• Home
  • About Us
  • Hindi Stories
  • Hindi Quotes
  • Hindi Poems
  • Hindi Biography

Nayichetana.com

Best Hindi motivational & Inspiration Life Site




  • Home
  • Best Hindi Stories
    • Competitive Exam
  • Youtube Videos
  • Hindi Essay
  • Health In Hindi
  • Self Improvment
  • Hindi Slogans
You are here: Home / Best Hindi Post / सीख देती बच्चो की तीन प्रसिद्ध कहानियाँ !

सीख देती बच्चो की तीन प्रसिद्ध कहानियाँ !

November 1, 2016 By Surendra Mahara 12 Comments

बच्चो की तीन प्रसिद्ध कहानियाँ Bachho Ki Teen Prsiddh Kahaniyan

Table of Contents

  • बच्चो की तीन प्रसिद्ध कहानियाँ Bachho Ki Teen Prsiddh Kahaniyan
    • एकता में बल है (Ekta me bal hai Hindi kahani)
    • शेर और चुहिया (Sher Aur Chuhiya Hindi Kahani)
      • नकलची बन्दर और सौदागर (Naklchi bandar Aur Saudagar Hindi Kahani)

 

एकता में बल है (Ekta me bal hai Hindi kahani)

 

किसी गाँव में एक बूढा किसान रहता था. उसके चार पुत्र थे. वे चारो बहुत आलसी थे. आपस में लड़ते – झगड़ते रहते थे. किसान ने उन्हें बहुत समझाया लेकिन सब बेकार गया. एक दिन उसने अपने चारो पुत्रो को अपने पास बुलाया तथा लकड़ियों का गट्ठा लाने को कहा. वे लकड़ियों का गट्ठा ले आये. उसने हर एक लड़के को वह गट्ठा तोड़ने के लिए दिया लेकिन कोई भी उसे तोड़ न सका. तब उसने गट्ठा खोलकर एक – एक लकड़ी सभी को तोड़ने को दी.

अब सभी ने तोड़ दी. तब उसने उन्हें समझाया कि ” अगर तुम इन लकड़ियों की तरह इकटठे रहोगे तो तुम्हारा कोई कुछ बिगाड़ नहीं सकता. अगर तुम अकेले – अकेले रहोगे तो लोग तुम्हे नष्ट कर देंगे. अतः तुम सब इकटठे रहो. लड़ना, झगड़ना नहीं. एकता में ही बल है. यह सुनकर वे सभी आपस में मिल – जुल कर रहने लगे.

Moral of The Story : हमें हमेशा मिलजुल कर ही रहना चाहिए क्योंकि एकता में बल है. एक साथ रहेंगे तो कोई भी बाहरी ताकत हमारा नुकसान नहीं कर सकती वही अगर अलग – अलग रहेंगे तो हर कोई इसका फायदा उठाएगा और हमारे बीच फूट डाल सकता है.

Three Famous Stories Of Child Hindi

 

 

शेर और चुहिया (Sher Aur Chuhiya Hindi Kahani)

 

एक जंगल में एक शेर रहता था. एक दिन वह एक वृक्ष के नीचे सो रहा था. पास ही एक चुहिया का बिल था. अचानक चुहिया बाहर निकली और शेर को सोया देखकर उस पर कूदने लगी. अचानक शेर की नींद खुल गई और वह जाग पड़ा. उसने चुहिया को अपने पंजे में पकड़ लिया. वह उसने मारने लगा था कि तभी चुहिया ने विनती करते हुए शेर से कहा की मुझे माफ़ कर दो. मैं भी कभी आपके काम आउंगी. शेर ने हंसकर उसे छोड़ दिया.

एक दिन जंगल में एक शिकारी आ गया. उसने वहां जाल बिछा दिया. अचानक वह शेर उसमे फंस गया. शेर ने वहां से छूटने की बहुत कोशिश की लेकिन वह खुद को नहीं छुड़ा पाया और जोर – जोर से गरजने लगा. शेर की गरज को सुनकर चुहिया अपने बिल से बाहर निकली. बाहर देखा तो शेर को जाल में फंसा हुआ पाया.

