो को खोना व जीवन की बर्बादी. इसलिए क्रोध को अपनी ज़िन्दगी की किताब से हमेशा के लिए निकाल दे. गुस्सा होना कभी खत्म नही हो सकता लेकिन गुस्से को कण्ट्रोल किया जा सकता है. यह इतना भी मुश्किल नहीं है अगर अपने विवेक का सही इस्तेमाल किया जाए तो. इसलिए खुश रहना है तो गुस्से को गुडबाय कहे.

हमेशा दूसरो पर शक करना :

दूसरो पर शक करना.. ऐसी बुरी आदत जिसने लाखो रिश्तो को सिर्फ शक होने के कारण खत्म किया है. शक की आदत इतनी बुरी है जिसका अंत हमेशा बुरा होता है. एक बार इंसान के अंदर शक का बीज आ गया तो समझ ले की वह रिश्ते के पौधे को खुद ही काटने वाला है. शक्की इंसान हमेशा नकारात्मक चीज खोजता रहता है जिस कारण छोटी सी छोटी बात पर वह चिडचिडा हो जाता है.

वह एक ऐसा जासूस बनने लग जाता है जो अपनी बुद्धी से नहीं बल्कि अपने मन से चलता है… और यह मन उसे एक गहरे कुंवे की ओर धकेल देता है. यह हमेशा याद रखो की अगर आप किसी पर विश्वास नहीं कर सकते तो ऐसा कोई भी रिश्ता न बनाओ जिससे आप कोई उम्मीद रखो. यह दुनिया विश्वास से चलतीहै, अगर आप किसी पर विश्वास नहीं कर सकते तो यह दुनिया आपके लिए नहीं बनी.

अगर एक पति अपनी पत्नी पर, मालिक – नौकर पर, छात्र – शिक्षक पर, बच्चे – पेरेंट्स पर, जनता – सरकार पर शक करने लगेगी तो इस दुनिया का चलना असम्भव हो जायेगा. इसलिए अपने विवेक से इस बात को समझो की शक करने का अंजाम क्या होगा. अपनी लाइफ में कभी भी सिर्फ शक लेकर आगे न बढे. कोई बात अगर होती भी है तो उसे बातचीत से हल करे न की शक करके. वरना यह शक आपकी ज़िन्दगी के हर पल से खुशियाँ छिनकर आपकी ज़िन्दगी नरक बना देगा.

Read Also : 3 बुरी लत जो आपकी ज़िन्दगी बर्बाद कर सकती है 

अपने जीवन में संतोष न कर पाना :

विदुर जी कहते है की अगर किसी व्यक्ति में संतोष नहीं होगा तो वह एक धनवान व्यक्ति होने के बावजूद भी हमेशा सुख व खुशियों से दूर ही रहेगा. इस जीवन में आपको एक समय के बाद कही रूककर संतोष करना ही पड़ेगा.. वरना अगर आपके मन में कोई अभिलाषा रहेगी तो वह आपके दुःख की सबसे बड़ी वजह बन जायेगी. अपने जीवन को सुखी बनाने के लिए अभिलाषा करना सही है लेकिन जब आप अपनी ज़िन्दगी में सब कुछ पा लेते हो और आपकी ज़िन्दगी खुशियों से भरी हुई खुशहाल बन जाती है तो उसके बाद असंतोष न करे. कही यह असंतोष आपको आपके पास सबकुछ होते हुए भी कंगाल न बना दे.

अगर एक इंसान अपनी लाइफ में पैसे की कमी को दूर करने के लिए हमेशा मेहनत करता है और कुछ समय बाद अगर उसके जीवन में पैसो की बिलकुल भी समस्या नहीं रहती.. तो उस इंसान को एक सीमा के बाद खुद को संतुष्ट कर लेना चाहिए.. अगर वह इसके बाद पैसो के पीछे पागल बन फिरता है तो यह उसका जीवन दुःख से भर देगी. ऐसा इंसान भी ख़ुशी नहीं पा सकता. इसलिए दोस्तों ! आपके पास जितना भी है उससे संतुष्ट रहे और असंतोष को अपने जीवन में न आने दे.