वह शेर की मदद के लिए दौड़ी.  चुहिया ने अपने मित्र को जाल में फंसा देखकर उसका सारा जाल काट दिया. शेर आजाद हो गया और उसने चुहिया का धन्यवाद किया.

Moral of The Story : किसी को भी छोटा मत समझो. दोस्तों ! हमें कभी भी अपने जीवन में किसी व्यक्ति को कमजोर नहीं समझना चाहिए क्योंकि हर व्यक्ति एक स्पेशल हुनर होता है. कई नाजुक मौको पर वह व्यक्ति हमारे काम आ सकता है. इसलिए हर किसी की रिस्पेक्ट करो और सम्मान दो.

नकलची बन्दर और सौदागर (Naklchi bandar Aur Saudagar Hindi Kahani)

 

एक सौदागर था. वह टोपियाँ बेचकर अपना पेट पाला करता था. एक दिन वह टोपियाँ बेचने दूसरे गाँव में गया. गर्मी से व्याकुल होकर वह एक पेड़ के नीचे बैठ गया. बैठते ही उसे नींद आने लगी. वह टोपियों से भरा संदूक पास रखकर सो गया.

उसी पेड़ पर कुछ बन्दर बैठे थे. वह झट से नीचे उतरे और सौदागर के संदूक से टोपियाँ निकाल कर उन्होंने अपने सिर पर पहन ली. फिर छलांगे लगाते हुए पेड़ पर चढ़ गये. नींद खुलने पर सौदागर ने अपना संदूक खुला हुआ देखा और टोपियाँ उसमे से गुम पाई. क्या मेरी टोपियाँ कोई चुरा ले गया है ? वह ऐसा सोच रहा था कि तभी उसकी नजर पेड़ के ऊपर टोपियाँ पहने बंदरो पर पड़ी.

सौदागर ने बंदरो को बहुत डराया लेकिन टोपियाँ प्राप्त करने में उसे सफलता नहीं मिली. अंत में उसने एक उपाय सोचा और सोचते ही अपने सिर से टोपी उतार कर नीचे फेंक दी. बंदरो ने जब सौदागर को टोपी फेकते हुए देखा तो बंदरो ने भी अपनी – अपनी टोपियाँ सिर से उतार कर जमीन में फेंक दी. सौदागर ने टोपियाँ इकटठी की और अपने घर की ओर चल पड़ा.

Moral of The Story : जो काम बुद्धि से हो सकता है वह ताकत से नहीं हो सकता. अगर वह सौदागर बंदरो को भगाने का प्रयास करता या उनसे टोपियाँ छीनने की कोशिश करता तो शायद उसे अपनी टोपियाँ कभी नहीं मिलती पर अपनी बुद्धि से सौदागर ने बड़ी आसानी से टोपियाँ वापस पा ली.

 

इन प्रेरणादायक कहानियों को भी जरुर पढ़े :
*. क्यों जरुरी है सोच – समझ कर बोलना हिंदी कहानी
*. गलती को स्वीकार करो हिंदी कहानी
*. जैसा सोचोगे, वैसा बनोगे हिंदी कहानी
*. महात्मा और मुर्ख व्यक्ति हिंदी कहानी
*. क्या है असली ख़ुशी का राज हिंदी कहानी
*. समस्या का क्या है समाधान हिंदी कहानी

 

————————————————————————————————————————–

निवेदन – आपको Bachho ki Hindi kahaniya यह कहानी कैसी लगी हमे अपने कमेन्ट के माध्यम से जरूर बताये क्योंकि आपका एक Comment हमें और बेहतर लिखने के लिए प्रोत्साहित करेगा.
# हमारे Facebook Page पर हमसे जुड़े.

Related posts:

भीगी बिल्ली : स्वामी विवेकानन्द के जीवन का प्रेरक – प्रसंग कर्म ही पूजा है हिन्दी आध्यात्मिक कहानी जिंदगी एक गूंज है प्रेरणादायी हिन्दी कहानी दर्द को समझना सीखे हिंदी प्रेरक कहानी !

Filed Under: Best Hindi Post, Hindi Kahani, INSPIRATIONAL STORY, प्रेरणादायक हिन्दी कहानी, शिक्षाप्रद कहानी Tagged With: bachho ki inspirational hindi story, Bachho ki kahaniyan, bachho ki prsiddh ki shikshaprd hindi kahani, three Motivational Story in Hindi, बच्चो की तीन प्रसिद्ध कहानियाँ ! Bachho Ki Teen Prsiddh Kahaniyan

About Surendra Mahara

Surendra mahara Author and founder of Nayichetana.com. He is very passionate about blogging And make people motivated and positive..Read More
Connect On a Facebook
Connect On a Youtube

Comments

  1. sohail says

    February 15, 2020 at 10:36 am

    i real like this kahani

  2. Mr.Mithilesh kumar says

    August 4, 2019 at 8:23 pm

    बहुत ही अच्छी कहानी है।

  3. Rachna says

    November 24, 2016 at 12:59 pm

    very nice stories Surendra ji . Thanks for sharing

  4. Surendra Mahara says

    November 21, 2016 at 8:28 am

    Thankyou so much for your Compliment GOPAL KUAWAT ji.

  5. GOPAL KUAWAT says

    November 20, 2016 at 4:31 pm

    SURERENDRA JI NAMSTE AAJ MAINE AAPKI SITE DEKHI HAI! ESASE HAARE KO BAHUT SI ACHI BATE SHIJHANE MILEGI

  6. Amul Sharma says

    November 4, 2016 at 11:02 pm

    Bahut acchi kahaniyan……purani yaden taza ho gai…….sher aur chuiya ki kahani to me aaj bhi yaad kar leta hu…..thanks…..

  7. Surendra Mahara says

    November 2, 2016 at 11:47 pm

    Thankyou Satya ji for your comment.

  8. Surendra Mahara says

    November 2, 2016 at 11:46 pm

    Thankyou ravi ji.

  9. Ravi Shukla says

    November 2, 2016 at 10:31 pm

    Its very good storirs collection. such as a very motivative stories. thanks

  10. Ajay singh says

    November 2, 2016 at 10:29 pm

    kaaphi achi kahani padhne ko mili sir.

  11. Satya Prakash says

    November 2, 2016 at 4:27 pm

    I m so impressed to this story

  12. Nikhil Jain says

    November 2, 2016 at 11:07 am

    सुरेंद्र जी आपने बचपन को किताबों की याद दिला दी, रंगदार पन्ने और उनपर बने चित्र।
    जिंदगी की अत्यंत महत्वपूर्ण कहानिया है, एकता में बल है, किसी को भी छोटा नहीं समझना चाहिए, कर भला हो भला, बुद्धि शारीरिक बल से अधिक होती है, इन कहानियों से ही जिंदगी में सीखना शुरू किया था ।

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Sponsored Link




Top 7 Best Article In Nayichetana. Com

  • चाणक्य की 10 बातें आपकी ज़िन्दगी बदल सकती है
  • 3 बुरी लत जो आपकी जिंदगी बर्बाद कर देगी
  • वजन बढ़ाने के 21 आसान उपाय
  • आसानी से अपना कॉन्फिडेंस कैसे बढाये
  • मेरी ज़िन्दगी से सीखे गये मोटिवेशनल विचार
  • पैसो की सेविंग कैसे करे
  • कैसे पायें आसानी से सरकारी नौकरी ? 10 टिप्स

| About Us | Contact Us | Privacy Policy | Terms and Conditions | Disclosure & Disclaimer |

You Are Now: Nayichetana.com Copyright © 2015 - 2021 to Nayichetana.com