दूसरो के भाग्य पर जीने वाला :

हम लोग जब से पैदा होते है तब से अपने माँ – बाप के भाग्य पर जीने लग जाते है. लेकिन विदुर जी कहते है की दूसरो के भाग्य पर जीने वाला कभी भी खुश नहीं रह सकता. दोस्तों ! विदुर जी का कहना है की जब इंसान काबिल बन जाता है.. किसी काम को करने के लिए सक्षम हो जाता है तब इंसान को अपना भाग्य खुद बनाना चाहिए. उसे तब भी दूसरो के भाग्य के भरोसे नहीं रहना चाहिए. आपके लिए जब तक माता – पिता सबकुछ करते है सही है.. लेकिन जिस दिन आपको इसका अहसास होता है की मुझे भी कुछ करना चहिये उस दिन खुद पर डिपेंड होने का निर्णय आपको कर लेना चाहिए.

जब तक आप अपना भाग्य खुद नहीं बनाते तब तक आप कभी भी सच्ची ख़ुशी नहीं पा सकते. खुद के द्वारा खुद के लिए कुछ करना ही हमें सच्ची ख़ुशी देता है. जब आप दूसरो के भरोसे जीते हो तब आप दूसरो पर डिपेंड रहते हो. ऐसे में दूसरो की खुशियाँ आपकी ख़ुशी होती है व दूसरो का दुःख आपका दुःख बन जाता है.

कोई इंसान अगर अपनी पत्नी के पैसो से अपना जीवन निर्वाह करता है तो उसे अपनी पत्नी की हर बात माननी ही पड़ेगी.. चाहे वह गलत ही क्यों न हो. ऐसे में दूसरा व्यक्ति जैसा चाहे आपकी लाइफ को मोड़ सकता है. दूसरो के भरोसे जीवन गुजारना आपको कभी भी ख़ुशी नहीं दे सकता. इसलिए खुद पर डिपेंड रहिये व खुद को इतना मजबूत बना लीजिये की आपको इस संसार में किसी और पर डिपेंड न रहना पड़े. तभी आप सच्ची ख़ुशी महसूस कर पाओगे.

Read Also : चाणक्य नीति – इन 4 कामो को करने के बाद नहाना है जरुरी !

दोस्तों ! यहाँ हमने आपके साथ इस आर्टिकल में 6 ऐसी बातें शेयर की है जिन्हें करने पर आपको ख़ुशी नहीं मिल सकती ! अगर आपके अन्दर इनमे से कोई भी बुराई है तो उसे जल्द से जल्द दूर कर दे. वरना आप भी जीते जी हमेशा दुःख ही पाते रहोगे. इसलिए मित्रो खुद को अपडेट करे और विदुर जी की ये बातें अपनाकर खुद को बेहतर बनाये.

निवेदन- आपको 6 Baten Jo Apko Hamesha Dukh Hi Dengi / 6 बाते जो ज़िन्दगी भर आपको दुःख ही देंगी Hindi Article पढ़कर कैसा लगा. आप हमें Comments के माध्यम से अपने विचारो को अवश्य बताये. हमें बहुत ख़ुशी होगी.

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Comments

  1. hi says

    January 23, 2019 at 11:44 pm

    I visit each day a few web pages and information sites to read articles, except this web site presents quality based posts.|

  2. hemant rajput says

    April 15, 2017 at 6:18 pm

    आपने इस लेख को बहुत अच्छे तरीके से लिखा है

  3. अजना says

    April 14, 2017 at 3:31 pm

    बहुत सही बात विदुर नीति से समझाई है लेख क
    बधाई के पात्रहै

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